सेना ने कहा- लोगों ने आतंक को समर्थन देना बंद किया; पिछली बार के मुकाबले इस साल दोगुनी संख्या में युवा सेना में भर्ती के लिए आए
श्रीनगर. भारतीय सेना ने रविवार को कहा कि उत्तरी कश्मीर में आतकंवादियों की हरकतें हताशा का संकेत हैं। इन्हें अब कश्मीर के लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। यहां के लोग अब हिंसा से निकलना चाहते हैं, वे शांति चाहते हैं। इस साल आतंकी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में बड़ी गिरावट आई है। इसके उलट सेना में भर्ती होने के लिए पिछले साल से दोगुनी संख्या में युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
कश्मीर स्थित एक्सवी कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावली सोमशेखर राजू ने पत्रकारों से कहा कि कश्मीर में आतंकवाद का मकसद सनसनी पैदा करना है। पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठन यहां झूठ का प्रचार करते हैं और प्रोपेगेंडा चलाते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अब जनता से बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर लोग एक समाधान चाहते हैं और वे हिंसा के इस चक्र से बाहर निकलना चाहते हैं।
तीन सालों में घट गई स्थानीय आतंकियों की संख्या
उत्तरी कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों में सेना के कर्नल, एक मेजर और सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के सवाल पर जनरल राजू ने कहा कि ये हमले किसी भी तरह से आतंकवादियों के बढ़ने का संकेत नहीं देते हैं। वास्तव में, इसके विपरीत, आतंकवादी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती 2018 से 2019 तक लगभग आधी हो गई है। 2020 में यह और भी घटी है। सेना ने आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या की जानकारी नहीं दी है।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने पहले कहा था कि 2018 में 218 और 2019 में केवल 139 स्थानीय युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए। इस साल आतंकी समूहों में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन खुफिया एजेंसियों के मुताबिक 2020 में लगभग 35 स्थानीय युवा घर से गायब हुए और आतंकवादी समूहों में शामिल हो गए।
सेना में भर्ती होने के लिए 10 हजार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया
जनरल राजू ने कहा कि अधिक से अधिक युवा खेल, स्किल डेवलपमेंट, जॉब और शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में सेना के लिए होने वाली रैली भर्ती के लिए 10 हजार युवाओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। यह संख्या पिछले साल से दोगुनी है। यह कश्मीर में होने वाले बदलाव की एक तस्वीर है। जनरल राजू ने कहा कि पाकिस्तान का मकसद इस क्षेत्र में झूठ फैलाना और शांति को बिगाड़ना है। ताकि स्थानीय युवाओं को फंसाकर आतंकी बनाया जा सके, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है।