केंद्र की बड़ी घोषणाएं:गांव-गांव तक वाई-फाई पहुंचाने के लिए PM वाणी स्कीम लॉन्च, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की
केंद्र सरकार ने इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को तीन बड़ी योजनाओं की घोषणा की। इनमें दो डिजिटल इकोनॉमी से जुड़ी हैं। इनमें एक पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क एक्सेस स्कीम ‘पीएम वाणी’ है। इसका मकसद गांव-गांव तक वाई-फाई नेटवर्क पहुंचाना है।
दूसरी योजना अरुणाचल प्रदेश में 4जी नेटवर्क और लक्षद्वीप में फाइबर केबल पहुंचाना है। इसके साथ ही आत्मनिर्भर रोजगार योजना को भी मंजूरी दी गई है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और लेबर मिनिस्टर संतोष गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क योजना
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि इसके तहत पब्लिक डेटा ऑफिस, पब्लिक डेटा एग्रीगेटर और ऐप प्रोवाइडर तैयार किए जाएंगे। ऐप प्रोवाइडर को सात दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा। इसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत ऐप इकोनॉमी में पूरी दुनिया में नंबर वन है। करोड़ों लोगों के पास स्मार्ट फोन हैं। इस दौरान इन्फॉर्मेशन सबसे बड़ी पावर है। हमने देखा कि लॉकडाउन में सब बंद हुआ, लेकिन कम्युनिकेशन चलता रहा। वर्क फ्रॉम होम से पूरा आईटी सिस्टम चलता रहा। इसी को ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की गई है। यह कदम डिजिटल बदलाव का बड़ा जरिया बनने वाला है। यह पब्लिक कॉलिंग बूथ से बड़ी क्रांति होगी। इसकी बदौलत गांव में वाई-फाई होगा। करोड़ों लोग इसका इस्तेमाल करेंगे। यह बहुत क्रांति है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सुदूर इलाकों में डिजिटल एजुकेशन की बड़ी संभावना देख रहा हूं। इसके लिए किसी को भी एक बार ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद वह किसी भी पब्लिक डेटा ऑफिस से वाईफाई ले सकते हैं। इसका फायदा यह होगा कि लोग हाई-स्पीड इंटरनेट इस्तेमाल करेंगे। नए बिजनेस शुरू होंगे। गांव में बच्चे इंटरनेट से किताब डाउनलोड करेंगे। वाई-फाई की मदद से पढ़ सकेंगे। इसे इस्तेमाल करने का रेट फिक्स होगा। इसमें सरकार दखल नहीं देगी। इसकी क्या कीमत होगी यह मार्केट के ऊपर छोड़ेंगे।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
कैबिनेट ने 22,810 करोड़ की आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना भी शुरू की है। इसका मकसद उद्योगों में नई नौकरियां बढ़ाना है। इसके तहत सरकार दो साल तक एम्पलाई और एम्प्लॉयर दोनों का ईपीएफ अंशदान देगी। लेबर मिनिस्टर संतोष गंगवार ने बताया कि यह योजना 2023 तक जारी रहेगी। इससे करीब 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि पिछले एक साल में नौकरियों के अवसर कम हो रहे हैं। कोरोना को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएं।
योजना की खास बातें
- इस योजना के दायरे में वे लोग आएंगे, जिनका मासिक वेतन 15000 से कम है।
- योजना के तहत 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 पर नौकरी पर रखे गए एम्पलाई का 24 प्रतिशत EPF अंशदान सरकार देगी।
- जिन संस्थानों में 1000 या उससे से कम कर्मचारी हैं वे इसके दायरे में आएंगे।
- 1000 से ज्यादा कर्मचारी वाले संस्थानों में सरकार 12 प्रतिशत अंशदान देगी।
- इसके अलावा कोरोना के दौरान जिनकी नौकरी गई, उन्हें दोबारा नौकरी देने पर विचार चल रहा है।
- 50 कर्मचारी वाले संस्थान में 2 नए लोगों को नौकरी दी जाती है तो उसे योजना का फायदा मिलेगा।
- 50 से ज्यादा कर्मचारी वाले संस्थान को 5 लोगों को नौकरी देनी होगी, तब योजना का फायदा मिलेगा।
पहले लागू योजनाओं से फायदा मिला
कोरोना के दौरान सरकार ने रोजगार सृजन के लिए स्कीम शुरू की थी। इसके तहत सरकार ईपीएफ में 12 प्रतिशत अंशदान दे रही थी। इससे करीब 1.21 करोड़ लोगों को फायदा मिला। पहले ऑर्गेनाइज सेक्टर में छह करोड़ मजदूर थे। अब यह संख्या 10 करोड़ हो गई है। नई योजना से 15 हजार से कम वेतन वालों की टेक होम सेलरी बढ़ेगी। इससे बाजार में मांग भी बढ़ेगी। लाखों लोगों को इससे नौकरी मिलेगी। पिछली योजना से 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा मिला था।
लक्षद्वीप में फाइबर केबल, अरुणाचल में 4 जी को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि दूरदराज के आई-लैंड्स में संचार के साधन बढ़ें इसकी प्रधानमंत्री मोदी को बहुत चिंता है। इसी के तहत हम अंडमान से चेन्नई तक 1500 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबल ले गए। लक्षद्वीप में 11 आईलैंड हैं। यहां टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। यहां कनेक्टिविटी की बात हमेशा आती है। इसलिए यहां कोच्चि से लक्षद्वीप के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की योजना है। यह काम 1000 दिन में इसे पूरा किया जाएगा। इस पर लगभग 1072 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पीएम हमेशा कहते हैं कि नॉर्थ ईस्ट की चिंता की जानी चाहिए। अभी 4जी का काम सब जगह चल रहा है। सिर्फ दो जगह बची थीं-अरुणाचल और असम के दो जिले। आज हमने असम के दोनों जिलों और अरुणाचल में 4 जी को अप्रूव कर दिया है। इससे 2374 गांव तक 4जी नेटवर्क पहुंचेगा। इसके लिए 1533 टावर लगाए जाएंगे।