बिजली संकट:पंजाब में इस बार गर्मी में लगेंगे बिजली कट, पीएसपीसीएल के पास 771 मेगावाट की कमी
नाॅर्दर्न रीजनल लाेड डिस्पैच सेंटर ने बाहर से बिजली की मांग ठुकराई
इस साल प्रदेश के करीब 96 लाख घरेलू-कामर्शियल व कृषि से जुड़े बिजली उपभाेक्ताअाें काे बिजली कटाें से दाे -चार हाेना पड़ सकता है। टेक्नीकल खामी का हवाला देकर नाॅर्दर्न रीजनल लाेड डिसपेच सेंटर दिल्ली की ओर से पंजाब काे बाहर से बिजली सप्लाई देने से इनकार करने पर ऐसी आशंका बढ़ गई है।
दरअसल पीएसपीसीएल के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर ए वेणु प्रसाद ने पत्र लिखकर बिजली संकट काे लेकर अपनी चिंता जताते हुए बाहर से बिजली खरीदने की इजाजत मांगी थी, जिसेे नाॅर्दर्न रीजनल लाेड डिसपेच सेंटर दिल्ली के इंचार्ज ए नालारशन ने तकनीकी कारणाें काे हवाला देकर खारिज कर दिया है। गौर हो पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लि. (पीएसपीसीएल) के पास सभी स्रोत मिलाकर 13596.35 मेगावाट बिजली की उपलब्धता होती है, लेकिन आगामी पैडी सीजन में बिजली की मांग 14000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।
यानी 771 मेगावाट की कमी है, उस कमी काे पूरा करने के लिए ही नाॅर्दर्न रीजनल लाेड डिसपेच सेंटर दिल्ली से बिजली लाेड बढ़ाने की मंजूरी मांगी थी, जाे नामंजूर कर दी गई है। पिछले साल काेराेना महामारी के दाैरान जब लगभग बड़े संस्थान बंद पड़े थे, उस समय पैडी सीजन में बिजली की मांग 13148 मेगावट तक गई थी।
राेपड़ के दाे यूनिट चलने से हाे सकता है समाधान
अगर इस बिजली की कमी काे पूरा करना है ताे पीएसपीसीएल काे बंद पड़े रोपड़ में सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट के दाे यूनिट्स काे शुरू करना हाेगा इससे करीब 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन हाे सकता है।
2022 में 15013 मेगावाट को छूने की उम्मीद
कुल स्रोतों से पीएसपीसीएल की उपलब्ध 13600 मेगावाट, जिसमें बिजली भी शामिल है। बाहरी स्रोतों में लगभग 771 मेगावाट की कमी है, यह मांग 2022 में 15013 मेगावाट को छूने की उम्मीद है। वर्तमान वर्ष में पीएसपीसीएल द्वारा कोई भी जनरेशन क्षमता नहीं जोड़ी है। पीक समर सीजन के दौरान पावर डिमांड का प्रबंधन बिजली कटौती करता है। अप्रैल, मई और जून के दौरान पीएसपीसीएल पीक डिमांड (एमडब्लयू) के संबंध में है।
2021 में 14371 मेगावाट की डिमांड का अनुमान
बिजली की अधिकतम मांग जुलाई 2010 के दौरान 9399 मेगावाट थी। जुलाई 2019 में 13606 मेगावाट की वृद्धि हुई। आगामी धान सीजन 2021 के लिए पीक डिमांड 14371 मेगावाट को छूने की उम्मीद है।