ब्रैन्सन 11 जुलाई को और बेजोस 20 जुलाई को जा रहे हैं अंतरिक्ष की सैर करने; पर आखिर अंतरिक्ष शुरू कहां से होता है? कैसा रहेगा यह स्पेस ट्रैवल?
यह महीना स्पेस टूरिज्म की दुनिया में नई छलांग का है। इस महीने तीन बड़ी बातें होने वाली हैं, पहली: ब्रिटिश बिजनेसमैन और वर्जिन ग्रुप के फाउंडर रिचर्ड ब्रैन्सन 11 जुलाई को बतौर मिशन स्पेशलिस्ट स्पेसशिप-2 यूनिटी पर सवार होकर स्पेस की सैर करेंगे।
दूसरी: नौ दिन बाद, यानी 20 जुलाई को अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ‘एज ऑफ स्पेस’ यानी अंतरिक्ष के सिरे की यात्रा के लिए उड़ान भरेंगे।
तीसरी: महीने के आखिर में बोइंग अपने स्काइलाइनर की टेस्ट फ्लाइट उड़ाने वाला है।
ब्रैन्सन की वर्जिन स्पेस शिप (VSS) यूनिटी स्पेसप्लेन की सफल फ्लाइट पृथ्वी की कक्षा के भीतर यानी सबऑर्बिटल टूरिज्म के नए रास्ते खोलेगी। बेजोस और बोइंग की फ्लाइट्स सफल रही तो एज ऑफ स्पेस यानी अंतरिक्ष के सिरे तक प्राइवेट कमर्शियल स्पेस ट्रेवल का मार्केट भी तेजी से बढ़ेगा। अब तक बिना क्रू के मिशन सफल रहे हैं। ब्रैन्सन की वर्जिन गैलेक्टिक, बेजोस की ब्लू ओरिजिन के साथ ही एलन मस्क की स्पेसएक्स और बोइंग भी स्पेस टूरिज्म के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ा रहे हैं। ब्रैन्सन के मिशन में भारत की बेटी सिरिशा भी उड़ान भरने वाली है। इस मिशन के बाद सिरिशा भारत में जन्मी और अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला के बाद दूसरी महिला बन जाएंगी।
ब्रैन्सन और बेजोस की कंपनियों को क्रू के साथ मिशन की अनुमति मिल चुकी है। इसी वजह से ब्रैन्सन 11 जुलाई और बेजोस 20 जुलाई को अपनी कंपनियों के पहले मैन्ड-मिशन में साथ जाकर इतिहास रचने जा रहे हैं। ब्रैन्सन की कंपनी की तैयारी 2022 से हर हफ्ते लोगों को स्पेस तक ले जाने की है। इसके लिए वह 2.50 लाख डॉलर यानी करीब 1.90 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी में है। इसी आधार पर रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक स्पेस टूरिज्म मार्केट 3 बिलियन डॉलर, यानी करीब 26 हजार करोड़ रुपए का होने जा रहा है।
आइए समझते हैं कि यह एज ऑफ स्पेस की फ्लाइट्स क्या है? साथ ही ब्रैन्सन और बेजोस का स्पेस ट्रैवल कैसा होने वाला है…
पर सबसे पहला सवाल कि आखिर स्पेस शुरू कहां होता है?
