सात करोड़ व्यापारियों ने एक हजार करोड़ की चीनी राखियों के ऑर्डर किए रद, इस बार बंधेगी स्वदेशी राखी
देश के सात करोड़ व्यापारियों ने चीन की राखियां नहीं बेचने का निर्णय लिया है। करीब एक हजार करोड़ रुपये की चीन की राखियों के आर्डर रद कर दिए गए हैं।...फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल के अमित कपूर ,अध्यक्ष ,पंजाब व्यापार मंडल, ने कहा राखी के अलावा सरकार द्वारा चीन आयात के आंकड़े निकले जाय और जो वस्तुए चीन से बहुतायत मात्रा में आयात हो रही है, उनके विकल्प तलाशे जाय।
इस बार चीन को भारत में बनी रेशम की डोर से तगड़ा झटका लगने वाला है। देश के सात करोड़ व्यापारियों ने चीन की राखियां नहीं बेचने का निर्णय लिया है। करीब एक हजार करोड़ रुपये की चीन की राखियों के आर्डर रद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं, स्वदेशी बंधन को भाइयों की कलाई पर सजाने के लिए व्यापक तैयारी भी चल रही है। इससे आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिलेगी और लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।चीन को करारा जवाब देने के लिए देश के खुदरा व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारतीय सामान-हमारा अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत इस बार रक्षाबंधन पर चीन की राखियां नहीं बेचने का निर्णय लिया गया है। कैट से जुड़े देशभर के सात करोड़ खुदरा व्यापारी स्वदेशी राखियों की बिक्री करेंगे।कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि चीन से राखी मंगाने वाले देशभर के व्यापारियों ने करीब एक हजार करोड़ के ऑर्डर रद कर दिए हैं। भारत के सभी प्रांतों में स्वदेशी राखियां बनाने और बिक्री के लिए व्यापारी स्थानीय नागरिकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। दिल्ली के 10 बड़े थोक व्यापारियों ने भी चीन से राखियां मंगवाने का ऑर्डर रद कर दिया है। यह व्यापारी देशभर में एक हजार करोड़ की चीनी राखियों की बिक्री करते थे।मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भाऊ साहब भुस्कुटे न्यास की ओर से लाखों की तादाद में स्वदेशी राखियां बनवाई जा रही हैं। न्यास के प्रबंधक धर्मेद्र गुर्जर ने बताया कि सैकड़ों लोगों को स्वदेशी राखियां बनाने से रोजगार मिल रहा है। बांस और रेशम के धागों से आकर्षक राखियां बनाई जा रही हैं। होशंगाबाद जिले के 28 गांवों में इन राखियों का बहुत ही कम कीमत में वितरण किया जाएगा। न्यास से जुड़े शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत बहनें स्वदेशी राखियां ही अपने भाइयों की कलाई पर सजाएंगी।प्रदेश सचिव व भोपाल कैट के प्रवक्ता विवेक साहू ने कहा कि कैट के माध्यम से हम स्वदेशी राखियों की बिक्री करेंगे। इस बार चीनी राखियां नहीं बेचेंगे। संगठन से जुड़े सात करोड़ व्यापारियों ने हमें सहमति प्रदान की है। इससे देश में एक हजार करोड़ से अधिक का लाभ हमारे आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगा। लाखों लोगों को इससे रोजगार प्राप्त होगा।
Amit Kippie president
फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल के अमित कपूर ,अध्यक्ष ,पंजाब व्यापार मंडल, उप प्रधान फ़ेडेरशंन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल ने कहा कि चाइनीज़ सामान के बहिष्कार किया जा चुका है।
जयेन्द्र तन्ना , राष्ट्रीय अध्यक्ष , फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल, अहमदाबाद
सी एच कृष्णा , राष्ट्रीय अध्यक्ष , फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन,हैदराबाद, सुशील पोद्दार , अध्यक्ष , कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसोसिएशन,कोलकाता नरेश अधलखा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष , कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन, दिल्ली कवलजीत सिंह , राष्ट्रीय अध्यक्ष ,आल इंडिया ऑटोमोबाइल पार्ट्स डीलर्स एसोसिएशन,दिल्ली, परवीन आनंद , अध्यक्ष , कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन ,एवं अध्यक्ष होलसेल होसरी एसोसिएशन, दिल्ली, हुक्मी चंद शाह , अध्यक्ष,फेडरेशन ऑफ़ तमिल नाडु ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ़ पाइप, इलेक्ट्रिकल्स एवं इलेक्ट्रॉनिक्स , चेन्नई, राधे शयाम शर्मा , वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल, दिल्ली
सुभाष गर्ग , अध्यक्ष , टॉयज एसोसिएशन , गुरुग्राम
देवेंद्र अग्रवाल , अध्यक्ष , FMCG डिस्ट्रीब्यूटर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन ,दिल्ली, प्रेम मिश्रा ,अध्यक्ष , प्रभारी पूर्वांचल ,फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल ,उत्तर प्रदेश , वाराणसी, संजय बंसल, प्रदेश अध्यक्ष जम्मू कश्मीर , फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल, जम्मू, वििजजयज सिंह दुबाल, *प्रदेश अध्यक्ष महाराष्ट्र , फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल, पुणे, वी के बंसल , राष्ट्रीय महामंत्री , फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल आदि की ओर से इस बाबत सहमति दे दी गई है।
Amit कपूर ने कहा कि राखी के अलावा
सरकार द्वारा चीन आयात के आंकड़े निकले जाय और जो वस्तुए चीन से बहुतायत मात्रा में आयात हो रही है, उनके विकल्प तलाशे जाय।
चीन के सामान के अन्य देश देशो से विकल्प तलाश कर सरकार उन देशों से आयात की सम्भावना पर कार्य करे
व्यापारियों के पास जो भी मौजूदा स्टॉक है , या सामान पोर्ट पर है , या किसी सामान का आर्डर अग्रिम सहित पहले से ही दिया जा चुका है और सामान की डिलीवरी अभी बाकि है ,सरकार इस प्रकार के सामान की बिक्री की व्यवस्था करे , व्यापारियों को सुरक्षा प्रदान करे एवं उक्त सामान को भेजने में किसी भी प्रकार का व्यवधान न होने दे
सरकार चीन आयत के स्थान पर अन्य देशो से आयात करने पर कुछ वित्तीय सहायता एवं प्रोत्साहन दे जिससे भारत की चीन के सामान पर निर्भरता कम हो।
सरकार को अपने स्तर से चीनी सामान का आयात पर पूर्ण से दीर्धकालीन प्रतिबन्ध लगाए जिससे भविष्य में कभी भी चीनी सामान का आयात न होने पाय।