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रेल यात्रा को बेहतर बनाएंगे 20 इनोवेशन / रियल टाइम सीसीटीवी मॉनिटरिंग, पावरलेस वाटर कूलर से बढेंगी सुविधाएं, अनारक्षित टिकट भी ऑनलाइन प्रिंट हो सकेंगे, निजीकरण की ओर रेलवे / मुंबई से 17 तो दिल्ली से 16 प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी, गुजरात से सिर्फ दो, 30 हजार करोड़ रु. के निवेश की उम्मीद

ट्रेनों के अंदर ही रियल टाइम सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम डेवलप किया है, इसकी डिस्प्ले यूनिट को ट्रेन के गार्ड के कम्पार्टमेंट में रखा जाएगा। अभी हमसफर एक्सप्रेस में इसे लगाया गया है। रेलवे ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के इरादे से 2018 में पोर्टल लॉन्च किया था, इस पर आए सुझावों को अब लागू किया जाएगा पश्चिमी रेलवे ने नेचुरल वाटर कूलर तैयार किया है, जो बिना बिजली के चलेगा, इसकी लाइफ 10 साल होगी इलाहाबाद डिवीजन ने यात्रियों के लिए बेल सिस्टम तैयार किया है, जो ट्रेन के डिपार्चर से पहले मुसाफिरों को अलर्ट करेगा, देशभर में 109 रूट के 12 कलस्टर से 151 निजी ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी मध्य प्रदेश से 6, राजस्थान और बिहार से 7-7 प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी

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नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड ने रेल सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए 20 इनोवेशन को अमल में लाने का फैसला किया है। इसमें ट्रेन डिपार्चर से पहले बेल सिस्टम, रियल टाइम सीसीटीवी मॉनिटरिंग और मोबाइल से अनारक्षित टिकटों की बुकिंग-प्रिटिंग जैसे इनोवेशन को बड़े स्तर पर लागू करने पर विचार हो रहा।

सितंबर 2018 से दिसंबर 2019 के बीच 2645 सुझाव आए

रेलवे ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 2018 में एक पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर सितंबर 2018 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच 2,645 सुझाव आए थे। अब रेलवे बोर्ड इसमें से 20 चुनिंदा सुझावों का चयन कर इन्हें पूरे नेटवर्क में लागू कराने जा रहा है। रेलवे बोर्ड की ओर से 10 जुलाई को जारी एक ऑर्डर में इसकी जानकारी दी गई है।

यात्रियों की सहूलियत के हिसाब से इनोवेशन कर रहा रेलवे

एक अधिकारी ने बताया कि इन सुझावों को अमल में लाने के लिए सभी जोनल जनरल मैनेजर और प्रोडक्शन यूनिट्स को आदेश जारी किए गए हैं। ज्यादातर इनोवेशन भारतीय रेल को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के इरादे से किए जा रहे हैं। रेलवे के अलग-अगल जोन ने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर कई तरह के इनोवेशन किए हैं।

पश्चिम रेलवे ने तैयार किया नेचुरल वाटर कूलर
पश्चिमी रेलवे ने नेचुरल वाटर कूलर तैयार किया है, जो बिना बिजली के चलेगा। इस वाटर कूलर को बनाने में 1.25 लाख रुपए की लागत आई है, जबकि इसकी लाइफ 10 साल है। ये वाटर कूलर फिलहाल बोरीवली, दहानू रोड, नंदुरबार, उधना और बांद्रा रेलवे स्टेशन पर लगाए गया है।

इलाहाबाद डिविजन ने विकसित किया बेल सिस्टम
इलाहाबाद डिवीजन ने यात्रियों के लिए प्लेटफॉर्म पर बेल सिस्टम तैयार किया है। इसके जरिए ट्रेन डिपार्चर के दो मिनट पहले यात्रियों को अपनी सीट पर जाने के लिए अलर्ट किया जाएगा। इसका इस्तेमाल पहले से ही इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर किया जा रहा है।

इसी तरह रेलवे अब रीयल टाइम सीसीटीवी मॉनिटरिंग की योजना बना रहा है। अभी तक हमसफर ट्रेन में सीसीटीवी से निगरानी होती है, लेकिन इसमें भी रीयल टाइम निगरानी नहीं की जाती है। उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) ने ट्रेनों के अंदर ही रीयल टाइम सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम डेवलप किया है, इसकी डिस्प्ले यूनिट को ट्रेन के गार्ड के कम्पार्टमेंट में रखा जाएगा। शुुरुआती फेज में इसे हमसफर एक्सप्रेस के सभी 18 कोच में लगाया गया है।

निजी ट्रेन संचालकों को ट्रेन संचालन में 95% तक समयबद्धता का पालन करना होगा। एक लाख किमी के सफर में एक से ज्यादा गलतियां नहीं होनी चाहिए। साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। 

देशभर में 109 रूट के 12 कलस्टर से 151 निजी ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी

 

नई दिल्ली. देशभर में 109 रूट के 12 कलस्टर से 151 निजी ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी है। इनमें सबसे अधिक मुंबई से 17 और दिल्ली से 16 निजी ट्रेनें रोजाना विभिन्न शहरों के लिए दौड़ेगी। इसके अलावा हावड़ा से 9, मध्य प्रदेश से 6, राजस्थान और बिहार से 7-7, गुजरात और झारखंड से 2-2, हरियाणा और पंजाब से 1-1 ट्रेनें चलेंगी। 45 ट्रेनें दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों से चलेंगी।

इसके लिए रेलवे मंत्रालय ने रिक्वेस्ट फाॅर क्वालीफिकेशन निकाल दिया है और 6 से 8 माह में फाइनेंशियल बिड्स निकाले जाने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 30 हजार करोड़ का निजी निवेश होगा। हर ट्रेन में कम से कम 16 कोच होंगे। ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड रेलवे के ही होंगे। सेफ्टी क्लीयरेंस भी रेलवे देगा।

मुंबई से 17 ट्रेनें दूसरे शहरों से पहुंचेंगी
मुंबई से जितनी संख्या में प्राइवेट ट्रेनें जाएंगी, उतनी ही संख्या में अलग-अलग शहरों से आएंगी। यानी 17 ट्रेनें जाएंगी, तो 17 आएंगी। वहीं, गुजरात से केवल 2 ट्रेनें जाएंगी लेकिन दूसरे राज्यों से 6 ट्रेनें आएंगी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, गुजरात से बाहर जाने वालों की तुलना में आने वालों की संख्या अधिक होती है इसलिए गुजरात पहुंचने वाली ट्रेनों की संख्या अधिक है। प्रतिवर्ष 8 से 9 करोड़ टिकट वेटिंग ही रह जाते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए ही प्राइवेट ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इस पहल का उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी का कम रखरखाव, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।

95% तक समय पर लानी होंगी ट्रेनें, साफ-सफाई रखनी होगी
निजी ट्रेन संचालकों को ट्रेन संचालन में 95% तक समयबद्धता का पालन करना होगा। एक लाख किमी के सफर में एक से ज्यादा गलतियां नहीं होनी चाहिए। साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा।

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