हमारा डाइट चार्ट कैसा हो:ICMR का सुझाव- रोज हमारी डाइट 2 हजार कैलोरी की हो, थाली में 45% अनाज, 17% दाल, 5% सब्जी जरूरी; जानिए थाली में क्या चीजें शामिल करें
खाने में रोज 300 ग्राम दूध और दही शामिल करें, इससे हमें रोज की जरूरत का 10% कैलोरी एनर्जी मिलती है एक्सपर्ट्स के मुताबिक- हम सूर्य की रोशनी, दही, गुड़ से भी काफी हद तक जरूरत की एनर्जी पा सकते हैं
कोरोना के दौर में स्वस्थ रहना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में लोग अपने खानपान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। लेकिन लोगों को यह नहीं पता है कि उनकी थाली में क्या होना चाहिए? हाल ही में ICMR का हैदराबाद स्थित, न्यूट्रीशन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक रोजाना हमारी डाइट 2 हजार कैलोरी की होनी चाहिए। पर 2 हजार कैलोरी हमारी डाइट में किसी एक फूड प्रोडक्ट से नहीं, बल्कि अलग-अलग चीजों से आनी चाहिए।
ICMR के वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
ICMR के वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारे खाने में एनर्जी के एक नहीं, बल्कि कई स्रोत होने चाहिए। किसी एक फूड प्रोडक्ट पर निर्भर होने से हमें एनर्जी तो मिल जाएगी, पर हमारी शरीर में विटामिन, कैल्शियम और प्रोटीन का बैलेंस बिगड़ सकता है।
ICMR के अनुसार कैसा हो हमारा डाइट चार्ट?
- ICMR के मुताबिक हमें रोज अपने खाने में 270 ग्राम अनाज (रोटी, चावल) शामिल करना चाहिए। इससे हमें 2 हजार कैलोरी का करीब 45% हिस्सा मिल जाएगा। खाने में 90 ग्राम दाल रखनी चाहिए, इससे हमें 17% कैलोरी एनर्जी मिल जाएगी।
- खाने में रोज 300 ग्राम दूध और दही का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे हमारी रोज की जरूरत की 10% कैलोरी एनर्जी मिल जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन में एक बार 150 ग्राम फल भी जरूर खाना चाहिए। इससे हमें जरूरी कैलोरी का 3% हिस्सा मिलता है।
- खाने में 20 ग्राम नट्स और सीड्स (अंकुरित बीज) को शामिल करना जरूरी है। इससे हमें जरूरी कैलोरी का 8% हिस्सा मिल जाएगा। खाने में 27 ग्राम घी और फैट्स शामिल करने से 12% एनर्जी मिल जाएगी।
शहर और गांव में लोग अभी रोज क्या खा रहे हैं?
- ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक एनर्जी के स्रोत के तौर पर हमारी सिर्फ 45% निर्भरता अनाज पर होनी चाहिए। लेकिन शहरों और गांवों में अभी ऐसा नहीं हो रहा है। यहां यह औसत बिगड़ा हुआ है। शहरों में लोगों की 51% निर्भरता अनाज पर है। वहीं गांवों में 65.2% निर्भरता अनाज पर है।
- वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊर्जा के स्रोत के तौर पर हमें दालों, फली, मांस, अंडे और मछली को अपने खाने में ज्यादा शामिल करना चाहिए, जबकि अभी ऐसा नहीं है। एनर्जी के लिए इन चीजों पर अभी लोगों की 11% निर्भरता है, लेकिन यह 17% होनी चाहिए।
- एनर्जी के लिए सब्जियों पर हमारी निर्भरता 5% होनी चाहिए। लेकिन गांवों में इस बात का पालन सिर्फ 8.8% और शहरों में 17% लोग ही कर रहे हैं। नट्स और ऑयल सीड्स पर गावों के लोगों की निर्भरता 22% है, जबकि शहरी लोगों की निर्भरता 27% है। आईसीएआर के मुताबिक यह घटना चाहिए।
- रिपोर्ट के मुताबिक शहरों में लोग 11% एनर्जी के स्रोत के तौर पर स्नैक्स और मिठाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह कम होना चाहिए। अच्छी क्वालिटी की प्रोटीन का इस्तेमाल गांव में 5% और शहरों में 18% लोग कर रहे हैं, जबकि इसे बढ़ाने की जरूरत है।
ज्यादा मात्रा में स्नैक खाने का मतलब है कि आप अच्छे खाने से दूर जा रहे
- रायपुर में डायटीशियन डॉक्टर निधि पांडेय कहती हैं कि शहरों मे लोग ज्यादा स्नैक खा रहे हैं, यह सेहत के लिए बिल्कुल सही नहीं है। ज्यादा मात्रा में स्नैक खाने का मतलब है कि आप अच्छे खाने से दूर जा रहे हैं। इससे शरीर को जरूरी ऊर्जा भी नहीं मिलती है।
- ICMR के डाइट चार्ट के बारे में डॉक्टर निधि कहती हैं हम सूर्य की रोशनी, दही, गुड़ और चने से भी काफी हद तक अपनी जरूरत की एनर्जी पा सकते हैं। हमारे पास हर चीज का विकल्प है, बस हमारा फोकस ताजा और प्रोटीन युक्त खाने पर होना चाहिए।
- ऑफिस जाने वाले लोग काफी व्यस्त होते हैं, इसलिए वो ICMR के डाइट चार्ट को तो हूबहू फॉलो नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें ड्राई फ्रूट्स पर अपनी निर्भरता बढ़ानी चाहिए। ये एनर्जी का सबसे अच्छा स्रोत होते है। इसके इस्तेमाल से विटामिन का भी बैलेंस बना रहता है।