चांद जब धरती से अलग होकर अंतरिक्ष में गया तो वह बेहद गर्म था. उसके अंदर गर्म लावे का समुद्र बह रहा था. यह 3 करोड़ साल तक ऐसे ही गर्म रहा. इसके बाद 20 करोड़ साल तक यह ठंडा होता रहा.
हमारा चांद बेहद युवा है, जवान है. हाल ही में हुई एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है. अभी तक चांद की जो उम्र मानी जा रही थी, उससे वह 85 मिलियन साल युवा है यानी करीब 8.50 करोड़ साल युवा. जर्मन एयरोस्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों ने चांद की नई उम्र का पता लगाया है. यह पता करने के लिए वैज्ञानिकों ने चांद की सतह से उठाए गए पत्थरों के नमूनों की जांच की है. ये नमूने अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन अपोलो के दौरान उठाए गए थे.
इस स्टडी को करने वाले थ्रॉस्टेन क्लीन ने कहा कि अभी तक यह माना जाता था कि अगर हम चांद की सही उम्र का पता लगा लेते हैं तो उससे हमें धरती की सही उम्र का अंदाजा हो जाएगा. अभी तक ये माना जाता है कि चांद की उम्र 4.51 बिलियन साल है.
ये बात तब की है जब धरती गर्म हुआ करती थी. तब एक थीया नाम का ग्रह धरती से टकराया था. इसके टकराने से पत्थर का एक बड़ा टुकड़ा अंतरिक्ष में चला गया, जो बाद में धरती का चांद बन गया. थीया नाम ग्रीक माइथोल़ॉजी से लिया गया है. थीया को सेलीन भी कहते हैं जो कि चांद की मां थी.
नासा के अपोलो मिशन से लाए गए पत्थरों की बारीकी से जांच करने पर पता चला कि चांद की उम्र 4.42 बिलियन साल है. यानी पहले मानी जा रही उम्र से 85 मिलियन साल कम.
चांद जब धरती से अलग होकर अंतरिक्ष में गया तो वह बेहद गर्म था. उसके अंदर गर्म लावे का समुद्र बह रहा था. यह 3 करोड़ साल तक ऐसे ही गर्म रहा. इसके बाद 20 करोड़ साल तक यह ठंडा होता रहा. इस दौरान चांद में अंतरिक्ष से पत्थर, उल्कापिंड आकर टकराते रहे और गर्म लावे को ठंडा करते चले गए. जिससे चांद जमता चला गया.
लगभग इतना ही समय लगा धरती को भी ठंडा होने में. जब वैज्ञानिकों ने चांद के पत्थरों में मौजूद मिनरल्स की जांच की तो उसकी सही उम्र का पता चला.