Newsportal

95% बाई या प्लंबर को काम पर नहीं बुला रहे लोग, इनकी मदद और संक्रमण से बचाव के लिए एक्सपर्ट्स ने सुझाए 12 तरीके

एक्सपर्ट्स की सलाह- कर्मचारियों पर शक न करें और काम से पहले उन्हें हाथ सैनिटाइज करवाएं काम के दौरान मास्क जरूर लगाकर रखें, अगर हो सके तो कर्मचारी को फेस शील्ड भी मुहैया कराएं

0 305

कोरोनावायरस ने मानसिक तौर पर भी लोगों को अपनी चपेट में लिया है। दूसरे लोगों को शक की नजर से देखा जा रहा है। यहां तक कि हम घर पर मदद के लिए आने वाले इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, सफाईकर्मी, राजमिस्त्री, कारपेंटर, ड्राइवर, माली, काम करने वाली बाई जैसे लोगों पर भरोसा नहीं कर पा रहे। शक और डर के कारण हमारे मददगार ये लोग बेरोजगार हो गए हैं। अब लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील तो दी जा रही है, लेकिन लोग अभी इन्हें बुलाने या इनके पास जाने में हिचक रहे हैं।

हाल हीं में डोमेस्टिक वर्कर्स सेक्टर स्किल काउंसिल (DWSSC) नें 8 राज्यों में एक सर्वे किया था। इसमें पता चला कि घरों में काम करने वाले 85% वर्कर्स ने माना है कि लॉकडाउन के चलते लोगों ने उन्हें पैसे नहीं दिए। 95% वर्कर्स का कहना है कि वे सभी सावधानियों का पालन कर रहे हैं, इसके बावजूद लोग उन्हें काम देने से बच रहे हैं।

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर अनिल कुमार गुलाटी कहते हैं कि हमें ऐसा सिस्टम तैयार करना होगा, जिसमें अगर हमें संक्रमण है तो इसे दूसरों को न फैलाएं। अगर नहीं है तो खुद का बचाव करें। कुछ एक्सपर्ट्स कर्मचारियों को पहले ही सावधानियों से अवगत कराने की सलाह देते हैं।

जयपुर के क्लीनिकल साइकाइट्रिस्ट डॉक्टर विजय चौधरी कहते हैं कि लोग इस बात से ज्यादा डरे हैं कि संक्रमण के बाद उनके साथ क्या होगा? भोपाल में सर्विस प्रोवाइडर कंपनी मिस्त्री ऑनडोर के निखिल मिश्रा बताते हैं कि महामारी के बाद बिजनेस में फर्क आया है। पहले लोग केवल पूछताछ और साइट विजिट के लिए भी फोन आते थे, लेकिन लोग अब केवल इमरजेंसी में ही कॉल कर रहे हैं।

कर्मचारी और ग्राहक इन 6 तरीकों को अपनाकर संक्रमण से बच सकते हैं

कर्मचारियों से सभ्यता से पेश आएं
डॉक्टर चौधरी बताते हैं कि इस वक्त गुस्सा, तनाव, टेंशन आम है, लेकिन हमें परिवार के साथ वक्त बिताने का अच्छा मौका मिला है। इसलिए अपने रिश्तों को बेहतर करें। इससे आपका तनाव कम होगा। घर आने वाले कर्मी से सभ्यता से पेश आएं और उनपर कोरोना फैलाने का शक न करें।

सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें
कोरोना का मॉर्टेलिटी रेट बहुत ज्यादा नहीं है। अगर हम संक्रमित हो भी जाते हैं तो ज्यादा डरें नहीं। सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें। खुद को शांत रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटीज करते रहें और बैलेंस डाइट लें।

कर्मचारी पर नाराज मत हों
अगर कर्मचारी आपके घर पहुंचा है और किसी तरह की सावधानी का पालन करना भूल गया है, तो उन पर नाराजगी न हों। उन्हें सुरक्षा के बारे में समझाएं और हो सके तो आप अपनी ओर से भी सैनिटाइजर और अन्य चीजें उपलब्ध करा सकते हैं।

मोबाइल का इस्तेमाल न करें
इसके अलावा मोबाइल के उपयोग को सीमित कर दें। क्योंकि हम लगातार कुछ वक्त से मोबाइल स्क्रीन पर समय ज्यादा गुजारने लगे हैं। इसके कई दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। वहीं अगर घर का कोई सदस्य कोरोनावायरस से संबंधित लक्षणों से जूझ रहा है तो उन्हें बाहर के लोगों से अलग रखें। उन्हें भी मास्क पहनने के लिए कहें।

वेंटिलेशन का ध्यान रखें
वेंटिलेशन वाले कमरे में काम कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि जहां मुंह से सांस के जरिए बाहर निकलने वाली बड़ी बूंदे जमीन पर गिर जाती हैं, तो वहीं कुछ स्टडी के अनुसार छोटी और हल्की बूंदे हवा में कुछ देर तक रह सकती हैं। इसलिए मास्क पहनना भी जरूरी है।

ग्लव्ज का इस्तेमाल करें
कुछ एक्सपर्ट्स ग्लव्ज की सलाह देते हैं। जबकि डॉक्टर गुलाटी का कहना है कि ग्लव्ज की जरूरत नहीं है। अगर काम के बाद ग्लव्ज को डिस्पोज कर देते हैं तो ठीक नहीं तो एक ही ग्लव्ज को बार-बार उपयोग में लाना सही नहीं है।

कर्मचारी किस इलाके से आ रहे हैं इसका ध्यान रखें

मिस्त्री ऑनडोर के निखिल बताते हैं कि इस वक्त क्लाइंट्स काम से पहले यह पता कर रहे हैं कि कर्मचारी किस इलाके से आ रहे हैं। उनके मन में सबसे ज्यादा डर इस बात का है कि काम करने वाले ऐसी जगह से तो नहीं हैं, जहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में कंपनियां भी कर्मियों को पहले ही सेफ्टी किट्स मुहैया करा रही हैं। इन सेफ्टी किट्स में मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्ज और सुरक्षा से जुड़ी अन्य जरूरी चीजों को रखा जाता है। उन्होंने बताया कि, कर्मचारी शाम को काम से वापस लौटने पर इस किट को रिफिल कराते हैं।
निखिल के मुताबिक, काम पर जाने से पहले ही कर्मचारियों के तापमान और तबियत की जांच की जाती है। बीमारी की हालत में उन्हें नहीं भेजा जाता। इसके अलावा उनसे घर के लोगों से भी सुरक्षित दूरी बनाकर रखने के लिए कहा जाता है। कर्मचारी ऐसे तो सभी सावधानियों को बड़ी गंभीरता से लेते हैं, लेकिन अगर कर्मी कोई प्रिकॉशन्स लेना भूल गए हैं तो आप उन्हें इस बारे में समझाएं।
लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिड़चिड़े भी हो रहे
लगातार बढ़ रहे कोरोना के डर के कारण लोग तनाव में भी हैं। वे अक्सर अपनी सुरक्षा को लेकर चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। निखिल बताते हैं कि कई बार झगड़े की नौबत आती है। उदाहरण के लिए, लोग कर्मी से जूते घर के बाहर ही उतारने की बात करते हैं, लेकिन बिजली के काम में ऐसा मुमकिन नहीं होता। ऐसे में हम ग्राहक से पैरों को सैनिटाइज कराने या फुटवियर देने को कहते हैं।

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.