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रिलायंस का बड़ा दांव:मुकेश अंबानी ने ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनी नेटमेड्स को खरीदा; 620 करोड़ रुपए में हुई डील, अमेजन और फ्लिपकार्ट को मिलेगी कड़ी टक्कर

रिलायंस ने विटालिक हेल्थ और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी ली है जिन्हें सामूहिक रूप से नेटमेड्स के रूप में जाना जाता है। नेटमेड्स एक ई-फार्मा पोर्टल है जिससे प्रिस्क्रिप्शन आधारित और ओवर-द-काउंटर दवाएं और अन्य हेल्थ उत्पादों की बिक्री की जाती है अमेजन इंडिया फार्मा सर्विस को बेंगलुरु में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च कर चुकी है, फ्लिपकार्ट भी प्रवेश की योजना पर काम कर रही है

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मुकेश अंबानी ने अपने रिटेल कारोबार के लिए एक बड़ी डील की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने जानकारी दी है कि उसकी सहायक रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने डिजिटल फार्मा मार्केट प्लेस नेटमेड्स के मेजॉरिटी शेयर का अधिग्रहण कर लिया है।

620 करोड़ रुपए का निवेश

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स में 620 करोड़ रुपए का निवेश किया है। रिलायंस ने विटालिक हेल्थ और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी ली है जिन्हें सामूहिक रूप से नेटमेड्स के रूप में जाना जाता है। रिलायंस ने सहायक कंपनियों त्रिसारा हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, नेटमेड्स मार्केट प्लेस लिमिटेड और दाधा फार्मा डिस्ट्रिब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है।

जानिए क्या कहा रिलायंस ने..

रिलायंस की रिटेल डायरेक्टर ईशा अंबानी ने एक बयान में कहा कि यह निवेश हमारी उस प्रतिबद्धता के अनुरूप ही है जिसमें हमने भारत में हर व्यक्ति तक डिजिटल पहुंच की बात की है। नेटमेड्स के अधिग्रहण से अब रिलायंस रिटेल लोगों को अच्छी क्वालिटी और किफायती हेल्थ केयर प्रोडक्ट और सेवाएं मुहैया करा सकेगा। नेटमेड्स ने जिस तरह से बहुत कम समय में देशव्यापी डिजिटल फ्रेंचाइजी विकसित की है उससे हम प्रभावित हुए हैं।

नेटमेड्स कंपनी के बारे में जानिए

नेटमेड्स एक ई-फार्मा पोर्टल है जिसके द्वारा प्रिस्क्रिप्शन आधारित और ओवर-द-काउंटर दवाएं और अन्य हेल्थ उत्पादों की बिक्री की जाती है। इसकी सेवाएं देश के करीब 20,000 स्थानों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा कंपनी दवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी भी करती है। इसकी प्रमोटर चेन्नई आधारित कंपनी दाधा फार्मा है। यह 2015 से काम कर रही है।

अमेजन-फ्लिपकार्ट को टक्कर

बता दें कि ई-काॅमर्स कंपनी अमेजन ऑनलाइन फार्मेसी कारोबार में प्रवेश करने का ऐलान कर चुकी है। कंपनी ने बेंगलुरु से ई-फार्मेसी सेवा शुरू कर दी है। वहीं, फ्लिपकार्ट भी जल्द ही इस कारोबार में एंट्री करने का मन बना रही है। कई फार्मा स्टार्टअप के साथ बातचीत चल रही है। ऐसे में अब जबरदस्त प्रतिस्पर्धा शुरू होने वाली है।

इन कंपनियों की हिस्सेदारी खरीदेंगे अंबानी

रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जिवामे के लिए 160 मिलियन डॉलर का पेमेंट कर सकती है जबकि अर्बन लैडर के लिए लगभग 30 मिलियन पेमेंट कर सकती है। दूध बनाने वाली कंपनी मिल्क बॉस्केट में भी कंपनी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है। बता दें कि जियो प्लेटफॉर्म में मुकेश अंबानी ने हिस्सेदारी बेचकर हाल में 20 अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटाई है।

अर्बन लैडर से कई महीनों से चल रही बातचीत

अर्बन लैडर की खरीदारी को लेकर आरआईएल की बातचीत पिछले कई महीनों से चल रही है। अब यह बातचीत एडवांस स्टेज में पहुंच गई है। इस मामले से वाकिफ लोगों का कहना है कि यह डील 30 मिलियन डॉलर के आसपास की हो सकती है। इसी तरह से अमेजन और बिगबास्केट से डील फेल होने के बाद मिल्क बास्केट और रिलायंस काफी नजदीक आ गए हैं।

फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार भी खरीदेगी अंबानी

आरआईएल की किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार भी खरीदने को लेकर बातचीत चल रही है। खबर के मुताबिक, जल्द ही दोनों कंपनियों में डील की घोषणा हो सकती है। डील अपने आखिरी फेज पर है। फ्यूचर के रिटेल बिजनेस के बिकने से पहले फ्यूचर रिटेल लिमिटेड, फ्यूचर कंज्यूमर, फ्यूचर लाइफ स्टाइल फैशन, फ्यूचर सप्लाई चेन और फ्यूचर मार्केट नेटवर्क का फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में विलय हो जाएगा। फ्यूचर ग्रुप पर मुकेश अंबानी का मालिकाना हक हो जाएगा।

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