5 राज्यों में सरकार गठन इसी हफ्ते:बंगाल में ममता बनर्जी 5 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी, तमिलनाडु में स्टालिन ने विधायकों की बैठक बुलाई
5 राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी) में हुए विधानसभा चुनावों का रिजल्ट आ चुका है। अब यहां नई सरकार के गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं। सभी राज्यों में इसी हफ्ते सरकार का गठन होगा। रविवार को आए नतीजों के मुताबिक, बंगाल में TMC, असम में भाजपा, तमिलनाडु में DMK, केरल में कम्युनिस्ट और पुडुचेरी में NDA की सरकार बननी है। हम आपको बताते हैं कि किस राज्य में आगे कब और कैसे बनेगी सरकार…
पश्चिम बंगाल : ममता शाम 7 बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगी
विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद ममता बनर्जी 5 मई को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। राज्य में मंत्री और सीनियर TMC नेता पार्थ चटर्जी ने सोमवार को यह जानकारी दी। TMC को 214 सीटें मिलीं हैं। हालांकि, खुद ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से चुनाव हार चुकी हैं। बहुमत होने के कारण TMC सरकार बनाएगी। थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ममता बनर्जी नई सरकार की रूपरेखा और नंदीग्राम सीट को लेकर कोई नया ऐलान कर सकती हैं। शाम 7 बजे उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय भी मांगा है।
हालांकि, 66 साल की ममता बनर्जी को फिर किसी सीट से चुनाव लड़ना पड़ सकता है। इससे पहले ममता ने 20 मई 2011 को पहली और 27 मई 2016 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संभवत: ममता एक हफ्ते के अंदर ही बंगाल में नई सरकार का गठन भी कर लेंगी।
तमिलनाडु : 7 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे एमके स्टालिन
यहां विधानसभा चुनाव में एमके स्टालिन की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 234 में से 130 सीटें जीत चुकी है। पार्टी गठबंधन अब तक 156 सीटों पर विजय हासिल कर चुका है। बहुमत का जादुई आंकड़ा पार करने के बाद मंगलवार शाम 6 बजे DMK विधायकों की बैठक रखी गई है। पार्टी महासचिव दुरई मुरुगन बताया कि बैठक पार्टी के चेन्नई स्थित मुख्यालय अन्ना अरिवालयम में रखी गई है। इस बैठक में DMK विधायक अधिकारिक तौर पर एमके स्टालिन को मुख्यमंत्री चुनेंगे। इसके बाद विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को दिया जाएगा। एमके स्टालिन 7 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
असम : मुख्यमंत्री पर सस्पेंस; सोनोवाल को फिर मौका या बिस्वा पहनेंगे ताज
यहां विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी पर जीत हासिल की है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने काफी मेहनत की थी, लेकिन अभी पार्टी के पास एक और बड़ा चेहरा है। ये चेहरा है हेमंत बिस्वा सरमा। हेमंत कांग्रेस में रहते हुए मुख्यमंत्री नहीं बन पा रहे थे। यही कारण है कि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। अब ये देखना है कि दोनों में से किसे मुख्यमंत्री बनाया जाता है। पार्टी इनमें से किसी एक को डिप्टी सीएम भी बना सकती है।
126 विधानसभा सीटों वाले असम में इस बार भाजपा गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। मतलब 2016 से एक सीट ज्यादा। कांग्रेस को 50 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। BJP ने यहां असम गण परिषद (AGP) और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिब्रल (UPPL) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर कांग्रेस ने AIUDF, BPF, CPI(M), CPI, CPI(ML), AGM और RJD के साथ मिलकर अपने कैंडिडेट्स मैदान में उतारे थे।
केरल : राज्यपाल से मिले विजयन, विधायकों की बैठक जल्द
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केरल में शानदार जीत हासिल करने के बाद सोमवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में सरकार गठन को लेकर फैसला होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, महामारी को देखते हुए सरकार गठन का काम इसी हफ्ते पूरा हो जाएगा।
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने पूरा चुनाव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अगुवाई में लड़ा था। LDF में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के साथ 12 अन्य दल भी शामिल हैं। LDF को यहां बहुमत से कहीं ज्यादा 92 सीटों पर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस गठबंधन को 39 सीटें मिली हैं।
पुडुचेरी : रंगास्वामी दूसरी बार बनेंगे मुख्यमंत्री, बैठक आज
केंद्र शासित छोटे से प्रदेश पुडुचेरी में पहली बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है। यहां ऑल इंडिया NR कांग्रेस यानी AINRC की अगुवाई में BJP और AIDMK ने 16 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। इस तरह मुख्यमंत्री का पद AINRC के अध्यक्ष एन रंगास्वामी संभालेंगे। रंगास्वामी दूसरी बार पुडुचेरी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आज शाम को पार्टी के विधायकों की बैठक होगी। इसमें शपथ ग्रहण समारोह की रूपरेखा तय होगी और रंगास्वामी के नाम का आधिकारिक ऐलान होगा।
यहां AINRC को 10, भाजपा को पहली बार 6 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं कांग्रेस को दो और डीएमके को 6 सीटें मिली हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों ने 6 सीटों पर विजय हासिल की। यहां इसी साल फरवरी में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आने से गिर गई थी। तब से यहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। 2016 में यहां बहुमत हासिल कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस इस बार काफी पिछड़ गई। पिछली बार कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं जो इस बार आंकड़ा 2 पर जा पहुंचा। हालांकि विपक्ष में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन ही रहेगी। दोनों की 8 सीटे हैं, जबकि निर्दलीय 6 जीतकर आए हैं।