बांझपन या सन्तान हीनता की समस्या के लिये पुरुष भी जिम्मेदार, इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा से मिलती है जबरदस्त सफलता: Dr. Dinesh C.Srivastava
इलेक्ट्रोपैथी/इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में पुरुषों में उपरोक्त बांझपन कारणों की पहचान करके यदि चिकित्सा की जाती है तो सफलता निश्चित प्राप्त होती हैं एवम इलेक्ट्रो पैथी चिकित्सा विज्ञान द्वारा आश्चर्य जनक परिणाम प्राप्त होते है । यह पद्धति रामबाण इलाज़ है।
*बांझपन/ सन्तान हीनता (Infertility)*
लम्बे समय तक साथ रह कर भी अगर किसी दम्पति को चाह कर भी सन्तान पैदा नही होती ,तो ऐसी स्थिति को बांझपन, सन्तान हीनता या इनफर्टिलिटी कहते है ऐसी परिस्थिति में यदि एक बार भी गर्भ नही ठहरता तो इसे(primary infertility) प्राथमिक बांझपन कहते है ।
यदि एक बार गर्भधारण या सन्तान पैदा होने के पश्चात यदि यह परिस्थिति हो तो इसे(Relative or secondary infertility) रिलेटिव या सेकेंडरी सन्तान हीनता कहते है ।
कहने का तात्पर्य यह है कि कोई दम्पति बच्चे की चाहत से 1वर्ष तक लगातार सम्भोग के बाद भी पत्नी गर्भ धारण न कर सके तो ऐसी दम्पति को बांझ कहा जाता हैं ।अर्थात सामन्यतः80 से 90 प्रतिसत दम्पतियों में एक वर्ष के अंदर गर्भ धारण हो जाता है यदि पति पत्नी बच्चे की चाहत रखते हों और साथ साथ रहते हो ।
*बांझपन का कारण*
बांझपन या सन्तान हीनता की समस्या के लिये पुरुष भी जिम्मेदार हैं।
बांझपन के लगभग 30 % से 35 % रोगी दम्पतियो पत्नियां बांझपन के लिए जिम्मेदार होती है ।
बांझपन के लगभग 30 से 40 % दम्पतियों में पति पत्नी दोनों जिम्मेदार होते हैं ।
*पुरुषों में बांझपन के कारण(causes of infertility in males)*
1 *बीर्य में सुक्राणुओ की कमी (oligospermia)*
पुरुषों में स्त्रियों की तरह ही संतान हीनता पाई जाती है संतान उत्तपत्ति के लिए बीर्य में पर्याप्त मात्रा में सुक्राणुओ(sperms) का होना नितांत आवश्यक है करीब 40% सन्तान हीनता का वास्तविक कारण पुरूष में होता है पर दुख की बात है कि पुरूष सुलभ अहंकार के कारण अधिकांश लोग एक सामान्य से बीर्य की जांच के लिए कतराते हैं और औरतों को मंहगे इलाज के लिए प्रेरित करते हैं और सन्तानहीनता का कलंक पत्नी पर लगाया जाता है चाहे दोष पुरूष पर ही क्यों न हो चुकी ऐसी पुरुष संभोग की क्रिया पूरी कुशलता से सम्पन्न कर लेते हैं इसलिए वे समझते है कि उनमें खराबी हो ही नही सकती और गर्भ न ठहरने की स्थिति में सन्तानहीनता के लिए निर्दोष पत्नी को जिम्मेदार ठहराते हैं और स्वंय अपनी जांच के लिए डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली वीर्य परीक्षा की राय को अनदेखा कर देते है ऐसे ब्यक्ति नपुंसकता ओर शुक्राणुविहीनता के फर्क को नही समझते इसीलिए कभी कभी निःसन्तान होने की स्थिति में दूसरी शादी के लिए तैयार हो जाते है इसलिए अनुभवी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सक सन्तानहीनता के हर मामले में पति पत्नी दोनों को ही पुरी जांच करने की सलाह पर जोर देते है ।