- आपको लग रहा होगा कि जहां वायुमंडल खत्म, वहां से स्पेस शुरू हो जाता है। पर ऐसा है नहीं। वायुमंडल तो धरती से करीब 10 हजार किमी ऊपर तक है। लेकिन ये भी अंतिम सच नहीं है। जैसे-जैसे आप ऊपर जाएंगे, हवा कम होती जाएगी। कहां खत्म हो गई है, यह पक्के से पता लगाना मुश्किल है।
- और तो और, स्पेस शुरू होने को लेकर अलग-अलग एजेंसियों की अपनी परिभाषाएं हैं। नासा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल रिकॉर्ड रखने वाले संगठन फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनल का मानना है कि कारमन लाइन से अंतरिक्ष शुरू हो जाता है। तो फिर कारमन लाइन क्या है? यह एक काल्पनिक लाइन है, जो समुद्र की सतह से 100 किमी ऊपर है। इसके ऊपर जाने वाले को एस्ट्रोनॉट माना जाता है। अब ब्रैन्सन और बेजोस स्पेस तक जा रहे हैं तो उन्हें 100 किमी ऊपर जाना होगा, तब उन्हें हम एस्ट्रोनॉट कह सकेंगे।
आइए अब जानते हैं कि रिचर्ड ब्रैन्सन और जेफ बेजोस का मिशन कैसा रहने वाला है-
रिचर्ड ब्रैन्सनः एयरप्लेन में ऊपर जाएंगे और फिर उससे रॉकेट अलग होगा
- कबः 11 जुलाई, रविवार
- समयः शाम 6 बजे (भारतीय समयानुसार)
- कहां सेः स्पेसपोर्ट अमेरिका, न्यू मैक्सिको
- फ्लाइट की अवधिः 2.5 घंटे
- कितना ऊपर जाएगा: 90-100 किमी
- यहां दिखेगा लाइवः VirginGalactic.com, Twitter, YouTube और Facebook
रिचर्ड ब्रैन्सन की अपनी कंपनी है वर्जिन गैलेक्टिक। इसने अब तक तीन बार एज ऑफ स्पेस तक की यात्रा की है। पर यह अब तक टेस्ट फ्लाइट्स ही थी। 25 जून को कंपनी को औपचारिक तौर पर लाइसेंस मिला है। यानी अब कंपनी आम लोगों को बेसिक ट्रेनिंग के बाद स्पेस तक ले जा सकती है।
ब्रैन्सन खुद फ्लाइट में जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कितना वक्त लगेगा, टूरिस्ट का वेटलेसनेस का अनुभव कैसा रहेगा, इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। इस वजह से उन्हें मिशन स्पेशलिस्ट यानी चालक दल का सदस्य कहा जा रहा है। कंपनी की प्लानिंग 2022 से हर हफ्ते टूरिस्ट को स्पेस तक ले जाने की है। ब्रैन्सन की उड़ान को इसका ट्रायल कहा जा सकता है।
मजेदार बात यह है कि ब्रैन्सन का कोई प्लान था ही नहीं। हर तरफ बेजोस के स्पेस ट्रैवल की ही चर्चा थी। पर जब वर्जिन गैलेक्टिक को 25 जून को लाइसेंस मिल गया तो कंपनी ने 11 जुलाई के अपने मिशन की घोषणा कर दी। साफ है कि ब्रैन्सन स्पेस टूरिज्म की इस होड़ में बेजोस को पछाड़ना चाहते हैं।
यह कैसे उड़ेगाः VSS यूनिटी की यह 22वीं फ्लाइट है। पर वह किसी रॉकेट का हिस्सा नहीं है बल्कि कंपनी के प्लेन वीएमएस ईव (VMS Eve) पर सवार होकर स्पेसपोर्ट अमेरिका से उड़ान भरेगा। करीब 15 किमी ऊपर जाने के बाद यूनिटी स्पेसक्राफ्ट अलग होगा और उसका रॉकेट इंजिन मैक-3 (यानी 3704.4 किमी/घंटा) की रफ्तार पकड़ेगा।
