अमृतसर. 13 अप्रैल, 1919 के दिन हुए जलियांवाला बाग कांड की शताब्दी के लिए बाग के संरक्षण, संवर्धन व विस्तारीकरण का काम पूरा हो चुका है। पहले इसे 13 अप्रैल को खोला जाना था पर कोरोना के चलते काम रुक गया था। अब केंद्र की मंजूरी मिलते ही इसे खोल दिया जाएगा। 20 करोड़ से तैयार बाग विश्व धरोहरों में शुमार होगा।
यहां सैलानियों को इसके इतिहास से रु-ब-रु कराने को लाइट व साउंड प्रोग्राम अंग्रेजी, हिंदी व पंजाबी में 15 मिनट का तैयार हो चुका है। बाग में थ्री-डी व सेवन डी थियेटर भी बनाया गया है। 31 जुलाई को खुलने की संभावना है।
50 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी
बाग में एंट्री करते ही दीवारों पर बैसाखी मेले को दर्शाते आदमकद बुत देखने को मिलेंगे। यहां 50 से अधिक सीसीटीवी कैमर लगेंगे। बाग में फव्वारे की जगह आसमानी लाइटों का सिस्टम कम म्यूजिकल फाउंटेन लगा है, जो रात में रंग-बिरंगी लाइटें फैंकेगा व संगीत बजेगा।
एयरकंडीशन्ड गैलरी… बाग में दो गैलरियां थीं, जो अब वातानुकूलित हैं। चार गैलरियां और बनाई गई हैं, जिसमें तमाम चित्र दर्शाए गए हैं।
12 फीट ऊंचा कुआं… कुएं को 12 फीट ऊंचा किया गया है। अब तली तक देख सकते हैं। गोलियों के निशानों को शीशे से कवर किया गया है।