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रामलला के मंदिर के लिए भांजे की भेंट:माता कौशल्या के मंदिर से गौ भक्त मोहम्मद फैज खान पदयात्रा पर निकले, अयोध्या में बनने वाले मंदिर की नींव में डाली जाएगी ननिहाल की मिट्‌टी

फैज खान की पहचान गौ भक्त के रूप में है, वे 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम के दिन अयोध्या पहुंचेंगे रायपुर के जयस्तंभ चौक से शुरू हुई इस यात्रा में फैज खान रोजाना 60 किलोमीटर पैदल चलेंगे चंद्रखुरी को ही भगवान राम का ननिहाल माना जाता है, यहां बने मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान की प्रतिमा की पूजा होती है

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अयोध्या में बनने वाले रामलला के मंदिर की नींव में ननिहाल की मिट्‌टी भी डाली जाएगी। रायपुर के चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर से मिट्‌टी लेकर गौसेवक मोहम्मद फैज खान गुरुवार को अयोध्या की पदयात्रा पर निकले हैं।
  • फैज खान की पहचान गौ भक्त के रूप में है, वे 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम के दिन अयोध्या पहुंचेंगे
  • रायपुर के जयस्तंभ चौक से शुरू हुई इस यात्रा में फैज खान रोजाना 60 किलोमीटर पैदल चलेंगे
  • चंद्रखुरी को ही भगवान राम का ननिहाल माना जाता है, यहां बने मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान की प्रतिमा की पूजा होती है

अयोध्या में बनने वाले रामलला के मंदिर की नींव में ननिहाल की मिट्टी भी डाली जाएगी। रायपुर के चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर से मिट्टी लेकर गौ सेवक मोहम्मद फैज खान गुरुवार को अयोध्या की पदयात्रा पर निकले। वह 5 अगस्त को भव्य मंदिर के शिलान्यास के दिन अयोध्या पहुंचेंगे।

रायपुर के जयस्तंभ चौक से शुरू हुई इस यात्रा में फैज खान रोजाना 60 किलोमीटर पैदल चलेंगे। वह कुल 796 किमी का सफर पैदल ही तय करेंगे। वह बिलासपुर, अमरकंटक, शहडोल और प्रयागराज होते हुए अयोध्या पहुंचेंगे। इस यात्रा को लेकर फैज ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ की ओर से रामलला को भांचा (भांजा) भेंट है।

सनातन परंपरा में हर शुभ काम में ननिहाल का योगदान
रायपुर के रहने वाले फैज खान की पहचान गौ भक्त के रूप में होती है। फैज ने कहा- भगवान राम का ननिहाल दक्षिण कौशल, जो मौजूदा वक्त में छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है। भगवान राम ने 14 साल के वनवास के दौरान यहां भी अपना वक्त गुजारा था। फैज कहते हैं कि सनातन परंपरा के मुताबिक, हर शुभ काम में ननिहाल का योगदान होता है। यहां के लोगों की इच्छा और भावना है कि भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए भगवान राम के ननिहाल से भी भेंट दी जाए।

चांदी की डिब्बी में मंत्रोच्चार के साथ भरी गई मिट्टी
इससे पहले फैज चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर पहुंचे। वहां पंडितों की मौजूदगी में मंत्रोच्चार के साथ मंदिर से मिट्टी लेकर चांदी की डिब्बी में भरी गई। इसके बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा की। फिर जय श्रीराम लिखे एक लाल कपड़े में डिब्बी को बांधकर यात्रा के लिए निकले। चंद्रखुरी को ही भगवान राम की ननिहाल माना जाता है। यहां पर बने मंदिर में भगवान राम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की मूर्ति है।

सीएम योगी ने कहा था- ननिहाल के बाद अब अयोध्या में बनेगा मंदिर
रायपुर में 2013 में भगवान राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन हुआ था। तब योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वे तब गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर और गोरखपुर से सांसद थे। तब योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि भगवान राम के ननिहाल में राम मंदिर बन गया है।

अब जल्द ही अयोध्या में भी मर्यादा पुरुषोत्तम के मंदिर का रास्ता निकलेगा और वहां भव्य निर्माण कराया जाएगा।

छत्तीसग

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