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राम मंदिर पर बैठक:जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा- 36 से 40 महीने में मंदिर निर्माण पूरा होने की उम्मीद, कंस्ट्रक्शन में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा

पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा तांबे की पत्तियां दान देने वाले उन पर अपने परिवार का नाम गुदवा सकेंगे

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फोटो 5 अगस्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था।

 

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक गुरुवार को दिल्ली में हुई। ट्रस्ट ने कहा, “मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है। 36-40 महीने यानी करीब साढ़े तीन साल में काम पूरा होने की उम्मीद है। इंजीनियर्स मंदिर की साइट पर मिट्टी की जांच कर रहे हैं। कंस्ट्रक्शन में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।”

मंदिर निर्माण से जुड़ी 5 खास बातें
1. भूकंप-तूफान से बचाने के लिए परंपरागत तकनीकों से निर्माण होगा।
2. पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की 1. हजार पत्तियां काम में ली जाएंगी।
3. तांबे की पत्तियां देने वाले उन पर अपने परिवार, इलाके या मंदिरों के नाम गुदवा सकेंगे।
4. मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
5. 3.4. महीने में निर्माण का काम पूरा होने की उम्मीद।

ट्रस्ट ने तांबे की पत्तियां दाने करने की अपील की
ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर निर्माण में देश की प्राचीन और परंपरागत तकनीकें काम में ली जाएगी। ताकि भूकंप, तूफान और दूसरी आपदाओं से कोई नुकसान नहीं हो। कंस्ट्रक्शन में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए 18 इंच लंबी, 3 मिलीमीटर गहरी और 30 मिलीमीटर चौड़ाई की 10 हजार पत्तियों की जरूरत पड़ेगी।

ट्रस्ट के मुताबिक भक्तों से तांबे की पत्तियां दान करने की अपील की गई है। दान देने वाले इन पत्तियों अपने परिवार, इलाके या मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस तरह तांबे की पत्तियां न सिर्फ देश की एकता का उदाहरण बनेंगी, बल्कि मन्दिर निर्माण में पूरे देश के योगदान का सबूत भी देंगी।

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