Newsportal

80 दिन तक आईपीएल की ‘बायो-बबल’ में अपनी अलग दुनिया होगी, इसके बाहर कोई नहीं जा सकता, अंदर आने से पहले खिलाड़ियों को देने पड़े पांच टेस्ट

बबल में शामिल कोई भी खिलाड़ी टूर्नामेंट खत्म होने तक इसके बाहर नहीं जा सकता बबल तोड़ा तो खेलने पर बैन, आरसीबी ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की चेतावनी तक दी

0 234

 

रविवार को आईपीएल का शेड्यूल जारी कर दिया गया। टीमें 20 अगस्त के आसपास ही दुबई पहुंच चुकी हैं। सभी खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ और मैच ऑफिशियल्स को बायो-सिक्योर इन्वारयर्मेंट (जिसे बायो-बबल भी कहा जा रहा) में रखा गया है। 80 दिन तक इन सभी को इसी में रहना होगा।

तो चलिए समझते हैं कि ये बायो-बबल है क्या? काम कैसे करता है? ये कोरोना से कैसे बचाएगा? अगर किसी खिलाड़ी ने बायो-बबल तोड़ा तो क्या होगा? ऐसे ही सवालों के जवाब खोजते हैं…

1. बायो-बबल क्या है?
आसान भाषा में कहें तो ये एक ऐसा वातावरण है, जिसमें रहने वाला बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाता है। यानी, आईपीएल में हिस्सा ले रहे प्लेयर, सपोर्ट स्टाफ, मैच ऑफिशियल यहां तक की होटल स्टाफ और कोरोना टेस्ट करने वाली मेडिकल टीम तक को तय दायरे के बाहर जाने की अनुमति नहीं है। इसके दायरे में रहने वाला बाहरी दुनिया के किसी भी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आ सकता।

2. ये कैसे काम करता है?

आईपीएल में हिस्सा ले रहे सभी खिलाड़ियों, कोच, सपोर्ट स्टाफ का दुबई पहुंचने से पहले दो बार कोरोना टेस्ट हुआ। दुबई पहुंचने पर सभी को सात दिन के लिए क्वारैंटाइन किया गया। इस दौरान तीन बार कोरोना टेस्ट हुए। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वो इस बबल में शामिल हुए। चेन्नई की टीम के 13 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पूरी टीम का क्वारैंटाइन सात दिन और बढ़ा दिया गया।

बबल में शामिल हर मेंबर को केवल ग्राउंड और उनके होटल में जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा ये किसी से नहीं मिल सकेंगे। यहां तक की अपने फैन्स, दोस्त और रिश्तेदारों से भी नहीं। टीवी ब्रॉडकास्ट में शामिल लोगों और बाकी स्टाफ को भी अलग बबल में रखा गया है। बबल में शामिल किसी भी शख्स को टूर्नामेंट खत्म होने तक इसके बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।

3. अगर किसी ने बायो-बबल तोड़ा तो?

तो फिर मुश्किल होगी। बीसीसीआई के मुताबिक, बायो-बबल तोड़ने वाले को आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत सजा दी जाएगी। अगर खिलाड़ी बायो-बबल तोड़ता है तो उसे कुछ मैच खेलने से रोका भी जा सकता है। इसको लेकर टीमें भी सख्त हैं। मसलन आरसीबी ने पहले से चेतावनी दे रखी है कि अगर किसी खिलाड़ी ने बायो-बबल तोड़ा तो उसे कॉन्ट्रैक्ट से हाथ धोना पड़ सकता है।

4. क्या पहले कभी बायो-बबल तोड़ने का मामला आया है?

इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो दो खिलाड़ी बायो-बबल तोड़ चुके हैं। इंग्लैंड वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान जोफ्रा आर्चर बायो-बबल तोड़कर एक दोस्त से मिले थे। उसके बाद उन्हें सेल्फ क्वारैंटाइन में जाना पड़ा था। यहां तक की इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया था।

इंग्लैंड दौरे पर गई पाकिस्तान टीम के खिलाड़ी मोहम्मद हफीज बायो-बबल तोड़कर परिवार से मिले तो उन्हें पांच दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दिया गया। इसके बाद दो बार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही टीम के साथ जुड़ने दिया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.