मोबाइल वाली फोटोग्राफी:सिर्फ ज्यादा पिक्सेल के कैमरे देखकर मोबाइल न खरीदें, फोटोग्राफी के लिए ये हैं 8 बेस्ट स्मार्टफोन, जानिए क्यों
एक्सपर्ट्स की सलाह- मोबाइल के प्रोसेसर का भी ध्यान रखें, ग्राफिक प्रोसेसर भी जरूरी, अपर्चर भी देखें कलर वैरिएशन और कलर क्वॉलिटी के पैरामीटर भी देखने चाहिए, पिक्सेल डेंसिटी भी अहम
आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे है। फोटो हमारी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। हम कहीं जाएं और फोटो न लें, ऐसे मौके मुश्किल से आते हैं। आज हर कोई, हर अहम पल को कैमरे में कैद करना चाहता है। इस काम को आसान बनाया है मोबाइल कैमरे ने। फोटोग्राफी के लिए मोबाइल कैमरे डी-एसएलआर कैमरों की कमी को पूरा कर रहे हैं। इसीलिए जब हम मोबाइल लेने मार्केट में जाते हैं, तो सबसे पहले उसके कैमरे के फीचर के बारे में जानना चाहते हैं कि कितने मेगापिक्सेल कैमरा है? रेज्युलेशन क्या है? कैमरा एचडी है कि नहीं? सेल्फी कैमरा कैसे काम करता है? वगैरह, वगैरह। दिल्ली में टेक एक्सपर्ट्स ललित मिश्रा बताते हैं कि जब भी हम फोटोग्राफी के मकसद से मोबाइल फोन लें तो ये याद रखें कि मेगा पिक्सेल का संबंध इमेज साइज से है, न कि क्वालिटी से। इसलिए सिर्फ ज्यादा पिक्सेल देखकर स्मार्टफोन न खरीदें। फोन खरीदने से पहले यह जरूर देखें कि फोन का अपर्चर कितना है। जितना अपर्चर कम होगा, उतना अच्छा होगा। ऑटो फोकस लेंस भी जरूरी होता है।
इसलिए इस फोटोग्राफी डे पर हम आपको बता रहे हैं, देश में उपलब्ध बेस्ट कैमरे वाले स्मार्टफोन के बारे में। जिनकी कीमत 9-10 हजार से लेकर 40 हजार रुपए के बीच तक है।
मोबाइल खरीदते वक्त और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- ललित मिश्रा के मुताबिक, फोटोग्राफी के लिए मल्टी प्रोसेसर वाले स्मार्टफोन लेने चाहिए। प्रोसेसर में दो फीचर होते हैं, डेटा प्रोसेसर और ग्राफिक प्रोसेसर। कई फोन में डेटा प्रोसेसर तो होता है, लेकिन ग्राफिक प्रोसेसर नहीं होता है। इसलिए ग्राफिक प्रोसेसर वाले मोबाइल को ही लें।
- अच्छी परफार्मेंस के लिए कम से कम क्वॉड कोर प्रोसेसर वाले फोन ही लें, वैसे अब ऑक्टा कोर प्रोसेसर वाले मोबाइल भी आ गए हैं। एआरएम कोर्टेक्स कैटेगरी के प्रोसेसर अपनी रेंज में 30 फीसदी तक अधिक बेहतर परफार्मेंस देते हैं। ऐसे फोन के कैमरे बहुत तेजी से काम करते हैं और रियल टाइम प्रोसेसिंग करते हैं।
- ललित मिश्रा कहते हैं कि ज्यादा स्टोरेज और रैम वाले स्मार्टफोन से फोटोग्राफी अच्छी होती है। कलर फ्रेमिंग भी होना जरूरी होता है, क्योंकि पिक्सल सारे कलर को सपोर्ट नहीं करते हैं।
- कलर वेरिएशन और कलर क्वालिटी के पैरामीटर भी देखना चाहिए, पिक्सल डेंसिटी का भी ध्यान रखना चाहिए। वीवो और एपल के मोबाइल के फीचर सेक्शन में ये बातें लिखी होती हैं।
- मोबाइल लेते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि उसमे एआई फीचर का सपोर्ट है या नहीं। फोटो लेते समय लाइट की सेंस्टेविटी मायने रखती है, इसके लिए आईएसओ-800 से ऊपर वाले मोबाइल लेना चाहिए।
- मीडियम रेंज के मोबाइल फोन में वीवो और वन-प्लस का कैमरा अच्छा होता है। इनमें एआई फीचर होने की वजह कलर करेक्शन अच्छा होता है। लाइट सेंसिंग फीचर भी होना चाहिए।
- यदि नेचर फोटोग्राफी करनी है और लाइव कलर का अनुभव लेना है, तो पिक्सेल डेंसिटी का ध्यान रखें। इनके साथ कलर वेरियेशन के ग्रेडियंट की स्मूथनेस का भी ध्यान रखना चाहिए।