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राजस्थान की सियासत में अंतर्कलह:लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर शुरू हो गई थी कलह; 14 माह में अंदरूनी संघर्ष हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा

कांग्रेस में एक के बाद एक बयान के दौर चल रहे थे, जिसके बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने अपील जारी की थी उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने चुनाव हारा है, लेकिन हमारी संघर्ष की भावना और हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत है

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मई 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद ही कांग्रेस के भीतर कलह शुरू हो गई थी। जहां तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और सहकारिता मंत्री ने खुले तौर पर बयान दिया था, जबकि कृषि मंत्री सादे कागज पर इस्तीफा लिखकर अचानक भूमिगत हो गए थे।

कांग्रेस में एक के बाद एक बयान के दौर चल  रहे थे, जिसके बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने अपील जारी की थी। पांडे ने कांग्रेसियों को बयानबाजी करने से परहेज करने की नसीहत दी थी। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 25 सीटें हार गई थी। इसके बाद से ही कांग्रेस के भीतर असंतोष बढ़ता गया।

लगातार पनप रहे असंतोष पर केंद्रीय आलाकमान की ओर से कभी गौर ही नहीं किया गया

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ब्यूरोक्रेसी के बहाने निशाना साधा था। यहां तक कह दिया था कि राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही। इसके कारण आम जनता परेशान हो रही है। रमेश मीणा ने कहा था कि ब्यूरोक्रेट्स हावी हैं और उन पर अंकुश लगना चाहिए।

कांग्रेस के सीनियर विधायक हेमाराम चौधरी ने तो यहां तक कह दिया था कि मैं कभी भी विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा। लगातार पनप रहे असंतोष पर केंद्रीय आलाकमान की ओर से कभी गौर ही नहीं किया गया, जिसका नतीजा है कि कांग्रेस के भीतर की लड़ाई सड़क पर पहुंच गई है।

दो गुट आपस में लड़ते हुए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मान लीजिए किसी नेता का किसी पर भरोसा नहीं, तो क्या आवाज उठाने पर उसे अयोग्य करार दिया जाएगा। लोकतंत्र में असंतोष की आवाज इस तरह बंद नहीं हो सकती।

पांडे ने कांग्रेस नेताओं को बयानबाजी से रोका था 
चुनाव में हार के बाद मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं की ओर से की जाने वाली बयानबाजी के बाद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कांग्रेसियों के लिए अपील जारी की थी। कहा कि हमारा संघर्ष जारी रहेगा। कांग्रेस कार्यकर्ता हताश और निराश ना हों। कांग्रेस ने चुनाव हारा है, लेकिन हमारा अदम्य साहस, हमारी संघर्ष की भावना और हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मजबूत है।

कांग्रेस नफरत फैलाने वाली विभाजनकारी ताकतों से लोहा लेने के लिये सदैव कटिबद्ध है। कांग्रेस के नेता सार्वजनिक बयानबाजी से परहेज करें। शीघ्र ही परिणामों के संदर्भ में समीक्षा बैठक का आयोजन किया जायेगा, जिसमें सभी कांग्रेसजनों को अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा, लेकिन बाद में किसी को बोलने का मौका ही नहीं मिला।

राजस्थान की राजनीति:सीएम, पूर्व डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री, पूर्व मंत्री और 19 विधायकों समेत 48 को मिले नोटिस; 9 दिन में यह मामला हाईकाेर्ट फिर सुप्रीम काेर्ट जा पहुंचा

एसओजी ने पहला नाेटिस मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत काे दूसरा नाेटिस तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 16 विधायकाें काे भेजा। -फाइल फोटो
  • प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बीच 14 दिन नोटिस, नोटिस और नोटिस
  • नाेटिस का खेल एसओजी ने शुरू किया, 16 विधायकाें काे नाेटिस दिए

विधानसभा स्पीकर सीपी जाेशी की ओर से 14 जुलाई काे सचिन पायलट सहित 19 विधायकाें काे विधायक दल की बैठक में उपस्थित नहीं हाेने पर कारण बताओ नाेटिस दिया गया। 9 दिन में यह मामला हाईकाेर्ट फिर सुप्रीम काेर्ट जा पहुंचा। नाेटिस का खेल एसओजी ने शुरू किया। 16 विधायकाें काे नाेटिस दिए।

फिर 19 विधायकाें काे विधानसभा स्पीकर ने। फिर एसीबी ने। बीच में इनकमटैक्स और ईडी आ गई। सीबीआई ने भी एक अन्य मामले में विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की। विधायकाें के घर पर नहीं मिलने पर जांच एजेंसियां उनके आवास पर नाेटिस चस्पा करने लगी।

पहलाः सीएम, डिप्टी सीएम सहित 16 विधायकाें काे नोटिस जारी

एसओजी ने विधायकाें की खरीद-फराेख्त की शिकायत पर 13 जून से दाे माेबाइल नंबर सर्विलांस पर लिए और 10 जुलाई काे उदयपुर व ब्यावर के दाे खनन काराेबारियाें के खिलाफ केस दर्ज कर इसी दिन पहला नाेटिस मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत काे दूसरा नाेटिस तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 16 विधायकाें काे नाेटिस भेजा। इसी नाेटिस के बाद राजनीतिक बवंडर मच गया और एसओजी के दुरूपयाेग के आरोप लगने लगे।

