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सेकंड हैंड कपड़ों का ऑनलाइन मार्केट 27% की दर से बढ़ रहा, इस साल 68 हजार करोड़ तक पहुंचेगा

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नई दिल्ली. कोरोना संकट ने लोगों की सेहत के साथ साथ ज्यादातर बिजनेस को भी बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। वहीं, दूसरी तरफ कुछ ऐसे सेक्टर भी हैं जिनकी गाड़ी कोरोना की वजह से चल निकली है। सेकंड हेंड कपड़ों का ऑनलाइन रिसेल मार्केट भी उनमें से एक है। सेकंड हेंड कपड़ों के ऑनलाइन रिसेल की बड़ी कंपनी थ्रेडअप ने रिसर्च फर्म ग्लोबल डेटा रिटेल के साथ मिलकर इस सेक्टर पर अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है।

इस साल 68 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचा बिजनेस
रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में सेकंड हेंड कपड़ों का रिसेल ऑनलाइन मार्केट 27% की रफ्तार से बढ़ते हुए इस साल 68 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। साल 2024 तक इसका मार्केट साइज बढ़कर 2.72 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। जबकि कुल ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मिलाकर रिसेल कपड़ों का मार्केट साइज अगले पांच साल में 4.84 लाख करोड़ रुपए का होगा।

25 गुना तेजी से बढ़ रहा बाजार
रिपोर्ट के मुताबिक रिसेल मार्केट पिछले साल के ओवरऑल रिटेल मार्केट से 25 गुना ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। साल 2019 में लगभग 6.40 करोड़ लोगों ने सेकंड हेंड कपड़े खरीदे। पिछले कुछ साल से रिसेल मार्केट तेजी से बढ़ रहा था लेकिन कोरोना की वजह दुनियाभर में लॉकडाउन लग गया। लोगों की इनकम भी कम हुई है लिहाजा रिसेल का ऑनलाइन मार्केट और तेजी से बढ़ा है। हालांकि रिसेल का ऑफलाइन मार्केट अभी भी ज्यादा बड़ा है लेकिन कोरोना की वजह इस साल उसकी ग्रोथ रुक गई है।

ऑफलाइन मार्केट ज्यादा
साल 2019 में जहां ऑनलाइन रिसेल मार्केट 53 हजार करोड़ रुपए का था। वहीं, ऑफलाइन मार्केट 1.58 लाख करोड़ रुपए का था। कोरोना की वजह से ऑफलाइन मार्केट लगभग एक तिहाई घटने का अनुमान है। थ्रेडअप के सीईओ जेम्स रेनहार्ट ने एक इंटरव्यू में कहा कि एक बार जब लोग अच्छी चीज 80% कम कीमत पर खरीदते हैं तो उनका प्वाइंट ऑफ व्यू चेंज होता है। फिर लोग रिटेल शॉप या सेल में खरीदारी से इसकी तुलना करते हैं। यह मुख्य वजह है कि रिसेल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है।

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