इसके बाद VSS यूनिटी अपने रॉकेट से करीब 90-100 किमी की ऊंचाई तक जाएगा। उस समय ब्रैन्सन समेत अन्य यात्रियों को करीब 4 मिनट वेटलेसनेस महसूस होगी। यहां से पृथ्वी गोल नजर आएगी। यानी उसका कर्वेचर दिखाई देगा। इसके बाद यह पृथ्वी पर लौटेगा और स्पेसपोर्ट के रनवे पर उतरेगा।
इसमें और क्या खास है…
ब्रैन्सन के साथ वर्जिन गैलेक्टिक के चीफ एस्ट्रोनॉट इंस्ट्रक्टर बेथ मोजेज, कंपनी के लीड ऑपरेशंस इंजीनियर कोलिन बेनेट और सरकारी मामलों और रिसर्च की वाइस प्रेसिडेंट सिरिशा बांडला भी रहेंगी। सिरिशा आंध्र प्रदेश के गुंटूर में पैदा हुई और ह्ययूस्टन (अमेरिका) में पली-बढ़ीं एक भारतीय मूल की महिला हैं। सिरिशा इस फ्लाइट के बाद कल्पना चावला के बाद भारत में जन्मीं दूसरी महिला एस्ट्रोनॉट बन जाएंगी।
जेफ बेजोसः जिस दिन आर्मस्ट्रांग ने चांद पर कदम रखा, उसी दिन स्पेस की सैर
- कबः 20 जुलाई, मंगलवार
- समयः अब तक तय नहीं
- कहां सेः वेस्ट टेक्सास, अमेरिका
- फ्लाइट की अवधि: 11 मिनट
- कितना ऊपर जाएगा: 100 किमी
- यहां दिखेगा लाइव: BlueOrigin.com और YouTube
जहां तक अमेज़न फाउंडर जेफ बेजोस के स्पेस ट्रैवल का सवाल है, इस पर खूब बातें हो रही हैं। उनकी अपनी कंपनी ब्लू ओरिजिन की यह पहली मानवसहित या क्रू फ्लाइट होगी। खास बात यह है कि 20 जुलाई का दिन तय करने की खास वजह है। अमेरिका के अपोलो 11 मून लैंडिंग मिशन की 52वीं वर्षगांठ इसी दिन पड़ रही है। इसी दिन 52 साल पहले नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति बने थे।
यह कैसे उड़ेगाः बेजोस की फ्लाइट ब्रैन्सन से बहुत ही अलग रहने वाली है। ब्रैन्सन पहले कैरियर विमान में और फिर स्पेसक्राफ्ट में जाएंगे। पर बेजोस एक कैप्सूल में बैठेंगे और उनकी कंपनी के रीयूजेबल न्यू शेपर्ड रॉकेट के पेलोड के तौर पर उड़ान भरेंगे। रॉकेट का नाम न्यू शेपर्ड रखने की भी अपनी कहानी है। 5 मई 1961 को फ्रीडम 7 स्पेसक्राफ्ट के साथ स्पेस मिशन पर जाने वाले पहले अमेरिकी एलन शेपर्ड के नाम पर रॉकेट का नाम रखा गया है।
बेजोस का कैप्सूल रॉकेट से अलग होगा। रॉकेट तो पृथ्वी पर लौट आएगा, पर कैप्सूल अलग होकर एज ऑफ स्पेस के पास रह जाएगा। इस कैप्सूल को ऑटोनोमस बनाया गया है। ताकि इसे अंदर से कंट्रोल किया जा सके। फिर तीन मिनट की वेटलेसनेस महसूस कर यह कैप्सूल पैराशूट की मदद से जमीन पर उतरेगा।
इसमें और क्या खास है…
बेजोस के साथ तीन लोग और होंगे। बेजोस के भाई मार्क बेजोस, 82 साल की एविएटर वैली फंक और 28 मिलियन डॉलर (207 करोड़ रुपए) में ऑक्शन के विजेता, जिनका नाम नहीं बताया गया है, को स्पेस ट्रैवल का मौका मिल रहा है। फंक इस मिशन के साथ अंतरिक्ष की सैर करने वाली सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन जाएंगी।
कौन ज्यादा ऊपर जाएगा- बेजोस या ब्रैन्सन?
