महंगा पड़ा मौत का सौदा / मंदिर के महंत की हत्या के लिए सुपारी दी, एडवांस कम दिया तो बदमाशों ने सुपारी देने वाले को ही मार डाला
शृंगी ऋषि आश्रम का महंत रामभज हनुमान मंदिर के महंत रामदास को मरवाकर खुद गद्दी पर बैठना चाहता था रामभज को लगता था कि मंदिर का अगला महंत छविदास बनेगा, इसलिए उसे फंसाने की साजिश भी थी
बदमाशों ने सुपारी देने वाले को ही मार डाला
कैथल. पंजाब के कैथल में शृंगी ऋषि आश्रम के महंत रामभज दास की हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गिरफ्तार किए गए 5 बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि रामभज प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत राघव दास शास्त्री (91) की हत्या करवाना चाहता था, ताकि खुद गद्दी पर बैठ सके। इसके लिए उसने 5 लाख की सुपारी दी थी, लेकिन एडवांस कम देने पर विवाद हो गया और बदमाशों ने उसे ही पीट-पीटकर मार डाला।
50 हजार रुपए के लिए कर दी हत्या
सीआईए-वन पुलिस ने बताया कि रामभज ने जिंद जिले के नरवाना निवासी अजय मेहरा के माध्यम से सोनीपत के बदमाशों को राघव दास की हत्या की सुपारी दी थी। 50 हजार रुपए एडवांस दिए थे। साढ़े चार लाख रुपए हत्या के बाद देना तय हुआ था। 24 जून की रात अजय कैथल की खरक पांडवा नहर पर रामभज से मिला और 50 रुपए और मांगे। रामभज ने मना किया तो विवाद हो गया। इस पर अजय ने साथियों की मदद से रामभज और उसके सेवक कुलबीर पर डंडों से हमला कर दिया। रामभज की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। वारदात के बाद आरोपी बाबा की गाड़ी, मोबाइल और पर्स लूटकर फरार हो गए। इस मामले में अभी अजय समेत 4 बदमाशों की तलाश की जा रही है।
100 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी पर नजर थी
रामभज का एक साल से प्राचीन हनुमान मंदिर में आना-जाना था और उसकी नजर मंदिर के महंत बनने पर थी। वह मंदिर की करीब 100 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी हथियाना चाहता था। उसे लगता था कि राघव दास की मौत के बाद सीवन डेरा के महंत छविदास को इस मंदिर का महंत बनाया जाएगा। ऐसे में वह राघव दास की हत्या करवाकर इस मामले में छविदास को फंसाना चाहता था। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कुलबीर और छविदास के खिलाफ ही हत्या, गाड़ी लूटने का केस दर्ज किया था। बाद में साधु समाज के विरोध के बाद मामले की गहराई से पड़ताल शुरू हुई।