865 करोड़ का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट:गुजरात के आर्किटेक्ट की डिजाइन पर 2022 तक बन जाएगी नई संसद, इंडिया गेट के आसपास 10 इमारतों में 51 मंत्रालयों के दफ्तर होंगे
गुजरात हाईकोर्ट, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी जोधपुर जैसी बिल्डिंग्स को डिजाइन कर चुके बिमल पटेल ने इस प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार किया है
सबसे पहले जानते हैं कि नई संसद बनाने की जरूरत क्यों पड़ी?
संसद भवन अब पुराना हो चुका है, जिसमें कई जगह रिपेयरिंग की जरूरत है। एयर कंडीशनर, ऑडिओ-विजुअल सिस्टम, वेंटिलेशन और इलेक्ट्रिसिटी जैसी तमाम चीजों में बदलाव की जरूरत है। वहीं, राज्यसभा और लोकसभा में सिटिंग कैपेसिटी मैक्जिमम लेवल पर पहुंच चुकी है। इस वजह से नई बिल्डिंग जरूरी है। मंत्रालयों के ऑफिस भी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर हैं। नए कंस्ट्रक्शन में इसे भी तरजीह दी जा रही है कि सभी मंत्रालय एक ही जगह हों।
सेंट्रल विस्टा क्या है?
1911 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस के डिजाइन पर कंस्ट्रक्शन के बाद नई दिल्ली वजूद में आई थी। इसके बाद 1921-27 के दरमियान संसद भवन बना। तब नए कंस्ट्रक्शन के लिए इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक के तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के आसपास के इलाके की पहचान हुई। इसे ही ‘सेंट्रल विस्टा’ नाम दिया गया। तब से नई दिल्ली में लुटियंस जोन के इस इलाके को सेंट्रल विस्टा के नाम से पहचाना जाता है। अब जो रिनोवेशन और नया कंस्ट्रक्शन होने जा रहा है, उसे भी केंद्र सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ही नाम दिया है।
टाटा को मिला कॉन्ट्रैक्ट
संसद की नई इमारत बनाने का कॉन्ट्रैक्ट टाटा को मिला है। इस प्राेजेक्ट पर 865 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नई संसद पार्लियामेंट हाउस स्टेट के प्लॉट नंबर 118 पर बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत नई संसद के अलावा इंडिया गेट के आसपास 10 इमारतें और बनेंगी, जिनमें 51 मंत्रालयों के दफ्तर होंगे।
नई-पुरानी बिल्डिंग्स डायमंड लुक देगी
इस पूरे प्रोजेक्ट में पुरानी बिल्डिंग के दोनों तरफ ट्राएंगल शेप में दो बिल्डिंग बनेंगी। पुराने संसद भवन का आकार गोल है, जबकि नई संसद तिकोने आकार में होगी। इसके चलते नई और पुरानी बिल्डिंग्स एक साथ देखने पर डायमंड लुक नजर आएगा। उम्मीद है कि संसद की नई बिल्डिंग 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
पुरानी पार्लियामेंट के कई हिस्सों में रिपेयरिंग की जरूरत है। इसलिए उसके कुछ हिस्सों को रिनोवेट किया जाएगा। उस जगह जो नई बिल्डिंग बनेगी, उसमें कृषि भवन, शास्त्री भवन आदि शामिल है।
नई संसद की खासियत
- नई संसद की बिल्डिंग मौजूदा संसद भवन के बगल में होगी और दोनों बिल्डिंग में एक साथ काम होगा।
- अभी लोकसभा में 590 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने के इंतजाम होंगे।
- अभी राज्यसभा में 280 की सिटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
- लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
- संसद के हरेक अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस होंगे। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए हाईटेक ऑफिस की सुविधा होगी।
- कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक होगा। कमिटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों को हाईटेक इक्विपमेंट से बनाया जाएगा।
- कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और वीआईपी लाउंज की भी व्यवस्था होगी।
नए प्रोजेक्ट में ये बातें खास होंगी
- नया संसद भवन हाई एनर्जी एफिशियंसी के साथ बनेगा। इसे ग्रीन बिल्डिंग की रेटिंग भी दी जाएगी।
- लोकसभा और राज्यसभा हॉल में हाई क्वॉलिटी एकोस्टिक होगा।
- एयर कंडीशनिंग, लाइटिंग, इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट आसानी से अपग्रेड किए जा सकेंगे।
- बिल्डिंग का मेंटेनेंस और ऑपरेशन आसानी से किया जा सकेगा।
- वीवीआईपी के लिए अंडरग्राउंड एन्ट्रेंस, जबकि आम लोगों और अधिकारियों के लिए ग्राउंड फ्लोर से एंट्री होगी।
- दिव्यांग व्यक्ति को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका भी खास ख्याल रखा जाएगा।
- नए प्लान के मुताबिक, केंद्र सरकार के सभी एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस एक साथ एक ही जगह पर लाए जाएंगे, जिससे कामकाज में आसानी हो।
- पुरानी बिल्डिंग के कुछ हिस्सों को तोड़कर वहां सेक्रेटिएट बिल्डिंग बनाई जाएगी। ऐसा करने से जमीन का सही इस्तेमाल हो सकेगा।
डिजाइन को लेकर प्रधानमंत्री ने क्या कहा है?
नए पार्लियामेंट हाउस की डिजाइन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था कि नई बिल्डिंग कामकाजी लोगों और आम लोगों के इस्तेमाल के लिए आसान हो और संसद की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली हो। उन्होंने यह भी कहा था कि सुरक्षा के इंतजाम भी ऐसे होने चाहिए कि आम लोग भी बिल्डिंग में आसानी से आ सकें और उन्हें डर का एहसास न हो।
कौन हैं बिमल पटेल?
आर्किटेक्चरिंग की दुनिया में बिमल पटेल चर्चित नाम हैं। उनकी कंपनी HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने गुजरात सरकार और केंद्र सरकार के लिए कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। अहमदाबाद का रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट, कांकरिया का री-डवलपमेंट, राजकोट रेसकोर्स री-डवलपमेंट, आरबीआई अहमदाबाद, गुजरात हाईकोर्ट, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी जोधपुर जैसी कई बिल्डिंग्स की डिजाइन पटेल ने ही तैयार की हैं। आर्किटेक्चरिंग में उनका 35 साल का एक्सपीरियंस है। सरकार उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है।