सरकार ने बताया वैक्सीनेशन का प्लान:भारत में 3 कंपनियों को टीके की मंजूरी मिल सकती है, 1 करोड़ हेल्थवर्कर्स से शुरू होगा वैक्सीनेशन
देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर जल्द ही खुशखबरी आ सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सेक्रेटरी राजेश भूषण ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कुछ वैक्सीन कैंडिडेट्स को अगले कुछ हफ्तों में लाइसेंस दिए जा सकते हैं। सीरम, भारत बायोटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर ने इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई किया है। सरकार ने कहा कि तीनों को या इन तीनों में से किसी एक को जल्द मंजूरी दी जा सकती है।
राजेश भूषण ने कहा कि शुरुआती चरण में एक करोड़ हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। मौजूदा कोल्ड चेन में 3 करोड़ वैक्सीन के स्टोरेज की क्षमता है। सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स और वैज्ञानिकों से बात भी की थी। देश में अभी 6 कोरोना वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल स्टेज में हैं।
क्या वैक्सीन लगने के बाद मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। वैक्सीन लगने के बाद भी आपको कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। मास्क पहनना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा।
वैक्सीनेशन में कितना वक्त लग सकता है?
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, वैक्सीनेशन की शुरूआती प्रक्रिया में एक साल या इससे भी ज्यादा समय लग सकता है। बड़ा वैक्सीनेशन केवल राज्य और भारत सरकार की बदौलत नहीं होगा। इसलिए आम लोगों की सहभागिता भी इसमें जरूरी है।
1.54 लाख नर्स और मेड वाइफ वैक्सीन लगाएंगे
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि मौजूदा समय भारत में 13 तरह की अलग-अलग बीमारियों के लिए वैक्सीनेशन प्रक्रिया चल रही है। ये वैक्सीन बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जाती हैं। इस काम में 2 लाख 40 हजार वैक्सीनेटर जुटे हैं। इनमें से 1 लाख 54 हजार नर्स और मेड वाइफ को कोरोना वैक्सीनेशन के काम में लगाएंगे, ताकि बाकी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया प्रभावित न हो। कोरोना वैक्सीनेशन के लिए एडिशनल वैक्सीनेटर की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रहे हैं।
वैक्सीनेशन के लिए जरूरी इक्यूप्मेंट्स 10 से सप्लाई होंगे
मौजूदा समय 85 हजार 634 इक्यूप्मेंट्स देशभर में मौजूद हैं। इसमें वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन, जेनरेटर आदि शामिल हैं। 29 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट है। ये वो जगह हैं, जहां वैक्सीन को स्टोर किया जाएगा। इसमें करीब 3 करोड़ वैक्सीन स्टोर किए जा सकते हैं। बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन के लिए एडिशनल इक्यूपमेंट और कोल्ड चेन की जरूरत पड़ेगी। 10 दिसंबर से इसे राज्यों को सप्लाई किया जाएगा।
किसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी?
नेशनल लेवल पर बनाए गए एक्सपर्ट ग्रुप ने सरकार को वैक्सीनेशन के लिए सुझाव दिया है। इसे सरकार की तरफ से मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
- सभी जरूरी लोगों को जिन पर संक्रमण का ज्यादा खतरा है, उन्हें वैक्सीन लगाई जाए।
- सभी हेल्थ वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाए। इनकी संख्या करीब 1 करोड़ है।
- फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें पुलिस, होम गार्ड्स, आर्म फोर्स, सिविल डिफेंस, नगर निगम, डिजास्टर मैनेजमेंट के कर्मचारी शामिल हैं। इनकी संख्या 2 करोड़ है।
- उम्र के हिसाब से भी वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें 50 साल से ऊपर और 50 साल से नीचे के दो ग्रुप बनाए जाएं।
- जिन्हें पहले से अन्य गंभीर बीमारियां हैं, ऐसे लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। इनकी संख्या 27 करोड़ है।
- जरूरी नहीं है कि इसी क्रम से वैक्सीनेशन हो। इसमें शामिल सभी लोगों के लिए एक साथ वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। ये वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर होगा।
वैक्सीनेशन पर कैसे नजर रखी जाएगी?
- नेशनल लेवल पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप मॉनिटरिंग करेगा।
- राज्य में दो कमेटी बनाई गई हैं। पहली स्टेट स्टेयरिंग कमेटी बनाई गई है, जो अनेक विभागों के बीच कोआर्डिनेशन करेंगे। इसके चेयरमैन स्टेट के चीफ सेक्रेटरी होंगे।
- दूसरी स्टेट टास्क फोर्स है। ये टीम लॉजिस्टिक और ह्यूमन रिसोर्स का मैनेजमेंट करेगी। इसके चेयरमैन स्टेट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ होंगे।
- सभी राज्यों में स्टेट कंट्रोल रूम की स्थापना होगी। ये 24*7 काम करेगी।
- जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स का गठन हुआ है। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चंडीगढ़ जैसे शहरों के लिए अर्बन टास्क फोर्स का गठन हुआ है।
- ब्लॉक लेवल पर ब्लॉक टास्क फोर्स का गठन हुआ है। इसके चेयरमैन एसडीएम या तहसीलदार बनाए गए हैं।
वैक्सीनेशन के लिए सरकार की क्या-क्या तैयारियां चल रही?
- केंद्र सरकार सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों के साथ बातचीत कर रही है।
- मल्टीलेवल कोआर्डिनेशन के लिए टीमें गठित हुई हैं। इसमें केंद्र स्तर पर, राज्य, जिले और ब्लॉक स्तर पर कोआर्डिनेशन टीमें बनाई गई हैं।
- कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है।
- एडिशनल वैक्सीनेटर (ऐसे विशेषज्ञ जो वैक्सीन लगाएंगे) की व्यवस्था राज्य और केंद्र सरकार मिलकर कर रही है।
- वैक्सीन या वैक्सीनेशन प्रोसेस को लेकर फर्जी खबरों, मैसेज को रोकने, काउंटर करने के लिए कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी तैयार की गई है।
- को-विन डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया गया है, जो वैक्सीनेशन प्रक्रिया की पूरी जानकारी, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन डेट आदि की जानकारी देगी।
- सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों की तरफ से जिन लोगों को पहले वैक्सीन दी जानी है उनका डेटा को-विन पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।
5 प्रमुख वैक्सीन का स्टेटस
वैक्सीन | स्थिति | कब आएगी/क्या चल रहा | कीमत प्रति डोज |
मॉडर्ना (अमेरिका) | इमरजेंसी यूज की तैयारी, 94.5% तक असरदार | इसी महीने आ सकती है | 1850-2750 रु |
फाइजर (अमेरिका) | इमरजेंसी यूज की अनुमति मांगी, 95% तक असरदार | इमरजेंसी अप्रूवल मांगा | 1450 रु |
ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन) | UK-ब्राजील में परीक्षणों में 90% तक असरदार | इमरजेंसी अप्रूवल मांगा | 500-600 रु |
कोवैक्सिन (भारत) | तीसरा ट्रायल शुरू | इमरजेंसी अप्रूवल मांगा | — |
स्पुतनिक V (रूस) | दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल जारी | दो डोज की खुराक दी जाएगी | अभी तय नहीं |