रूस में 75वीं विक्ट्री डे परेड / 19 देशों के साथ भारतीय सेना ने दमखम दिखाया; रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- यह हमारे लिए गर्व की बात
मॉस्को के रेड स्क्वॉयर पर भारतीय सेना के 75 जवानों की टुकड़ी ने रूस के सैनिकों के साथ मार्च पास्ट किया इस साल परेड में भारतीय सेना के तीनों अंगों के सैनिकों के साथ तीन महिला अफसर भी शामिल हुईं रूस के राष्ट्रपति के लिए इस साल की परेड अहम, संविधान में बदलाव के लिए वोटिंग होनी है
मॉस्को. मॉस्को में रेड स्कॉयर में बुधवार को 75वीं विक्ट्री डे परेड दोपहर 12.30 बजे शुरू हुई। परेड में दुनिया के 19 देशों के साथ ही भारत ने भी अपनी सैन्य ताकत दिखाई। इस दौरान भारत के तीनों सेना की 75 सदस्यों वाली टुकड़ी शामिल हुई। कार्यक्रम में शामिल होने रूस गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें बेहद गर्व है कि भारतीय सेना परेड में शामिल हुई है।
भारतीय सैनिकों की अगुआई सिख लाइट इनफैंट्री रेजिमेंट के मेजर रैंक के अफसर कर रहे हैं। इस रेजिमेंट ने दूसरे वर्ल्ड वार में हिस्सा लिया था। इस जंग में लड़ने के लिए इसने चार बैटल ऑनर और दो मिलिट्री क्रॉस समेत कई वीरता पुरस्कार हासिल किए थे। दूसरे विश्व युद्ध में भारतीय सेना के 87 हजार सैनिक शहीद हुए थे।
राजनाथ ने ट्वीट किया- 1941-1945 की लड़ाई में सोवियत लोगों की जीत की 75वीं सालगिरह मनाने के लिए मॉस्को में रेड स्क्वॉयर पर विक्ट्री परेड डे में शामिल हुआ। मुझे गर्व है कि भारत की तीनों सेनाओं की टुकड़ी भी इस परेड में भाग ले रही है।
Attending the Victory Day Parade at Red Square in Moscow today to commemorate the 75th Anniversary of Victory of the Soviet People in the great Patriotic War of 1941-1945.
I am proud that a Tri-Service contingent of the Indian Armed Forces is also participating in this parade.
परेड में पहले भी शामिल होती रही है भारतीय सेना
रूस के विक्ट्री डे परेड में इस साल सेना की तीन महिला अफसर शामिल हुईं। रूस के विक्ट्री डे परेड में पहले भी भारतीय सेना शामिल होती रही है। 2015 में माॅस्को में हुई परेड में ग्रेनेडियर रेजिमेंट की टुकड़ी ने हिस्सा लिया था। इसके साथ ही दुनिया के 19 देशों की सेनाएं शामिल हो रही हैं। सोवियत रिपब्लिक का हिस्सा रहे देशों की सेना को इसके लिए खास तौर पर बुलावा भेजा गया था।
इस साल देरी से हुई विक्ट्री डे परेड
पहले यह परेड 9 मई को होनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया था। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परेड का शेड्यूल आगे बढ़ाने की घोषणा की थी। रूस की राजधानी मॉस्को में अब कुछ पाबंदियां हटाई गई हैं। हालांकि, यह राहत सिर्फ परेड के लिए है।
रूस के 13 हजार सैनिक परेड में शामिल हुए
परेड में रूस के 13 हजार सैनिक, आर्मी के 234 व्हीकल, मिसाइल और टैंकों के साथ शामिल हुए। रूस की सेना ने तोपों की सलामी दी। 75 फाइटर जेट ने फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया। चीन समेत कई दूसरे देशों के नेताओं भी इस आयोजन में शामिल हुए। रूस हर साल जर्मनी के नाजियों से यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक्स (यूएसएसआर) की जीत की याद में विक्ट्री डे मनाता है।
लोगों से की गई घरों में ही रहने की अपील
मॉस्को के मेयर सर्गेइ सोबयानिन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और टेलीविजन पर परेड देखें। सेरेमनी देखने के लिए बुलाए गए पूर्व सैनिकों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जाएगा। मॉस्को के साथ ही रूस के कई दूसरे शहरों में इस मौके पर परेड निकाली गई।
पुतिन के लिए खास है इस बार की परेड
इस हफ्ते रूस में संविधान में बदलाव के लिए वोटिंग होनी है। इससे पुतिन के 2024 के बाद भी सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो सकता है। इसलिए इस साल की विक्ट्री डे परेड पुतिन के लिए अहम मानी जा रही है। पुतिन देश में राष्ट्रवाद की भावना के लिए विक्ट्री डे को काफी तवज्जो देते हैं। उन्होंने 2008 से इस परेड में हथियारों और टैंकों को शामिल करने की शुरुआत की थी।