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हिंद महासागर में नौसेना की निगरानी बढ़ी / भारत ने चीन पर नजर रखने के लिए सर्विलांस और तैनाती बढ़ाई, जापानी नौसेना के साथ अभ्यास भी किया

हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना ने पिछले कुछ हफ्ते से अपनी गतिविधियां तेज कीं भारतीय नौसेना जापान और अमेरिका की नौसेना के साथ इस इलाके में सहयोग बढ़ा रही है

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नई दिल्ली. गलवान झड़प के बाद चीन पर नजर रखने के लिए नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी और तैनाती दोनों ही बढ़ा दिए हैं। शनिवार को नौसेना ने जापान की नेवी के साथ मिलकर एक एक्सरसाइज मेें भी हिस्सा लिया। इसमें भारत के आईएनएस राणा, आईएनएन कुलिश और जापान के जेएस कशीमा और जेएस शिमायुकी ने हिस्सा लिया।

हालात पर नजर रख रहे अफसरों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि चीन के साथ लद्दाख की गलवान घाटी में चल रही झड़प के मद्देनजर नौसेना ने पिछले कुछ हफ्तों से गतिविधियां तेज कर दी हैं। इसके अलावा अमेरिका और जापान की नौ सेना के साथ भी भारतीय नौसेना अपना ऑपरेशनल कोऑपरेशन बढ़ा रही है।

चीन की नौसेना लगातार इस इलाके में घुसपैठ करती है
मिलिट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, यह समुद्री इलाका संसाधनों से भरा हुआ है और चीन इस इलाके में लगातार अपनी सैन्य क्षमताएं बढ़ाने में लगा हुआ है। भारतीय नौसेना ने अपने अधिकारियों को पूरे इलाके में निगरानी और तेज करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि यहां पर लगातार चीन की नौसेना घुसपैठ करती है। यहां भारतीय नौसेना ने अपना ऑपरेशनल डिप्लायमेंट भी बढ़ा दिया है।

चीन की हरकतों के मद्देनजर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस के साथ भारत ने अपना सहयोग बढ़ाने पर फोकस किया है।

भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होने जा रहा है

भारत को अगले महीने के आखिर तक पूरी तरह हथियारों से लैस 6 राफेल फाइटर जेट मिल सकते हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होने जा रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इन राफेल में 150 किलोमीटर तक टारगेट हिट करने वाली मीटियर मिसाइल भी रहेगी। इससे चीन एयरफोर्स के मुकाबले भारतीय एयरफोर्स को काफी बढ़त हासिल होगी।

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