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22 हजार करोड़ रुपए का पब्लिक इश्यू:पेटीएम ने IPO की जिम्मेदारी JP मॉर्गन, गौल्डमैन सैक्स, ICICI सिक्योरिटीज और मॉर्गन स्टैनली को दी; 2021 में आएगा देश का सबसे बड़ा IPO

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देश की लीडिंग डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) 2021 में अपना IPO लॉन्च करने जा रही है। इसके जरिए करीब 22 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी। ताजा अपडेट यह है कि कंपनी ने पब्लिक इश्यू के लिए जेपी मार्गन, गोल्डमैन सैक्स, ICICI सिक्योरिटीज और मॉर्गन स्टैनली को इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर हायर किया है।

देश का सबसे बड़ा IPO हो सकता है
पेटीएम पर मालिकाना हक वन97 कम्युनिकेशंस का है। वन97कम्युनिकेशन का वैल्यूएशन करीबन 2 से 2.20 लाख करोड़ रुपए है। खास बात यह है कि अगर पेटीएम की IPO लॉन्चिंग सफल होती है, तो यह भारतीय बाजार का सबसे पब्लिक इश्यू होगा। फिलहाल यह तगमा सरकारी कंपनी कोल इंडिया के नाम है। कोल इंडिया ने 2010 में 15,200 करोड़ रुपए जुटाए थे।

जुलाई में सेबी के पास IPO के लिए आवेदन देगी कंपनी
ब्लूमबर्ग के मुताबिक कंपनी जुलाई में मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) फाइल कर सकती है। घरेलू फिनटेक कंपनी में अलीबाबा के एंट ग्रुप की 29.71%, सॉफ्ट बैंक विजन फंड की 19.63% और सैफ पार्टनर्स की 18.56% बड़ी हिस्सेदारी है। कंपनी के ओनर विजय शेखर शर्मा की हिस्सेदारी 14.67% है। इसके अलावा AGH होल्डिंग्स, T रोवे प्राइस और डिस्कवर कैपिटल, बार्कशेयर हैथवे की हिस्सेदारी है।

पेटीएम का फोकस रेवेन्यू बढ़ाने पर है
वन97 कम्युनिकेशन बोर्ड ने पिछले ही दिनों एक मीटिंग में IPO को मंजूरी दे दी थी। दरअसल, पेटीएम के फाउंडर में विजय शेखर शर्मा पिछले कुछ सालों से रेवेन्यू को बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। यह कंपनी डिजिटल से आगे बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, फाइनेंशियल सर्विसेस, वेल्थ मैनेजमेंट और डिजिटल वॉलेट की सेवाएं देती है। यह UPI बेस्ड पेमेंट सर्विस देती है।

मर्चेंट पेमेंट मार्केट में कंपनी की बड़ी हिस्सेदारी
बाजार में पेटीएम का मुकाबला वालमार्ट की फोन पे, गूगल पे, अमेजन पे और फेसबुक के वॉट्सऐप पे के साथ है। यह घरेलू मर्चेट पेमेंट के मामले में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखती हैं। पेटीएम के पास 2 करोड़ से ज्यादा मर्चेंट पार्टनर्स हैं। इसके ग्राहक महीने में लगभग 1.4 अरब ट्रांजेक्शन करते हैं।

 

मोबाइल वॉलेट भी बदल सकते हैं:2022 से पेटीएम और फोन पे जैसे वॉलेट से एक दूसरे में बदलने की सुविधा, रिजर्व बैंक ने जारी किया सर्कुलर

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद इन उपायों की घोषणा की थी। दास ने कहा था कि PPI के माइग्रेशन को पूर्ण केवाईसी में प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे PPI में बकाया शेष राशि की वर्तमान सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है - Dainik Bhaskar
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद इन उपायों की घोषणा की थी। दास ने कहा था कि PPI के माइग्रेशन को पूर्ण केवाईसी में प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे PPI में बकाया शेष राशि की वर्तमान सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है
  • ग्राहक जब PPI खोलेंगे तो नकद निकासी के लिए कुछ समय तक इसे रोकना होगा, ताकि धोखाधड़ी को रोका जाए
  • मोबाइल वॉलेट यूज़र्स- जिसने सभी KTC नियमों को पूरा किया है वे विभिन्न मोबाइल वॉलेट से पैसे भेज सकेंगे और पा सकेंगे

