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इंटरनेशनल योग डे:योग के लिए क्लास जरूरी नहीं, ऑफिस के बोर्ड रूम में भी कर सकते हैं; 5 मिनट की योग प्रैक्टिस से स्ट्रेस दूर होगा और दिमाग शांत रहेगा

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योग और उसके महत्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा की और 21 जून 2015 में पहली बार यह मनाया गया। कोरोना काल में योग का महत्व और बढ़ गया। जिसे कोरोना हुआ उसे भी और जिसे नहीं हुआ उसे भी डॉक्टरों ने योग करने की सलाह दी। योग इम्यूनिटी मजबूत करने के साथ-साथ स्वस्थ और एनर्जेटिक रखने में मदद करता है। इसके साथ ही योग का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे स्ट्रेस भी कम होता है।

कोरोना की वजह से घरों में बंद रहने का स्ट्रेस हो या फिर बढ़ती बेरोजगारी का, योग सभी तरह के स्ट्रेस कम करने में आपकी मदद करता है। एक अच्छी बात है कि योग के लिए किसी एक्सपीरियंस या किसी विशेष जगह की जरूरत नहीं है। आप इसे कहीं भी कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं स्ट्रेस दूर करने और बॉडी को रिलैक्स करने के लिए योग कैसे करें…

5 मिनट की रिलैक्सिंग योग प्रैक्टिस

इससे सिर्फ 5 मिनट में ही आपका दिमाग शांत हो जाएगा और बॉडी पूरी तरह रिलैक्स महसूस करेगी।

किन चीजों की जरूरत होगी

आपके पास योगा मैट है तो अच्छा है, अगर नहीं है तो चिंता की कोई बात नहीं है। आप योगा मैट की जगह टॉवल या फिर जमीन पर बैठ कर भी कर सकते हैं। एक आरामदायक जगह खोजें जहां आप केवल पांच मिनट के लिए अकेले बैठ सकें, कोई डिस्टर्ब न करे। अगर आपकी बॉडी योगा ब्लॉक या मेडिटेशन कुशन के साथ ज्यादा कम्फर्टेबल हो तो वो भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर हो सके तो योग के लिए कोई ऐसी जगह चुनें जो आपको नेचर के करीब ले जाती हो जैसे गार्डन या बालकनी। नेचुरल साउंड और खुली हवा के बीच योग करने से आपका दिमाग बहुत जल्दी रिलैक्स हो जाता है और पॉजिटिव एनर्जी मिलती है।

माइंड फुलनेस के बाद योग की बारी

योग के सभी आसनों को करते वक्त अपने बारे में सोचें। सेल्फ केयर और सेल्फ रिस्पेक्ट के बारे में सोचें। हर मोमेंट को अच्छी तरह एक्सपीरियंस करें। इससे आपका स्ट्रेस दूर होगा।

सुखासन (ईजी पोज)
क्रॉस लेग कर के कम्फर्टेबल पोजीशन में बैठें। पैरों को आराम दें और अपनी सांसों के बारे में सोचें। कुछ मिनट के लिए अपनी बॉडी में सेंसेशन को फील करें।

गर्दन को घुमाएं
अपने सिर को अपनी छाती की ओर आने दें। फिर धीरे-धीरे अपने सिर को हवा में सर्कल बनाते हुए गोल घुमाएं। तीन बार दाईं ओर और फिर तीन बार बाईं ओर घुमाएं। ऐसा करते वक्त हर उस बात को भूलने की कोशिश करें जो आपको परेशान करती है। आसान मुद्रा में लौटें और अपने सिर को ऊपर उठाएं।

कंधों को घुमाएं
हाथ को घुटने पर रखें और दोनों कंधों को चार बार आगे की तरफ और चार बार पीछे की तरफ घुमाएं। सांस छोड़ते हुए दोनों हाथ छाती के करीब लाकर नमस्ते की मुद्रा में रखें।

भर्मानासन
अपने घुटने और हथेली को नीचे रखें। हाथ और पीठ को एकदम सीधा रखकर बैलेंस बनाएं।

बिटिलासन (काऊ पोज)
भर्मानासन की मुद्रा में रहें। पेट को बाहर की तरफ छोड़ें और सांस लें। अपनी चिन और छाती को ऊपर उठाएं। छत की ओर देखें। कंधों को कान से दूर रखें।

मार्जरासन (कैट पोज)
सांस छोड़ें और अपने पेट को अपनी रीढ़ की ओर खींचें। अपनी पीठ को छत की ओर रेनबो आकार में उठाएं। धीरे-धीरे अपने सिर को फ्लोर की तरफ लाएं।