दूसराः विधानसभा स्पीकर ने 19 विधायकाें काे भेजा नोटिस

विधायक दल बैठक में नहीं आने वाले पायलट सहित 19 विधायकाें काे स्पीकर ने नाेटिस भेजा। स्पीकर ने सचिन पायलट, रमेश मीणा,विश्वेन्द्र सिंह, दीपेन्द्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, हेमाराम चाैधरी, मुकेश भाकर, हरीश मीणा सहित 19 विधायकाें काे 14 जुलाई काे नाेटिस भेजे। मुख्य सचेतक महेश जाेशी ने विधानसभा सचिवालय में शिकायत की थी कि ये बिना सूचना गैर हाजिर रहे।

बैठक में रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इन पर दल बदल कानून लागू हाेता है। इसके तहत विधायकाें की सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है। नोटिस काे लेकर पायलट गुट हाईकाेर्ट गया। जहां से स्पीकर काे कहा गया कि वे मंगलवार तक किसी तरह की कारवाई नहीं करें। इसकाे लेकर स्पीकर की ओर से सुप्रीम काेर्ट में एसएलपी दायर की गई। इस तरह से महज नाै दिन में ही नाेटिस का मामला हाईकाेर्ट से लेकर सुप्रीम काेर्ट तक पहुंच गया।

तीसराः एसीबी ने विधायक विश्वेन्द्र सिंह और भंवरलाल शर्मा काे हॉर्स ट्रेडिंग के दर्ज केस में बयान देने के लिए नोटिस जारी किया

एसीबी ने मुख्य सचेतक महेश जाेशी की शिकायत पर विधायक विश्वेन्द्र सिंह व भंवर लाल शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज 20 जुलाई काे इनके घराें पर नाेटिस चस्पा किए। नाेटिस में कहा कि तीन दिन में वे झालाना स्थित एसीबी के आफिस में उपस्थित हाे। उनसे दर्ज किए गए मुकदमे में पूछताछ करनी है।

एसीबी ने सरकार की ओर से विधायकाें की खरीद-फराेख्त के संबंध में वायरल किए गए ऑडियाे काे लेकर मुख्य सचेतक महेश जाेशी की ओर से दी गई रिपाेर्ट के आधार पर विधायक विश्वेन्द्र सिंह तथा भंवर लाल शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

चाैथाः वायरल ऑडियो में संजय की लेन देन की बातें

मामले में चाैथा नाेटिस एसओजी ने बीकानेर के लूणकरणसर निवासी संजय जैन काे दिया। संजय जयपुर में बनीपार्क में रहता है। पूछताछ के बाद एसओजी ने संजय काे गिरफ्तार कर लिया।

पांचवाः ऑडियो में आवाज…केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र का नाम

वायरल हुए ऑडियाे में आराेपी संजय जैन विधायक भंवर लाल शर्मा की गजेन्द्र सिंह से बात करवा रहा है। लेन-देन की बातें हाे रही हैं। इस ऑडियाे के आधार पर मामला दर्ज करने के बाद एसओजी ने केन्द्रीय मंत्री के निजी सचिव काे 18 जुलाई काे वाट्सएप व ईमेल से भेजा। इसके बाद निजी सचिव काे फाेन कर बताया।

छठाः बांसवाडा-उदयपुर में पांच भाजपा नेताओं को बयान नोटिस

एसओजी ने छठा नाेटिस बांसवाडा व उदयपुर के भाजपा नेताओं काे भेजा। दस जुलाई काे गिरफ्तार किए गए दाे खनन काराेबारियाें से पूछताछ व काॅल डिटेल के आधार पर एसओजी ने बांसवाडा के पूर्व जिला अध्यक्ष मनाेहर त्रिवेदी, करणी सिंह, उदयपुर के तनवीर व बलवंत सहित पांच लाेगाें काे अलग अलग समय में नाेटिस भेजा है।

सातवांः पूर्व सीएम काे बंगला मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया

हाईकाेर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे काे आवंटित बंगले के मामले में मुख्य सचिव काे पक्षकार बनाते हुए जवाब देने के लिए कहा है।

आठवांः  पायलट की मानहानि का गिर्राज मलिंगा काे नोटिस

विधायक गिर्राज मलिंगा नेे सचिन पायलट पर आराेप लगाया था कि पायलट ने भाजपा में शामिल हाेने के लिए 35 कराेड रुपए का ऑफर दिया है। मामले में सचिन पायलट ने मलिंगा पर मानहानि का आराेप लगाते हुए लीगल नाेटिस भेजा।

नवांः मानेसर की रिसोर्ट वालों को एसओजी का ताजा नोटिस

पायलट गुट के विधायकाें के मानेसर स्थित हाेटल में ठहरा हाेने पर एसओजी ने हाेटल प्रबंधन काे नाेटिस जारी कर पूछा था कि आपके यहां विधायक ठहरे हुए हैं क्या। हालांकि, बाद में हाेटल प्रबंधन ने इसका जबाव दे दिया था।

सीबीआई ने भी भेजा नाेटिस : एसएचओ का सुसाइड… विधायक कृष्णा और सीएम के ओएसडी देवाराम से पूछताछ

सीबीआई ने भी सीएम के ओएसडी देवाराम व विधायक कृष्णा पूनिया काे नाेटिस देकर बताया कि राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त की आत्महत्या के मामले में बयान लेना है। नाेटिस देने के बाद सीबीआई ने दाेनाें से 21 जुलाई काे बयान लिए।

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