राजस्थान का राजा मान सिंह एनकाउंटर केस:35 साल बाद 11 पुलिसकर्मी दोषी करार, कल सुनाई जाएगी सजा; एनकाउंटर के दो दिन बाद ही सीएम शिवचरण माथुर को इस्तीफा देना पड़ा था
राजा मान सिंह की बेटी और पूर्व पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कहा- देर से ही सही, लेकिन न्याय मिला 21 फरवरी 1985 को राजा मान सिंह का एनकाउंटर हुआ था, 23 फरवरी को माथुर को इस्तीफा देना पड़ा था
राजस्थान के चर्चित राजा मान सिंह हत्याकांड में 35 साल बाद मंगलवार को फैसला आ गया। मथुरा की जिला अदालत ने तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 11 पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी माना। सजा बुधवार को सुनाई जाएगी। इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया है। मान सिंह भरतपुर के पूर्व राजघराने से थे। वे सात बार विधायक थे।
एनकाउंटर के दो दिन बाद 23 फरवरी 1985 को तत्कालीन सीएम शिवचरण माथुर को इस्तीफा देना पड़ा था। तब हीरालाल देवपुरा को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
1990 में केस मथुरा ट्रांसफर हुआ था
कोर्ट के फैसले पर राजा मान सिंह की बेटी और पूर्व पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन न्याय मिला है। पूर्व मंत्री कृष्णेंद्र कौर ने मुकदमा प्रभावित होने की आशंका के चलते नवंबर 1989 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और यह पूरा मामला 10 जनवरी 1990 को मथुरा ट्रांसफर हो गया था।
मान सिंह ने हेलिकॉप्टर को जीप से टक्कर मार दी थी, इसके बाद हुआ एनकाउंटर
राजा मानसिंह का जन्म 5 दिसम्बर 1921 को भरतपुर रियासत में हुआ। वे सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट रहे। 1952 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे। 1984 तक लगातार सात बार निर्दलीय विधायक रहे। 20 फरवरी 1985 को विधानसभा चुनाव में डीग से कांग्रेस उम्मीदवार रिटायर्ड आईएएस ब्रिजेंद्र सिंह के पक्ष में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की सभा थी।
राजा मान सिंह निर्दलीय उम्मीदवार थे। कांग्रेस समर्थकों ने राजा मान सिंह के झंडे को हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया, जो उन्हें नागवार गुजरा। राजा मान सिंह ने चौड़ा बाजार में सभा मंच तथा हायर सेकंडरी स्कूल में खड़े हेलिकॉप्टर को जीप से टक्कर मार दी थी। इस मामले में डीग थाने में पायलट स्क्वॉड्रन लीडर डीसी सूरी एवं आरएसी जवान विशंभरदयाल सैनी की ओर से रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
21 फरवरी को पुलिस ने अनाज मंडी में राजा मान सिंह को हाथ से इशारा कर रुकने को कहा। जब राजा मान सिंह गाड़ी को बैक करने लगे तभी फायरिंग हुई। इसमें राजा मान सिंह, सुमेरसिंह, हरिसिंह की गोली लगने से मौत हो गई। राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह की ओर से 18 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था, इसकी सीबीआई जांच हुई।
तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है
वकील नारायणसिंह ने बताया कि जज साधना रानी ठाकुर ने इस केस में 11 लोगों को दोषी माना है। तीन को बरी कर दिया है। तीन की मौत हो चुकी है। एक पहले ही बरी हो चुका है। अदालत ने आरोपी तत्कालीन डीएसपी कानसिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्रसिंह, सुखराम, जीवनराम, जगमोहन, भंवरसिंह, हरिसिंह, शेरसिंह, छत्तरसिंह, पदमाराम और रविशेखर मिश्रा को दोषी करार दिया है। कानसिंह सिरवी, हरिकिशन और गोविंद राम को बरी कर दिया है।