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किसान आंदोलन LIVE:सरकार ने कानूनों में बदलाव का ड्राफ्ट किसानों को भेजा; कहा- वर्क-इन-प्रोग्रेस, आखिरी चर्चा की उम्मीद

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है। सरकार ने आज तीनों नए कृषि कानूनों में बदलाव का लिखित प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। सरकार ने कहा है कि उम्मीद है अब किसानों से बातचीत का आखिरी दौर होगा। दूसरी तरफ किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है।

सरकार ने कहा- वर्क-इन-प्रोग्रेस
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देने के लिए सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें किसानों को भेजे गए प्रस्ताव के बारे में पूछा गया तो सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- जब एक अंतिम दौर की बातचीत हो रही हो, तो यह वर्क-इन-प्रोग्रेस माना जाता है। इसकी रनिंग कमेंट्री नहीं हो सकती। किसानों के मुद्दों पर सरकार संवेदनशील है।सरकार ने किसानों से 6 बार चर्चा की है। उम्मीद है अब आखिरी दौर होगा।

‘सरकार जिद पर अड़ी तो किसान भी पीछे नहीं हटेंगे’
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पीछे नहीं हटेंगे। यह सम्मान का मुद्दा है। क्या सरकार कानून वापस नहीं लेना चाहती? क्या किसानों पर अत्याचार होगा? अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो, किसान भी अपनी बात पर डटे हैं। कानून वापस होने ही चाहिए। सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे।

राहुल समेत 5 विपक्षी नेता आज राष्ट्रपति से मिलेंगे
20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के भारत बंद में भी विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। विपक्ष के 5 नेता आज 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। इनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल होंगे।

अकाली दल के कार्यकर्ता फ्री डीजल बांट रहे
आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली बॉर्डर की तरफ जा रहे लोगों को दिल्ली-अमृतसर हाईवे के एक पेट्रोल पंप पर फ्री डीजल दिया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पंजाब के ज्यादा से ज्यादा लोग आंदोलन में शामिल हो सकें, इसलिए यह सुविधा दे रहे हैं। इसके लिए स्थानीय युवाओं और अपने NRI दोस्तों की मदद ले रहे हैं।

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