- वीएसएस यूनिटी में बैठे ब्रैन्सन 90 किमी (2.95 लाख फीट) की ऊंचाई तक जाएंगे, वहीं बेजोस 100 किमी (3.30 लाख फीट) तक। दरअसल, ब्लू ओरिजिन के CEO बॉब स्मिथ ने दावा किया है कि ब्रैन्सन उस ऊंचाई पर नहीं जा सकेंगे, जहां बेजोस पहुंचेंगे। ब्रैन्सन कारमन लाइन तक नहीं जाएंगे और बेजोस के लिए यह बहुत अलग अनुभव रहने वाला है।
- ब्रैन्सन की वर्जिन गैलेक्टिक ने यह नहीं बताया है कि उनकी फ्लाइट की ऊंचाई कितनी रहने वाली है। पर आखिरी टेस्ट फ्लाइट में स्पेसशिप-2 स्पेस प्लेन ने समुद्री सतह से 55 मील (करीब 90 किमी) ऊपर तक उड़ान भरी थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्रैन्सन और उनके साथी यात्रियों को चार मिनट तक वेटलेसनेस महसूस होगी।
- इधर, ब्लू ओरिजिन के स्मिथ ने यह नहीं बताया कि ब्रैन्सन और बेजोस का अनुभव अलग कैसे रहेगा। पर दोनों ही फ्लाइट सब-ऑर्बिटल रहेगी। यानी पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं करेगी। अगर बेजोस का न्यू शेपर्ड 100 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा तो उन्हें करीब तीन मिनट वेटलेसनेस महसूस होगी।
इसके बाद बोइंग के स्टारलाइनर का भी है ऑर्बिटल फ्लाइट टेस्ट 2 (OFT-2)
- कबः 30 जुलाई, शुक्रवार
- समयः रात करीब साढ़े 12 बजे (भारतीय समयानुसार)
- कहां सेः SLC-41, कैप कैनावरल एयर फोर्स स्टेशन, फ्लोरिडा
- फ्लाइट की अवधि: 5-10 दिन
- कितना ऊपर जाएगा: 400 किमी
- यहां दिखेगा लाइवः NASA TV और YouTube
यह नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा है। ताकि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए स्पेस ट्रैवल को सस्ता और किफायती बनाया जा सके। नासा के प्रोग्राम के पहले हिस्से के तौर पर मई 2020 में एलन मस्क की स्पेसएक्स ने ड्रेगन कैप्सूल में नासा के दो एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचाया था। यह एक बड़ी कामयाबी थी।
इसी के दूसरे हिस्से के तौर पर बोइंग का CST-100 स्टारलाइनर 30 जुलाई को उड़ान भरने वाला है। टेस्ट फ्लाइट है, इस वजह से इसमें कोई इंसान नहीं होगा। इस दौरान स्टारलाइनर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक जाएगा और वहां कुछ सामान की डिलीवरी कर वहीं रुक जाएगा। 5-10 दिन बाद लौटेगा।
यह कैसे उड़ेगाः बोइंग अपने स्टारलाइन कैप्सूल को टेस्ट कर रहा है। इसे CST-100 नाम दिया गया है। यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस-5 रॉकेट के साथ कैप्सूल लॉन्च होगा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर उतरेगा। वहीं 5-10 दिन रहेगा और फिर पृथ्वी पर लौटेगा। यह भी बेजोस के कैप्सूल की तरह पैराशूट की मदद से उतरेगा। अगर स्टारलाइनर अपने टेस्ट में सफल रहा तो इसी साल के आखिर में नासा के दो एस्ट्रोनॉट लेकर वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएगा।
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ब्लू ओरिजिन की पहली स्पेस यात्रा:जेफ बेजोस के साथ अंतरिक्ष में सफर के लिए इस शख्स ने दिए 205 करोड़ रुपए