बिटिलासन और मार्जरासन को 5 से 10 बार दोहराएं​​​​​​​

अधोमुख श्वानासन
सांस खींचते हुए अपने पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं और टेबल जैसी आकृति बनाएं। सांस को बाहर निकालते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं। अपनी कोहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखें। ये तय करें कि शरीर उल्टे ‘V’ के आकार में आ जाए। इस आसन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहें। जबकि पैर हिप्स की सीध में रहेंगे।

इस बात का ध्यान रहे कि आपके टखने बाहर की तरफ रहेंगे। अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें। आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें और अपनी निगाह को नाभि पर केन्द्रित करने की कोशिश करें। इसी स्थिति में कुछ सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें और मेज जैसी स्थिति में​ फिर से वापस आ जाएं।

उत्तानासन
सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथ हिप्स पर रख लें। सांस को भीतर खींचते हुए घुटनों को मुलायम बनाएं। कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें। हिप्स और टेलबोन को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं। धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा। अपने हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें। छाती आपके पैरों से टच होगी। सीने की हड्डियों और प्यूबिस के बीच चौड़ा स्पेस रहेगा। जांघों को भीतर की तरफ दबाएं और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें। सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से झांककर देखते रहें। इसी स्थिति में 15-30 सेकेंड तक स्थिर बने रहें। जब आप इस स्थिति को छोड़ना चाहें तो पेट और नीचे के अंगों को सिकोड़ें। सांस को भीतर की ओर खींचें और हाथों को हिप्स पर रखें। धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठें और सामान्य होकर खड़े हो जाएं।

ताड़ासन
सीधे खड़े हो जाएं और पैरों के बीच कुछ दूरी रखें। दोनों हाथों को अपने शरीर के पास और सीधा रखें। अब गहरी सांस लेते हुए अपनी दोनों बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और अपनी उंगलियों को आपस में बांध लें। हाथों को सीधा रखें और स्ट्रेच करें। अपनी एड़ी उठाते हुए अपने पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं। इस दौरान आपके शरीर में पैरों से लेकर हाथों की उंगलियों तक स्ट्रेच महसूस होना चाहिए। 10 सेकेंड के लिए इस स्थिति में रहें और सांस लेते रहें। अब सांस छोड़ते हुए अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं। इस आसन को 10 बार दोहराएं।

ऊर्ध्व हस्तासन
ताड़ासन की तरह होता है यह आसन। इस आसन को करने से पहले सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसाकर ऊपर की ओर खींचें। फिर सांस खींचते हुए पहले दाईं तरफ और फिर बाईं तरफ थोड़ा झुकें। इस दौरान सामान्य सांस लेते रहें।

बालासन
वज्रासन मे बैठ जाएं अपनी रीढ़ को सीधा रखें। सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं। सांस छोड़ते हुए अपनी कमर के ऊपरी भाग को आगे झुकाएं साथ ही दोनों हाथों को भी। हाथों को सीधा रखें, और सिर को जमीन पर लगाएं। 30 सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक के लिए इसी मुद्रा में रहें। फिर वापस वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज आप कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं। जब भी आपको तनाव महसूस हो छोटा सा ब्रेक लें और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें…

बैली ब्रीदिंग

  • क्रॉस लेग कर के कंफर्टेबल पोजीशन में बैठें।
  • अपने बैली के बॉटम और फिर अपनी छाती में सांस लें। सांस इस तरह अंदर खींचें कि पेट से गले तक आपको महसूस हो।
  • पेट, छाती और गले से सांस छोड़ें।
  • इसे 5 बार दोहराएं।

हार्ट को रिलैक्स करने के लिए ब्रीदिंग

  • अगर घुटने में कोई दिक्कत न हो तो घुटने के बल आराम से बैठ जाएं। अगर घुटने में दिक्कत है तो क्रॉस लेग कर के बैठें।
  • अपना एक हाथ दिल के पास छाती पर रखें और दूसरा अपने पेट पर।
  • आंखें बंद कर के सांस लें और छोड़ें साथ में ॐ का उच्चारण करें।
  • इसे 5 बार दोहराएं।

कम्बाइनिंग ब्रीद विद बॉडी मूवमेंट

  • सबसे पहले योगा मैट पर टेबलटॉप स्थिति में आ जाएं, फिर अपने एक पैर को पीछे की ओर करके पंजे को जमीन से सटा दें। इसी तरह दूसरे पैर को भी फैलाएं।
  • अब अपने पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों पर पूरे शरीर का भार डालते हुए शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
  • इस दौरान कमर और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें और कुछ देर इसी अवस्था में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
  • इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें।

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