यूएई में आईपीएल:फ्रेंचाइजी को स्पॉन्सर्स की तलाश, 95% इन्वेंट्री बेची, पिछले सीजन में हर फ्रेंचाइजी ने 200 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था
एक फ्रेंचाइजी सीईओ ने कहा- मौजूदा समय में उस वैल्यू पर स्पॉन्सर खोजना मुश्किल है, जिस वैल्यू पर पिछले सीजन में डील की थी आईपीएल इस साल 19 सितंबर से यूएई में होगा, फाइनल 8 नवंबर को खेला जाएगा
आईपीएल का 13वां सीजन 19 सितंबर से यूएई में अपनी भव्य वापसी के लिए तैयार है। लेकिन उसे कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लीग की कुछ फ्रेंचाइजियों ने अपने-अपने मुख्य स्पॉन्सर्स खो दिए हैं और उन्हें नए स्पॉन्सर्स की तलाश है।
एक आईपीएल फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने बताया, “लीग फिर से शुरू होना हमारे लिए राहत की बात है। लेकिन स्पॉन्सर्स की कमी हमें परेशानी में डाल रही है। सीजन से पहले हमने अपनी 95% इन्वेंट्री बेच दी। मौजूदा समय में हमारे पास स्पॉन्सर्स नहीं हैं।’
पिछले सीजन में फ्रेंचाइजियों की कुल कमाई 1600 करोड़ रु. रही
पिछले सीजन में हर फ्रेंचाइजी ने करीब 200 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। यानी सभी की कुल कमाई करीब 1600 करोड़ रुपए थी। फ्रेंचाइजी की पूरी इन्वेंट्री बिकी भी नहीं है। यानी उन्हें लगभग 80 करोड़ का घाटा तो पहले से ही उठाना पड़ा है।
फेस्टिवल सीजन से उम्मीदें बढ़ीं
एक फ्रेंचाइजी के सीईओ ने कहा, “मौजूदा समय में उस वैल्यू पर स्पॉन्सर खोजना मुश्किल है, जिस वैल्यू पर पिछले सीजन में डील की थी। लीग फेस्टिवल सीजन में हो रही है तो हमें थोड़ी आशा है कि जो स्पॉन्सर्स हमारे हाथ से चले गए थे, उनका रिप्लेसमेंट मिल जाएगा।’
एनओसी के बाद भी द. अफ्रीका के खिलाड़ियों के खेलने पर संशय
न्यूजीलैंड बोर्ड के बाद दक्षिण अफ्रीका बोर्ड ने भी अपने 10 खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने के लिए एनओसी दे दी है। फिर भी द. अफ्रीकी खिलाड़ियों के टी-20 लीग में खेलने पर संशय की स्थिति है। इसकी वजह अफ्रीका में काेविड-19 के बढ़ते मामले हैं। द. अफ्रीका में फिलहाल लॉकडाउन है। पिछले कुछ महीनों से इंटरनेशनल फ्लाइट भी पूरी तरह से बंद हैं।
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए किसी को नहीं पता कि फ्लाइट कब से शुरू होंगी। ऐसे हालात में द. अफ्रीकी क्रिकेटरों के लिए बीसीसीआई या आईपीएल फ्रेंचाइजी को स्पेशल अरेंजमेंट्स करने होंगे। द. अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के मीडिया मैनेजर कोकेटो गॉफेटोगे ने कहा, ‘बोर्ड ने एनओसी तो दे दी है। लॉजिस्टिक्स हमारे हाथ में नहीं हैं।’ द. अफ्रीका में 4.22 लाख केस हैं।
बोर्ड के खर्चे कम नहीं हुए, ऐसे में आईपीएल का होना जरूरी क्योंकि इससे 4 हजार करोड़ रु. का रेवेन्यू जुड़ा
- डेक्कन चार्जर्स को गलत तरीके से आईपीएल से हटाने के कारण बीसीसीआई को लगभग 4800 करोड़ रुपए देने हैं
- यूएई को श्रीलंका और न्यूजीलैंड की जगह आयोजन के लिए चुना गया, क्योंकि यहां इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के हिसाब से लाइव मैच दिखाना आसान
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आईसीसी ने सदस्य देशों से चर्चा के बाद टी-20 वर्ल्ड कप को स्थगित कर दिया। यह निर्णय आसान नहीं था। इस तरह से आईपीएल के आयोजन का रास्ता साफ हो गया। कोविड-19 के बढ़ते केस के कारण देश में टूर्नामेंट का आयोजन कराना मुश्किल है। हालांकि, अंतिम निर्णय गृह मंत्रालय को करना है।
यूएई को श्रीलंका और न्यूजीलैंड की जगह आयोजन के लिए चुना गया। इसके कई कारण हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच समय में बड़ा अंतर है। ऐसे में ब्रॉडकास्टर को भारतीय दर्शकों के हिसाब से वहां मैच कराना मुश्किल होता।
यूएई में इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी अच्छी
यूएई में अच्छी इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी के कारण उसे चुना गया। इस साल बीसीसीआई आईपीएल को कराने के लिए आक्रामक है। इसे आईसीसी के अधिकांश बोर्डों से समर्थन है, क्योंकि आईपीएल के लगभग 4 हजार करोड़ के रेवेन्यू में से उन्हें भी कुछ ना कुछ मिलेगा। बीसीसीआई को सबसे बड़ा फायदा होगा। क्योंकि पिछले 5-6 महीने में उसे कोई आमदनी नहीं हुई है। जबकि खर्चे पहले की तरह बने हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक लागत कम करने के लिए ही महिला टीम के इंग्लैंड दौरे को अनुमति नहीं दी गई।
बोर्ड को डेक्कन चार्जर्स को 4800 करोड़ रुपए देने
बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय का भी बोर्ड पर असर पड़ेगा। डेक्कन चार्जर्स को गलत तरीके आईपीएल से हटाने के कारण उसे लगभग 4800 करोड़ रुपए देने हैं। बोर्ड की बैलेंस सीट अभी भी मजबूत है, लेकिन यदि हम आईसीसी और सरकार के बीच लगभग 1300 करोड़ रुपए के टैक्स मामले को देखें तो यह कमजोर दिखाई देने लगता है।