बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम:नए नाम के साथ बीटा यूजर्स के लिए आया पबजी; जहां से गेम छोड़ा था; वहीं से फिर खेल पाएंगे
दक्षिण कोरियाई वीडियो गेम डेवलपर क्राफ्टन ने बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम को फाइनली भारत में रिलीज कर दिया है। इस गेम को गूगल प्ले स्टोर से बीटा यूजर्स ने डाउनलोड किया था। हालांकि, कंपनी ने इसे बीटा वर्जन से भी अब हटा लिया है। यानी कुछ ही यूजर्स इस गेम को डाउनलोड कर पाए। अब डाउनलोड करने पर यूजर्स को ‘Internal server error’ का मैसेज मिल रहा है।
क्राफ्टन का कहना है कि जल्द ही इसे सभी यूजर्स के लिए रिलीज कर दिया जाएगा। कंपनी ने अपने फेसबुक पेज पर इसका टीजर भी जारी किया है। पहले ऐसी खबरें थीं कि गेम 18 जून को रिलीज किया जा सकता है।
नए पबजी में क्या अलग मिलेगा?
- बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया में छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। गेम खेलने से पहले यूजर को कन्फर्म करना होता है कि उसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है। इसके बाद ही गेम में एंट्री दी जाती है। गेम में पिंग काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इसकी एक वजह गेम की बीटा टेस्टिंग हो सकती है।
- पबजी मोबाइल की तुलना में इसके ग्राफिक्स थोड़े कम मजेदार हैं। हालांकि, जब तक गेम को सभी यूजर्स के लिए जारी नहीं किया जाता, तब तक ग्राफिक्स और दूसरे एलिमेंट्स के बारे में कहना जल्दबाजी होगी।
- बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया में पबजी की तरह नक्शा, एक जैसे हथियार, गेमप्ले मैकेनिक्स मिलता है। फर्क सिर्फ इतना है कि इन तमाम चीजों के भारतीय यूजर्स के लिए फिर से पैक किया गया है।
- गेम में कुछ मामूली बदलाव भी हुए हैं, जैसे अब खून का रंग लाल नहीं, बल्कि हरा हो गया है। गेम में ऊपर की तरफ जिंदा और यूजर की ओर से मारे गए खिलाड़ियों की संख्या दिख जाती है।
पबजी मोबाइल का डेटा एक्सेस कर पाएंगे
यूजर्स को इस बात की सबसे ज्यादा चिंता है कि क्या वे पबजी मोबाइल के डेटा को बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया में एक्सेस कर पाएंगे। उनके लिए अच्छी खबर है कि वे ऐसा कर सकते हैं। दरअसल, बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया ने यूजर्स को इसके लिए एक ऑप्शन दिया है। इसकी मदद से डेटा को एक्सेस किया जा सकेगा। यूजर्स को इसके लिए दिसंबर तक का टाइम मिलेगा। डेटा ट्रांसफर होने के बाद आप इस गेम को वहां से खेल पाएंगे, जहां पर पबजी मोबाइल में छोड़ा था।
फोन पर कितना स्पेस लेगा गेम?
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया को वनप्लस 7 प्रो में इंस्टॉल किया गया तब गेम ने 6.06GB का स्टोरेज कैप्चर किया। यह गेम का 1.4.0 वर्जन है। खास बात है कि गेम ने इंस्टॉल होने के बाद सिर्फ आपके स्टोरेज से जुड़ी परमिशन मांगी। दूसरी कोई भी परमिशन जैसे कैमरा, गैलरी, कॉन्टैक्ट, म्यूजिक, वीडियो की परमिशन नहीं ली। आप इन-गेम चैट का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपसे माइक्रोफोन की अनुमति देने के लिए कहेगा।
फोन की सेटिंग्स
जिन लोगों ने पबजी इंडिया गेम खेला है, उनके लिए सेटिंग में कुछ भी नया नहीं है। ये पुराने गेम की तरह ही हैं। होम स्क्रीन से लेकर पूरे गेमप्ले के दौरान पबजी मोबाइल खेलने जैसा फील आता है। गेम शुरू होने से पहले एक वॉर्निंग दी जाती है। इसमें कहा जाता है कि ये एक रियल वर्ल्ड बेस्ड गेम नहीं है। वर्चुअल गेम में आपको सर्वाइव करना है।
2GB रैम वाले फोन पर भी चलेगा गेम
क्राफ्टन ने कहा था कि इस गेम को वे सभी स्मार्टफोन यूजर्स आसानी से खेल पाएंगे, जिन फोन में एंड्रॉयड 5.1.1 लॉलीपॉप या इसके बाद का ऑपरेटिंग सिस्टम है। गेम को खेलने के लिए फोन में कम से कम 2GB रैम होना जरूरी है। यानी जिनके फोन का कॉन्फिग्रेशन ज्यादा हाई नहीं है, वे भी इस गेम का मजा ले पाएंगे।
डेटा सिक्योरिटी पहली प्राथमिकता
प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी को प्राथमिकता देते हुए क्राफ्टन हर स्टेज में डेटा की सुरक्षा पक्की करने के लिए अपने पार्टनर्स के साथ काम करेगा। इससे सुनिश्चित होगा कि प्राइवेसी के अधिकारों का सम्मान हो और डेटा का पूरा कलेक्शन और स्टोरेज भारत में प्लेयर्स के लिए लागू सभी कानूनों का पालन करते हुए किया जाएगा।