सेहत बीमा योजना बनेगी चुनावी मुद्दा:कोरोना इलाज की इजाजत के बावजूद CM कैप्टन अमरिंदर का गृह जिला पटियाला 9वें नंबर पर, बादलों का गढ़ बठिंडा सबसे फिसड्डी, जालंधर नंबर वन
CM के गृह जिले में ही टारगेट पूरा न होने पर सरकार की फजीहत हो रही है।
जरूरतमंद परिवारों को 5 लाख तक कैशलेस इलाज सुविधा वाली सरबत सेहत बीमा स्कीम (SSBY) के पंजाब में कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि CM कैप्टन अमरिंदर सिंह का गृह जिला पटियाला 9वें नंबर पर है। यहां करीब 53 हजार परिवार इससे वंचित हैं। सबसे फिसड्डी पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के गढ़ बठिंडा का है, जहां 76 हजार से ज्यादा परिवार इस स्कीम में कवर्ड ही नहीं हो सके। सबसे बेहतर हालात जालंधर के हैं, यहां अब करीब 31 हजार परिवार ही इस स्कीम के दायरे में आने से बचे हैं जबकि पंजाब में सर्वाधिक 88.15 % परिवारों को कवर किया जा चुका है। गुरुवार को जिला प्रशासन ने यह रैंकिंग लिस्ट जारी की। यह हालात तब हैं जबकि पंजाब सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए भी इस स्कीम को मान्यता दे दी थी।
8.83 लाख परिवार सुविधा से वंचित
सरबत सेहत बीमा योजना के तहत पंजाब में अभी भी 8.83 लाख परिवार ऐसे हैं, जो इसके पात्र हैं लेकिन कार्ड न बनने से उन्हें कैशलेस इलाज सुविधा नहीं मिल रही। पंजाब में ऐसे करीब 39.50 लाख परिवारों की पहचान की गई थी, जिन्हें इस स्कीम में कवर करना था। इसके बावजूद अभी तक 30.67 लाख परिवार ही दायरे में आ सके हैं। पंजाब में ओवरऑल टारगेट 77.65% ही पूरा हो सका है।पठानकोट, मुक्तसर में भी अच्छा काम, मोहाली व तरनतारन में बदतर स्थितियोजना के तहत जालंधर के बाद पठानकोट व मुक्तसर में अच्छा काम हुआ है। जहां 88.04% और 84.46% फैमिली इसमें कवर हो चुकी हैं। बठिंडा के साथ मोहाली व तरनतारन के बदतर हालात हैं क्योंकि बठिंडा में 66.04% परिवारों के बाद मोहाली में 69.73 और तरनतारन में 70.53% परिवार ही स्कीम के दायरे में आए हैं।
पंजाब विस चुनाव 2022 में बनेगा सियासी मुद्दा
कोरोना काल में व्यवसायिक गतिविधियां बंद हो गई। बहुत से लोगों की नौकरी चली गई। ऐसे में सबसे बड़ी मार जरूरतमंद परिवारों पर ही पड़ी, क्योंकि दिहाड़ी तक बंद हो गई थी। ऐसे में जरूरतमंद परिवारों के लिए सरबत सेहत बीमा योजना काफी फायदेमंद थी। खासकर, इसलिए भी क्योंकि पंजाब सरकार ने इस स्कीम के तहत कोरोना के इलाज की भी इजाजत दे दी थी। ऐसे में अफसरशाही सभी परिवारों को इसके दायरे में नहीं ला सकी। जिसके चलते अब पंजाब सरकार ने भी विरोधियों के हाथ से यह हथियार छीनने के लिए अफसरों को तेजी से टारगेट के मुताबिक परिवार कवर करने को कह दिया है।