अगले साल में आप मोबाइल वॉलेट पेमेंट की कंपनियों को बदल सकते हैं। इससे आपका पूरा डिटेल वही रहेगा। केवल सेवा देनेवाली कंपनियां बदल जाएंगी। ठीक मोबाइल नंबर की तरह यह सुविधा मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरह का सर्कुलर जारी किया है।

आरबीआई 2022 तक इसे पूरा करना चाहता है

RBI के सर्कुलर के मुताबिक, 2022 तक वह चाहता है कि इसे पूरा कर लिया जाए। अगर ऐसा हो जाता है तो सभी लाइसेंसप्राप्त प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) जैसे कि पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे मोबाइल वॉलेट 2022 से इंटरऑपरेबल हो जाएंगे। इसका मतलब यह है कि अप्रैल 2022 से पूरी तरह से संचालित मोबाइल वॉलेट यूज़र्स- जिसने सभी KTC नियमों को पूरा किया है वे विभिन्न मोबाइल वॉलेट से पैसे भेज सकेंगे और पा सकेंगे।

वॉलेट से 2 हजार नकदी निकाल सकते हैं

RBI ने कहा कि कार्ड आधारित PPI के लिए यह कार्ड नेटवर्क इंटरऑपरेबिलिटी के जरिए और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए ई-वॉलेट के लिए हासिल किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा कि PPI फॉर मास ट्रांजिट सिस्टम्स (PPI-MTS) को इंटरऑपरेबिलिटी से छूट दी जाएगी जबकि गिफ्ट पीपीआई जारीकर्ताओं (issuers) के पास इंटरऑपरेबिलिटी पेश करने का विकल्प है। इसके अतिरिक्त मोबाइल वॉलेट का उपयोग अब 2,000 रुपए तक नकद निकासी के लिए किया जा सकता है। सर्कुलर के मुताबिक वॉलेट की सीमा भी 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई है।

शिकायतों का तरीका भी बनाना होगा

इस सुविधा को देने वाला कोई भी PPI को ग्राहकों की शिकायतों के लिए एक तरीका भी बनाना होगा। RBI ने अपने सर्कुलर में कहा कि इस संबंध में शिकायतें संबंधित लोकपाल (ombudsman) के दायरे में आती हैं और ग्राहकों की लायबिलिटी सीमित करती हैं। ग्राहक जब PPI खोलेंगे तो नकद निकासी के लिए कुछ समय तक इसे रोकना होगा, ताकि धोखाधड़ी को रोका जाए।

MPC में की गई थी घोषणा

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद इन उपायों की घोषणा की थी। दास ने कहा था कि PPI के माइग्रेशन को पूर्ण केवाईसी में प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे PPI में बकाया शेष राशि की वर्तमान सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है।

अक्टूबर 2018 में RBI ने दिशा निर्देश जारी किया था

अक्टूबर 2018 में RBI ने पहले पूर्ण KYC PPI के लिए स्वैच्छिक आधार पर इंटरऑपरेबिलिटी अपनाने के लिए दिशानिर्देश जारी किया था। लेकिन इंटरऑपरेबिलिटी की प्रक्रिया बहुत धीमी रही है। वर्तमान में बैंकों द्वारा जारी पूर्ण KYC PPI जैसे डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए नकद निकासी की अनुमति है। अब इन नए नियमों के साथ यहां तक कि एक पेमेंट वॉलेट या प्रीपेड कार्ड का उपयोग ATM, माइक्रो-एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (POS) टर्मिनलों पर नकदी निकालने के लिए किया जा सकता है।

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