पुरी. शुक्रवार से जगन्नाथ हेरिटेज कोरिडोर का काम फिर शुरू हो गया है। ओडिशा सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का उद्देश्य पुरी को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाना है। इसके लिए 800 करोड़ का बजट मंदिर के आसपास सारी सुविधाएं और नए निर्माण के लिए रखा गया है। सरकार ने पुरी को विश्व स्तरीय विरासत बनाने के लिए करीब 3200 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। जनवरी में इसका काम शुरू हो गया था लेकिन फिर नेशनल लॉकडाउन के चलते काम को रोकना पड़ा।
जगन्नाथ मंदिर को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने के लिए पहले दिसंबर 2022 की डेडलाइन तय की गई थी। हालांकि, ढाई महीने काम बंद रहने के बाद इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी। पुरी मंदिर के साथ ही भुवनेश्वर के एक हजार साल से ज्यादा पुराने लिंगराज मंदिर को भी हैरिटेज कोरिडोर बनाने का फैसला किया है। इसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए है।
पटनायक सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2020 की शुरुआत में ही राज्य सरकार ने अपना हैरिटेड कोरिडोर प्लान तैयार किया था। करीब 3200 करोड़ की इस योजना में पुरी शहर और भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना था। इसके लिए पहले पुरी मंदिर के आसपास की दुकानों आदि को अधिग्रहित करके मंदिर के आसपास के 75 मीटर के दायरे को हैरिटेज सिक्योरिटी जोन बनाने का काम शुरू हो चुका है।
दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए फिर से काम शुरू करने का आदेश जारी किया था। शुक्रवार को जिला प्रशासन ने फिर से काम शुरू करते हुए मंदिर के आसपास की दुकानों और भवनों को सिक्योरिटी जोन के तहत तोड़ना शुरू कर दिया है।
- ये हैं हैरिटेज कोरिडोर प्लान
- ड्राफ्ट आर्किटेक्चर बेंगलुरु की एक कंपनी ने बनाया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि दर्शन सुगम हो, स्वच्छता और सेनिटाइजेशन का ध्यान रखा जाए, प्रसाद और अन्य वस्तुओं के दाम फिक्स किए जाएं, मंदिर में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हो।
- 12 वीं शताब्दी के मंदिर के मेघनाद पचरी (सीमा की दीवार) से 75 मीटर क्षेत्र के भीतर हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। मंदिर की दीवारों के सबसे करीब मंदिर की जरूरी चीजों की आवाजाही के लिए एक सर्विस रोड होगा।
- इस योजना के तहत शंकराचार्य मठ के सहित अन्य पवित्र मठों के चारों ओर रास्ते बनाए गए हैं। इन्हें भी पुरातन स्वरूप में ही सुरक्षित रखा जाएगा।
- दक्षिण-पूर्व ज़ोन में ‘वेलकम’ प्लाजा बनाया जाएगा। जिसमें मुख्य शटल-ऑफ़ ज़ोन होगा, जिसमें इलेक्ट्रिकल शटल बसों के लिए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों आने-जाने की सुविधा मिल सकेगी।
- ओपन एयर शो और कल्चरल प्रोग्राम के लिए भी अलग से ओपन थिएटर होगा।
- सौर ऊर्जा और रेनवाटर हारवेंस्टिंग की भी पूरी व्यवस्था होगी।
- दक्षिणी मैदान में दोनों तरफ मेडिटेशन, प्रदर्शनी और कला मंडप होंगे।
- जगन्नाथ मंदिर के 75 मीटर के दायरे में हेरिटेज सिक्योरिटी ज़ोन में जगन्नाथ पंथ, कला और कलाकृतियों से जुड़े देवताओं और मूर्तियों, पौधों और झाड़ियों की मूर्तियों और प्रसाद के लिए जगह होगी।