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भ्रष्टाचार और तस्करी में शामिल पुलिसकर्मियों पर 3487 केस, सभी दागी कर्मचारी होंगे डिसमिस

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चंडीगढ़. पंजाब पुलिस के कर्मचारियों और अफसरों पर भ्रष्टाचार, फिरौती और तस्करी में संलिप्तता के 3487 केस दर्ज हैं। अब विभाग विशेष पॉलिसी के तहत इन पर एक्शन लेगा।

ऐसे सभी कर्मचारी व अधिकारियों के विरुद्ध विभाग सख्ती करते हुए उन्हें डिसमिस कर देगा, जिनकी भ्रष्टाचार, तस्करी, गैंगस्टर्स, फिरौती आिद के मामलों में संलिप्तता पाई जाएगी या कोई आम व्यक्ति उसके खिलाफ धक्केशाही की शिकायत करेगा और वह सही पाई जाएगी।

इसके लिए पुलिस विभाग एक विशेष पॉलिसी बना रहा है। इसके तहत सभी दागी पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों का डॉटा भी सूबे में सभी जिलों से जुटाया गया है ताकि पंंजाब में पुलिस की बदनाम छवि में सुधार करते हुए ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी अधिकारी किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल होने की कोशिश न करें और लोगों में भी पुलिस का विश्वास बढ़ सके।

हालांकि पुलिस ने काेरोना काल में अच्छा काम किया है। इस दौरान पुलिस की छवि भी सुधरी है। लेकिन विभाग नहीं चाहता कोई और गलितयां उनके मुलाजिम करें और उससे लोगों में गलत संदेश जाए।

गलत को सजा, एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी काम पर प्रमोशन

पॉलिसी में अब एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी काम करने वालों को एक रैंक अप देने का फैसला भी किया गया है। पुलिस अधिकारियों को ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिल सकेगी, इससे जो कर्मचारी अधिकारी अच्छा काम करने के बाद प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं, उनको लाभ मिलेगा। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि जहां गलत काम करने वालों पर सख्ती करेंगे, वहीं एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी काम पर प्रोत्साहित करेंगे। विभाग अब जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम करेगा, जिन पर केस दर्ज हैं उनको डिसमिस कर दिया जाएगा।

क्यों लेना पड़ा फैसला

पुलिस विभाग का मानना है कि हालांकि लाॅकडाउन के दौरान पुलिस कर्मचारी अधिकारियों ने अच्छा काम किया है, शुरू में जरूर कुछ शिकायतें मिली थीं, लेकिन धीरे धीरे कर्मचारी अधिकारियों ने लोगों की मजबूरी को देखते हुए उनके सहयोग के साथ अपनी ड्यूटी काे निभाया है, लेकिन विभिन्न कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न केस व शिकायतें पेंडिंग हैं जो जनता में पुलिस की छवि पर बड़ा धब्बा है, जिसे विभाग को हटाना चाहिए, इसलिए विभाग अब विशेष पॉलिसी के तहत यह काम करेगा।

विशेष कमेटी अंडर सेक्शन 311 के तहत करेगी डिसमिस

पुलिस विभाग ठोस कार्रवाई करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाएगा। कमेटी में एडीजीपी एडमिन के साथ अन्य पुलिस अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। यह कमेटी सभी मामलों के रिकॉर्ड को देखते हुए छंटनी का काम करेगी। कमेटी दोषियों को अंडर सेक्शन 311 के तहत डिसमिस करेगी।

सभी 422 पुलिस थानों में एसएचओ की पॉलिसी के तहत होगी तैनाती

सूबे में 422 पुलिस स्टेशन हैं। इन सभी में एसएचओ की तैनाती होगी। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जिन पर संबंधित थानों में तस्करी में संलिप्तता, शराब माफिया से संबंध और धक्केशाही की शिकायत के केस दर्ज होंगे, वहां उनकी तैनाती नहीं होगी।

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