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वुहान की लैब में चमगादड़ों में 3 तरह के वायरस मिले, लेकिन कोई भी कोरोना से मेल नहीं खाता

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बीजिंग. चीन के वुहान शहर स्थित वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस के तीन स्ट्रेन मिले हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी कोरोनावायरस से मेल नहीं खाता, जिससे दुनियाभर में लाखों जानें गईं। इंस्टीट्यूट की निदेशक वॉन्ग यान्यी ने ये जानकारी दी।

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की शुरुआत वुहान से हुई है। इससे 3.40 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये वायरस चमगादड़ों से आया और किसी स्तनपायी जानवर के जरिए इंसानों में फैला। वहीं, वुहान इंस्टीट्यूट के निदेशक वॉन्ग यान्यी ने चीनी मीडिया सीजीटीएन से कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य लोगों का दावा पूर्ण रूप से मनगढ़ंत है कि वायरस लैब से फैला।

जो वायरस मिले उसका सार्स कोव-2 से 79.8% मेल हुआ

इंटरव्यू 13 मई को रिकॉर्ड किया गया था और इसका प्रसारण शनिवार को किया गया। वॉन्ग ने कहा कि सेंटर में कुछ कोरोनावायरस की पहचान की गई है। हमारे पास जीवित वायरस के तीन स्ट्रेन हैं। लेकिन, सार्स कोव-2 से इनका 79.8% मेल हो पा रहा है।

दिसंबर से पहले हमें इस वायरस के बारे में पता ही नहीं थी: वॉन्ग

उन्होंने कहा कि दूसरे लोगों की तरह हमें भी इस वायरस के बारे में जानकारी नहीं थी। दिसंबर से पहले हमारी टीम को पता ही नहीं था कि यह वायरस मौजूद है, तो यहां से लीक कैसे हो सकता है। उनके पास 30 दिसंबर को इस वायरस के कुछ सैम्पल्स आए थे। उसका जीनोम 2 जनवरी को निकाला गया था और 11 जनवरी को डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी दी गई थी।

वायरस लैब से निकला: ट्रम्प और पोम्पियो का दावा किया

ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार दावा कर चुके हैं कि कोरोनावायरस का वुहान इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी से कनेक्शन है। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि उनके पास इसके सबूत हैं। कोरोना इसी लैब में तैयार किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में बताने कीइजाजत नहीं है।

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