अमेरिकी कंपनी ब्लू ऑरिजिन की पहली स्पेस यात्रा के दौरान जेफ बेजोस के साथ सफर करने वाला शख्स चुन लिया गया है। इस शख्स का चयन नीलामी के जरिए हुआ है। अंतरिक्ष की यात्रा के लिए इस शख्स ने 28 मिलियन डॉलर करीब 205 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। हालांकि, अभी तक इस शख्स के नाम का खुलासा नहीं हुआ है। यह शख्स किस देश का रहने वाला है, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है।
1 सीट के लिए 7,600 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
ब्लू ऑरिजिन की वेबसाइट पर कहा गया है कि न्यू शेफर्ड में सफर के लिए एकमात्र सीट के यात्री का आज ऑनलाइन नीलामी के जरिए चयन किया गया। विजेता शख्स ने स्पेस के सफर के लिए 28 मिलियन डॉलर की बोली लगाई है। इस एकमात्र सीट के लिए आयोजित बोली में 159 देशों के 7,600 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। ब्लू ऑरिजिन ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि विजेता शख्स का नाम आने वाले सप्ताहों में नीलामी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद घोषित किया जाएगा। तब चौथे और अंतिम क्रू मेंबर के नाम की घोषणा की जाएगी।
20 जुलाई को उड़ान भरेगा ब्लू ऑरिजिन का न्यू शेफर्ड
ब्लू ऑरिजिन की पहली पैसेंजर फ्लाइट 20 जुलाई को लॉन्च साइट टेक्सास से उड़ान भरेगी। अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि वे अपने भाई मार्क के साथ इस पहली फ्लाइट में स्पेस की उड़ान भरेंगे। ब्लू ऑरिजिन जेफ बेजोस की ही कंपनी है। जेफ बेजोस 5 जुलाई को अमेजन के सीईओ पद को छोड़ने जा रहे हैं। उनके बाद एंडी जेसी अमेजन के सीईओ बनेंगे।
ब्लू ऑरिजिन के फाउंडेशन को जाएगी राशि
ब्लू ऑरिजिन ने पहले कहा था कि पहली पैसेंजर फ्लाइट की एकमात्र सीट की नीलामी से जो राशि मिलेगी, वह कंपनी के फाउंडेशन को दी जाएगी। यह एक क्लब ऑफ फ्यूचर है जो गणित और विज्ञान की शिक्षा को प्रमोट करता है। इस फ्लाइट का सफर कुल 11 मिनट का होगा। इस दौरान फ्लाइट 100 किलोमीटर (62 मील) की ऊंचाई तक सफर करेगी। इस फ्लाइट के यात्री केरमेन लाइन तक का सफर करेंगे। यह लाइन पृथ्वी के वातावरण और स्पेस के बीच बाउंड्री के रूप में जानी जाती है।
ग्राहकों को चार दिन का अनुभव मिलेगा
इससे पहले कंपनी कह चुकी है कि यह सफर करने वालों को कुल 4 दिन का स्पेस में यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसमें 3 दिन की प्री-फ्लाइट ट्रेनिंग शामिल हैं। यह ट्रेनिंग कंपनी की लॉन्च साइट टेक्सास के वेन हॉर्न में दी जाएगी। इस ट्रेनिंग के दौरान खान-पान समेत सभी प्रकार की सुविधाएं ब्लू ऑरिजिन की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी।
2020 में हर सेकेंड 1.81 लाख रुपए कमाए
बेजोस ने 2020 में हर सेकंड 1.81 लाख रुपए कमाए। बेजोस को जानने वाले मानते हैं कि वह हमेशा समय से आगे रहते हैं। 1982 में हाई स्कूल में बेजोस ने कहा था- पृथ्वी सीमित है, अगर दुनिया की आबादी और अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ती रही, तो अंतरिक्ष पर जाना ही एक मात्र रास्ता बचेगा। साल 2000 में बेजोस ने ब्लू ओरिजिन की स्थापना की थी। इसके दो साल बाद एलन मस्क ने स्पेस एक्स की स्थापना की, लेकिन इन सालों में ब्लू ओरिजिन कुछ खास नहीं कर पाई।
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