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भारत-अमेरिका की नेवी एक्सरसाइज:1971 के युद्ध में भारत को डराने के लिए आई अमेरिकी नौसेना अब चीन के सामने भारत की हिम्मत बढ़ा रही

अमेरिका ने हिंद महासागर, दक्षिण 7चीन सागर और फिलीपींस के पास अपने 3 जंगी जहाज तैनात किए अंडमान के करीब यूएसएस निमित्ज के साथ भारतीय नौसेना की एक्सरसाइज से चीन परेशान 1971 में पाकिस्तान को बचाने के लिए अमेरिका ने बंगाल की खाड़ी में अपना जहाज भेजा था

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कहते हैं समय बहुत बलवान होता है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय अमेरिका ने भारत को धमकाने के लिए बंगाल की खाड़ी में अपना एयरक्राफ्ट कैरियर एएसएस एंटरप्राइज बंगाल की खाड़ी में भेजा था। तब अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन थे। आज 49 साल बाद अमेरिकी नौसेना ने भारतीय नौसेना के साथ जॉइंट एक्सरसाइज की है। इसके लिए अमेरिका ने एटमी ताकत वाले अपने एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज को उसी बंगाल की खाड़ी में भेजा है।

अमेरिका ने इस एक्सरसाइज में दक्षिण चीन सागर में पेट्रोलिंग कर रही अपनी नौसेना को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के तट पर भेजा। गलवान घाटी की झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा है। ऐसे में भारत और अमेरिका की इस पासेक्स एक्सरसाइज से चीन परेशान है।

पासेक्स एक्सरसाइज क्या होती है?
पासेक्स (PASSEX) उस युद्धाभ्यास को कहते हैं, जो पहले से तय नहीं होता। इसमें किसी इलाके से जंगी जहाजों के गुजरते समय युद्ध की कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। निमित्ज मंगलवार को जब बंगाल की खाड़ी में पहुंचा तो भारतीय नौसेना ने उसका स्वागत किया।

निमित्ज दुनिया के सबसे खतरनाक जहाजों में से एक
यूएसएस निमित्ज को अमेरिकी सेना में 1975 में शामिल किया गया था। इसकी खास डिजाइन और इसमें समय-समय पर किए जा रहे बदलावों के कारण यह आज भी दुनिया के सबसे खतरनाक और बड़े जंगी जहाजों में से एक है। इसका नाम चेस्टर निमित्ज के नाम पर रखा गया था। वे दूसरे विश्वयुद्ध में प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी नौसेना के कमांडर थे।

निमित्ज की कुछ और खासियत

  • इस जहाज की लंबाई 333 मीटर है। यह एक लाख टन से भी ज्यादा वजन के साथ ऑपरेट हो सकता है।
  • एक साथ 90 एयरक्राफ्ट और 35 हैलिकॉप्टर ले जा सकता है। यह जहां खड़ा होता है वहां से 300 किलोमीटर के दायरे में हमले किए जा सकते हैं।
  • यह एटमी ताकत से लैस है। यह 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है।
  • यह तेजी से हमला करने के साथ ही बचाव भी कर सकता है। इसमें 5 डेस्ट्रॉयर हैं।
  • इसमें एरबोर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (AWACS) है। यह दुश्मन के हवाई हमलों का पहले से पता लगाकर सतर्क कर देता है।
  • हॉलीवुड फिल्म पर्ल हार्बर में इसे दिखाया गया था।

इंदिरा गांधी ने मांगी थी रूस से मदद
अमेरिका के इस कदम के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सोवियत यूनियन (अब रूस) के प्रमुख लियोनिड ब्रेजनेव से मदद मांगी थी। इस पर ब्रेजनेव ने रशियन नेवी को तुरंत भारत पहुंचने के आदेश दे दिए थे। इससे अमेरिकी बेड़ा भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया और भारत ने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटकर बांग्लादेश आजाद करा दिया था।

अमेरिकी जहाजों की तैनाती का मकसद चीन की घेराबंदी

  • अमेरिका ने इस समय तीन मोर्चों पर चीन की घेराबंदी की है। उसने अपनी पेसिफिक नेवी को भारत और चीन की जल सीमा के आसपास तैनात किया है।
  • जंगी जहाज यूएसएस रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में पेट्रोलिंग कर रहा है। ताइवान पर चीन हमला कर सकता है। यह जहाज इस पर भी नजर रखे हुए है।
  • अमेरिकी नौसेना का और एक जंगी जहाज यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट फिलिपींस के नजदीक तैनात है। यह चीन के पूर्वी समुद्र के द्वीपों पर मौजूद चीनी सेना पर भी नजर रखे है।
  • निमिट्ज पिछले 17 दिन से दक्षिण चीनी समुद्र में था, जिसे अब अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के पास लाया गया है। इससे श्रीलंका के नजदीक चीन के जंगी जहाजों के मूवमेंट पर नजर रखी जा सकेगी।
  • चीन के मालवाहक जहाज हिंद महासागर के रास्ते गुजरते हैं। अगर भारत और अमेरिका यहां नाकाबंदी करें तो चीन के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

 

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