स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल / अमेरिका ने कहा- जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन, उन्हें देश छोड़ना होगा; यूएस में 10 लाख विदेशी छात्र, इनमें करीब 2 लाख भारतीय
2018-19 के एजुकेशनल सेशन के लिए कुल 10 लाख विदेशी छात्र अमेरिका आए। इनमें 3.69 लाख से ज्यादा चीन के स्टूडेंट्स हैं। दूसरे स्थान पर भारत है। इनकी तादाद 2 लाख से ज्यादा है। यह फैसला सिर्फ उन स्टूडेंट्स पर लागू होगा जिनकी सभी क्लासेस ऑनलाइन हो चुकी हैं एफ-1 और एम-1 वीजा कैटेगरी वाले स्टूडेंट्स इससे प्रभावित होंगे
वॉशिंगटन. अमेरिका में रहने वाले विदेशी छात्र ट्रम्प प्रशासन के एक फैसले से प्रभावित होने जा रहे हैं। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन शिफ्ट हो गईं हैं, उन्हें देश लौटना होगा। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले से कुल 10 लाख स्टूडेंट्स पर असर पड़ेगा। इनमें 2 लाख से ज्यादा भारतीय हैं। यहां सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स चीन से आते हैं। इसके बाद भारतीयों का नंबर है। ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन वाले स्टूडेंट्स के लिए एफ-1 और एम-1 कैटेगरी के वीजा जारी किए जाते हैं। इस मामले को सवाल-जवाब के जरिए समझने की कोशिश करते हैं।
Q. अमेरिका ने क्या फैसला लिया है?
A. इमीग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट ने यह आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, वे फॉरेन स्टूडेंट्स जो अमेरिका में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस कर रहे हैं, और जिनकी सभी क्लासेस ऑनलाइन कंडक्ट की जा रही हैं, उन्हें देश छोड़ना होगा।
Q. क्या सभी विदेशी छात्रों को देश लौटना होगा?
A. नहीं। आदेश सिर्फ उन्हीं पर लागू होगा जिनकी सभी क्लासेस ऑनलाइन चल रही हैं। यानी इन छात्रों को कॉलेज या यूनिवर्सिटी जाना जरूरी नहीं है।
Q. अगर कोई स्टूडेंट अपने देश नहीं लौटता तो क्या होगा?
A. सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से कहा है- अगर कोई फॉरेन स्टूडेंट आदेश के बावजूद अमेरिका नहीं छोड़ता तो फिर उसे जबरन उसके देश भेज दिया जाएगा।
Q. आखिर इस फैसले की वजह क्या है?
A. सीएनएन के मुताबिक, ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने यह फैसला महामारी का प्रभाव कम करने के लिए किया है। इससे हेल्थ फेसेलिटीज पर बोझ कम होगा। सरकारी पैसे की भी बचत होगी।
Q. क्या सभी स्टूडेंट्स वापस जा पाएंगे?
A. यह काफी मुश्किल होगा। सीएनएन ने एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा- कई देश ऐसे हैं जिन्होंने ट्रैवल बैन या इससे जुड़ी दूसरी पाबंदियां लगा रखी हैं। इन देशों के स्टूडेंट्स के साथ क्या होगा? यह तय नहीं है।
Q. असर किस पर होगा? इनमें कितने भारतीय?
A. कुल मिलाकर करीब 10 लाख स्टूडेंट्स पर इस फैसले का असर होगा। इनमें दो लाख से ज्यादा भारतीय हैं।
Q. भारतीय छात्रों की वापसी कैसे होगी? सरकार ने इस पर क्या कहा है?
A. दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत देश वापस लाया जा रहा है। अमेरिका में यह फैसला सोमवार शाम ही लिया गया है। भारत सरकार ने फिलहाल, इस पर रिएक्शन नहीं दिया।
Q. क्या सभी क्लासेस ऑनलाइन होंगी?
A. यह अभी तय नहीं है। जैसे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा है कि वो अपने 40% स्टूडेंट्स को कैम्पस में आने की मंजूरी देगी।
Q. किस देश के कितने स्टूडेंट्स हैं?
A. 2018-19 के आंकड़ों के मुताबिक, चीन के 3 लाख 69 हजार 548, भारत के 2 लाख 20 हजार 14 और साऊथ कोरिया के 52 हजार 250 स्टूडेंट्स हैं।
Q. ये स्टूडेंट्स अमेरिकी इकोनामी में क्या कॉन्ट्रिब्यूट करते हैं?
A. 2018-19 के लिए अमेरिका में कुल 10 लाख विदेशी छात्रों ने वीसा लिए हैं। यह अमेरिका में हायर स्टडीज करने वालों का 5.5% है। 2018 में अमेरिका को विदेशी छात्रों से 4470 करोड़ डॉलर की कमाई हुई थी।