*सामान्य शुक्राणु उत्पादन और विकास*
१ शुक्राणुओ की संख्या 6 करोङ से 12 करोङ प्रति मिली लीटर औसतन 10 करोङ प्रति मिलीलीटर होती हैं
2 शुक्राणुओं की चलनशीलता 80से 90 %
3 शुक्राणुओ की आकारिकी 80% सुक्राणुओ का आकार सामान्य होता हैं ।
जिन पुरुषों में शुक्राणुओ की संख्या 4 करोङ प्रति मिलीलीटर से कम होती हैं एवम चलनसीलता 60% से कम होती हैं तथा अवसमान्य आकारिकी की संख्या 20 %, से अधिक होती है तो इनका वीर्य सन्तानोतपत्ति के योग्य नही समझा जाता है
*शुक्राणुओ की संख्या में कमी के कुछ कारण*
(1) लम्बे समय तक गर्म वातारण में निवास करना ।
(2) कल कारखानो अथवा भट्ठियों के आस पास पुरूष कार्य स्थल होना ।
(3) Varicocle नामक विकृति का पाया जाना जिसमे सुक्राणु कोष में शिराओ का जाल बनने के कारण वहाँ सुक्राणुओ का उत्पादन कम हो जाता है
(4) रोगी का मधुमेह, गलसुआ, अथवा मानसिक तनाव से पीड़ित होना ।
(5) रोगी में विटामिन ई की कमी होना
(६) सुक्रवाहिनियो का जन्म जात अभाव होना।अथवा इनका विकास न होना ।
(७) ,मूत्र मार्ग का अम्लीय रहना जिससे शुक्राणुओ की म्रत्यु हो जाना ।
(8)पुरुष जननेन्द्रिय अंगों का विकास न होना ।
(9) पुरुष का सिफलिस, सुजाक अथवा अन्य योन रोगों से पीड़ित होना
(10) कुपोषण होना
(11) मूत्र मार्ग का अपूर्ण विकास
(11) शिश्न का ठीक से विकसित न होना
(१२) नपुंसकता
(13) चुस्त पैन्ट या लँगोट पहनना
(१४) मदिरा या धूम्रपान का अधिक सेवन करना ।
(15) उम्र 45 वर्ष से अधिक हो जाना
(16) कुछ दवाइयों का अधिक सेवन करना ।
*इलेक्ट्रोपैथी/इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा*
पुरुषों में उपरोक्त कारणों की पहचान करके यदि चिकित्सा की जाती है तो सफलता निश्चित प्राप्त होती हैं एवम इलेक्ट्रो पैथी चिकित्सा विज्ञान द्वारा आश्चर्य जनक परिणाम प्राप्त होते है ।
पुरुषों में
(1) Scrofoloso.3
+
(2)Linfatico one
+
(3)Angioticos one
4
Red Electricity
का तीब्र मिक्सचर
10 ml आधे कप पानी मे मिलाकर दिन में तीन बार
R E दाये एवम Y E पुरुष के प्रधान बात केंद्र पर पेंट
S1एवम Linf1 कटि प्रदेश में मलहम लगवाने से बहुत ही सफलता मिलती है
4
Ven1 की 10 ड्राप्स TDS आधे कप पानी
5 A3 की 10 बूंद आधे कप पानी TDS
Have a nice and happy day
Dr. Dinesh Chandra Srivastava
*Senior Member Joint and Modified Joint Proposalist* for Recognition of Electro Homeopathy
IDC ministry and family welfare govt of India
*Executive Managing*
*Editor*
International journal of Electro Homeopathy and pharmaceutical Research
*Chairman*
EHF Souvenir and Literature Team India.
*Chairman*
*Board of Dr. Count Mattie Education Healthcare Council Madhya Pradesh
*Director / Principal*
MGS Alternative Paramedical College and Hospital Panna
Madhya Pradesh
(Recognized by the Department of Higher Medical Education and affiliated to Madhya Pradesh Paramedical Council, Bhopal)
9424670824