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टोक्यो में 50 दिन बाद शुरू होगा दुनिया का सबसे बड़ा खेल महोत्सव; जानिए कोरोना की वजह से कितना बदला-बदला होगा इस बार ओलिंपिक

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23 जुलाई यानी आज से ठीक 50 दिन बाद टोक्यो ओलिंपिक की शुरुआत होनी है। अब तक 14 अलग-अलग खेलों में 100 भारतीय ओलिंपिक के लिए क्वॉलीफाई कर चुके हैं। दुनियाभर के देश इन खेलों की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन जापान जहां इन खेलों का आयोजन होना है वहां, कोरोना की चौथी लहर ने एक बार फिर से सबकी चिंता बढ़ा दी है। जापान के लोग इस आयोजन का विरोध कर रहे हैं, तो खिलाड़ी और खेल संघ इसके आयोजन के पक्ष में हैं।

ओलिंपिक से 50 दिन पहले आइए जानते हैं कि आखिर जापान में अभी कोरोना की क्या स्थिति है? जापान के लोगों में इस आयोजन को लेकर किस तरह की भावनाएं हैं? कोरोना के कारण खिलाड़ियों के लिए क्या नियम बनाए गए हैं? क्या कोरोना के कारण ओलिंपिक आयोजन का खर्च भी बढ़ गया है? भारत के लिए मेडल की उम्मीद किन खिलाड़ियों से है? और क्या अभी भी ओलिंपिक कैंसिल हो सकता है?

इन खेलों का आयोजन 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होना है। हालांकि सॉफ्टबॉल और महिला फुटबॉल जैसे कुछ खेल 23 को होने वाली ओपनिंग सेरेमनी से दो दिन पहले 21 जुलाई से से ही शुरू हो जाएंगे।

जापान में अभी कोरोना की क्या स्थिति है?

मेजबान टोक्यो सहित जापान के अधिकतर शहरों में कोरोना की चौथी लहर चल रही है। हालांकि 15 मई के बाद रोज आने वाले केस घटे हैं। 31 मई को देश में 3 हजार से ज्यादा मामले ही सामने आए। जो 15 मई को 6 हजार को पार कर गए थे। वैसे जापान में अब तक 7 लाख 46 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले आ चुके हैं। वहीं, 13 हजार से ज्यादा संक्रमितों की जान जा चुकी है। अभी पूरे देश में 53 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं।

अगर वैक्सीनेशन की बात करें तो अब तक जापान की 7.7% आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है। वहीं, 2.2% आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेट हुई है। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के बीच जापान ओलिंपिक कमेटी इस महीने से जापानी ओलिंपिक डेलीगेशन के वैक्सीनेशन की कोशिश कर रही है।

मार्च में ही जापान ने ऐलान किया था कि ओलिंपिक के दौरान केवल जापान के दर्शकों को ही मैदान में एंट्री दी जाएगी। देश में चौथी लहर आने के बाद जापान ओलिंपिक कमेटी इस बात पर विचार कर रही है कि केवल उन्हीं दर्शकों को मैदान में एंट्री दी जाए जो पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों या फिर जिनके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट हो।

क्या जापान के लोग ओलिंपिक का आयोजन चाहते हैं?

जापान में कोरोना को देखते हुए ओलिंपिक के आयोजन का विरोध भी हो रहा है। हाल ही में जापान के लोगों ने स्टॉप टोक्यो ओलिंपिक नाम से ऑनलाइन कैंपेन भी शुरू किया है। देश के सबसे बड़े अखबारों में से एक असाही शिंबुन ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए ओलिंपिक कैंसिल करने की अपील की है।

दर्जनों शहरों ने ओलिंपिक में हिस्सा लेने आ रहे एथलीट्स की मेजबानी का प्लान कैंसिल कर दिया है। लोकल मीडिया के मुताबिक टोक्यो ओलिंपिक के दौरान प्रतिभागियों की मेजबानी के लिए 528 कस्बों को रजिस्टर किया गया था, इसमें से 40 ने इससे इनकार कर दिया है। जापान में करवाए गए अलग-अलग सर्वे में करीब 70 से 80 फीसदी लोग ओलिंपिक कैंसिल किए जाने के पक्ष में हैं।

क्या सारे इवेंट टोक्यो में ही होंगे?

राजधानी टोक्यो इन खेलों का मेजबान है। ज्यादातर इवेंट यहीं होने हैं। हालंकि कुछ खेलों का आयोजन दूसरे शहरों में भी होगा। जैसे- रोड साइकिलिंग माउंट फुजी में, मैराथन और रेस वॉकिंग सपोरो में, फुटबॉल मैच छह अलग-अलग शहरों में। वहीं, सॉफ्टबॉल और बेसबॉल के इवेंट फुकुशिमा और याकोहामा में आयोजित होंगे।

कोरोना के कारण खिलाड़ियों को लेकर क्या नियम हैं?

