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वैष्णो देवी यात्रा LIVE:सुबह 6 बजे से यात्रा शुरू, भीड़ काफी कम, पहले गर्भगृह से दर्शन करने में ढाई घंटे का वक्त लगता था, अब सिर्फ पांच मिनट लग रहे

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के पहले हफ्ते हर रोज 2 हजार भक्तों को यात्रा की परमिशन दी है, इसमें से महज 100 भक्त ही बाहरी राज्यों के होंगे यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को 14 किमी की चढ़ाई मास्क या फेस कवर लगाकर करनी होगी, किसी भी भक्त को फेस कवर या मास्क उतारने की अनुमति नहीं है

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..पांच महीने बाद वैष्णो देवी यात्रा की शुरुआत आज से हो गई है। सुबह 6 बजे से यात्री दर्शन के लिए जा रहे हैं। अभी भीड़ काफी कम है, स्थानीय लोग ही दर्शन के लिए जा रहे हैं। खासकर कि ऐसे भक्त जो यहां दर्शन के लिए महीने-दो महीने में आते रहते हैं। कोरोना के चलते इस बार यात्रा में विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं। यात्रियों के टेंपरेचर जांच के लिए ऑटोमेटिक मशीन लगाई गई है और उन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है, इसके बाद ही आगे जाने दिया जा रहा है।

वैष्णो देवी की यात्रा का पारंपरिक मार्ग बाणगंगा है। यहां स्थित दर्शनी गेट से यात्रा शुरू होती है। यहां से मां के दरबार की दूरी करीब 14 किमी है।

यहां के सभी होटल और रेस्टोरेंट बंद हैं, हालांकि कुछ चुनिंदा लंगर खुले हैं जहां भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है। लंगर के अंदर हर टेबल के बीच गैप रखा गया है, सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन किया जा रहा है।

पहले जत्थे में शामिल रहे रविंद्र दर्शन करके अभी आए हैं। उन्होंने बताया कि पहले गर्भगृह से माता रानी के दर्शन करने में दो से ढाई घंटे का वक्त लगता था, लेकिन आज महज पांच मिनट में दर्शन हो गए।

रविंद्र माता रानी के दर्शन कर के आए हैं। वे यहां अक्सर आते रहते हैं।

हमने पूछा कि मां से क्या मनोकामना मांगी तो उन्होंने बताया कि दर्शन हो गए, हमारी मुराद पूरी हो गई। हम यहां महीने में दर्शन के लिए आते रहते हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से 5 महीने से मां के दर्शन नहीं हो पाए थे। हम बस यही चाहते हैं कि फिर से इस तरह से पाबंदी नहीं लगे।

लंगर में यात्रियों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है। इस दौरान यात्रियों के टेबल के बीच गैप और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।

ताराकोट मार्ग पूरी तरह से बंद है। वहां से किसी को एंट्री नहीं दी जा रही है। बाणगंगा मार्ग से ही यात्रियों को एंट्री दी जा रही है। बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना जांच करना अनिवार्य है, लेकिन स्थानीय लोगों की कोरोना जांच नहीं हो रही है। उनका सिर्फ टेंपरेचर चेक किया जा रहा है।

पहले जत्थे में शामिल रहे यात्री दर्शन करके लौट आए हैं।

हालांकि मीडियाकर्मियों को ताराकोट मार्ग से ही ऊपर ले जाया गया। उनके लिए गाड़ी की व्यवस्था की गई थी। मंदिर के सामने तक उन्हें गाड़ी से छोड़ा गया।

इससे पहले श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार यहां सुबह आए थे। उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया। इस बार यात्रा के लिए पिट्ठू और खच्चर की व्यवस्था नहीं है। पैदल ही मास्क लगाकर 14 किमी की यात्रा करनी है। इससे पहले आने वाले यात्रियों की हेल्थ जांच के लिए मेडिकल टेंट और डॉक्टरों की टीम तैनात करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक यह व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है।

यात्रा पर जाने वाले भक्तों के लिए सर्कल बनाए गए हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन किया जा सके।
श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार यहां सुबह आए थे। उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया।

दर्शन करने पहुंचे यहां के स्थानीय पंकज शर्मा ने बताया कि उन्होंने दर्शन के लिए कल रजिस्ट्रेशन कराया था। आज वे दर्शन के लिए जा रहे हैं। लंबे समय बाद यात्रा शुरू हो रही है, इसको लेकर वे काफी खुश हैं। वे हर महीने यहां दर्शन के लिए आते रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वे नहीं आ पा रहे थे।

यात्रा पर जाने वाले भक्तों की टेंपरेचर जांच के लिए ऑटोमेटिक मशीन लगाई गई है।
सुरक्षा में मुस्तैद जवान।

बाहर से आने वाले भक्तों के लिए क्या करना जरूरी

  • कोरोना टेस्ट करवाकर आएं और रिपोर्ट साथ में लाएं। हालांकि एक रैपिड टेस्ट यहां भी होगा।
  • मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करके रखें।
  • फेस मास्क या कवर लेकर आएं।
  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लें।
  • होटल की बुकिंग भी ऑनलाइन शुरू हो चुकी हैं, आप पहले ही करवा सकते हैं।
  • कटरा तक ट्रेनें अभी नहीं चल रही हैं, इसलिए आपको जम्मू से टैक्सी के जरिए कटरा आना होगा। जम्मू में टैक्सी मिल रही है।
  • साथ में छाता भी लाएं, ताकि बारिश होने पर खुद का बचाव कर सकें।

 

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