हर खिलाड़ी को अपने फोन में हेल्थ रिपोर्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए दो ऐप डाउनलोड करने होंगे। जिन खिलाड़ियों के पास स्मार्टफोन नहीं होगा, उन्हें ऑर्गनाइजर सैमसंग का स्मार्टफोन देंगे। सभी प्रतिभागियों का रोज कोरोना टेस्ट होगा। सभी प्रतिभागियों को एक प्लेबुक भी दी जाएगी जिसमें खेलों के दौरान यात्रा करने, खाने-पीने, घूमने को लेकर नियम दिए होंगे। इसे नहीं मानने वाले पर डिस्प्लिनरी एक्शन लिया जाएगा। खिलाड़ियों को जब भी कोरोना टेस्ट के लिए कहा जाएगा, उस वक्त अगर वो टेस्ट कराने से इनकार करेंगे तो उन्हें ओलिंपिक खेलों से बाहर कर दिया जाएगा।

जिन देशों के एथलीट पहले से वैक्सीनेटेड होंगे, उनका भी खेलों के दौरान कोरोना टेस्ट हो सकता है। इसके साथ ही हर प्रतिभागी को कोरोना की दो निगेटिव रिपोर्ट भी साथ लेकर जापान जाना होगा। किसी भी प्रतिभागी को पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करने की इजाजत नहीं होगी। उन्हें तय की गई जगहों पर ही खाना खाना होगा। एथलीट्स को हर समय मास्क भी लगाए रहना होगा, यहां तक कि मेडल सेरेमनी के दौरान भी।

भारत को मेडल की उम्मीद किन खिलाड़ियों से है?

भारत को बॉक्सिंग, रेसलिंग, शूटिंग और बैडमिंटन जैसे खेलों से मेडल की उम्मीद है। इसके साथ ही पिछले कुछ समय से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन को देखते हुए उससे भी मेडल की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, टीम दबाव में कैसा खेलती है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।

बॉक्सिंग में अमित पंघाल और एमसी मैरीकॉम मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। वहीं, रेसलिंग में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट देश के लिए मेडल ला सकते हैं। बैडमिंटन में पीवी सिंधु से एक बार फिर पदक की उम्मीद है। वहीं, शूटिंग में सौरभ कुमार और मनु भाकर के साथ वर्ल्ड नंबर वन शूटर इलावेनिल वालारिवान से मेडल की उम्मीद है। इसके साथ ही जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा भी कमाल कर सकते हैं।

कोरोना का असर क्या ओलिंपिक आयोजन के खर्च पर भी पड़ेगा?

टोक्यो ओलिंपिक अब तक का सबसे महंगा ओलिंपिक होने वाला है। कोरोना के कारण जो सेफ्टी मेजर्स किए जा रहे हैं, उनकी वजह से करीब 20 हजार करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा खर्च आयोजन में जुड़ेगा। अगर कुल खर्च की बात करें तो इस ओलिंपिक के आयोजन में कुल 1.14 लाख करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है।

क्या ओलिंपिक आयोजन अभी भी कैंसिल हो सकता है?

हां, हो सकता है। लेकिन, न तो जापान के प्लेयर्स और खेल एसोसिएशन ने, न ही दुनिया के किसी देश ने इसके आयोजन का विरोध किया है। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी (IOC) और मेजबान देश टोक्यो के बीच हुए करार के मुताबिक केवल IOC ही खेलों को कैंसिल कर सकता है। IOC की कुल कमाई का 70% ब्रॉडकास्टर्स से और 18% स्पॉन्सर्स से आता है। ऐसे में अगर खेलों का आयोजन नहीं होता है तो इससे IOC को भारी नुकसान होगा।

रूस पर तो बैन लगा है तो क्या उसके खिलाड़ी इन खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे?

रूस औपचारिक तौर पर इन खेलों में हिस्सा नहीं ले रहा है। मास डोपिंग के चलते 2019 में रूस पर चार साल का बैन लगा था। जिसे पिछले साल घटाकर दो साल कर दिया गया। ये बैन अभी जारी है। हालांकि रूस के खिलाड़ी इन खेलों में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन रूस के झंडे तले नहीं बल्कि, ओलिंपिक कमेटी के झंडे तले।

इन खेलों को क्या कहा जाएगा- टोक्यो ओलिंपिक 2020 या 2021?

1964 के बाद ये दूसरा मौका है जब ओलिंपिक खेलों का आयोजन टोक्यो में हो रहा है। भले ही इन खेलों का आयोजन 2021 में हो रहा है, लेकिन इन खेलों को 2020 ओलिंपिक ही कहा जाएगा। यानी, खेलों के दौरान जो मेडल दिए जाएंगे, खिलाड़ियों की जर्सी, टेलीविजन ग्राफिक्स तक पर भी टोक्यो 2020 ही लिखा दिखेगा।

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