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बच्चन परिवार में CoronA :एक-दो दिन में नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट हो सकते हैं अमिताभ-अभिषेक, ऐश्वर्या-आराध्या की हालत में भी हो रहा तेजी से सुधार

जया को छोड़कर बच्चन परिवार के बाकी चार सदस्य अमिताभ, अभिषेक, ऐश्वर्या और आराध्या नानावटी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन को अस्पताल में भर्ती हुए 8 दिन हो गए हैं और उनकी हालत स्थिर है ऐश्वर्या और आराध्या कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद 5 दिन घर में रहीं, छठे दिन अस्पताल ले जाया गया

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मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल के आइसोलेशन में भर्ती अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक, बहू ऐश्वर्या और पोती आराध्या की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे कोविड-19 के ट्रीटमेंट को अच्छे से रिस्पॉन्ड कर रहे हैं ।77 साल के अमिताभ और 44 वर्षीय अभिषेक 8 दिन से अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि 46 साल की ऐश्वर्या और 8 साल की आराध्या को शुक्रवार रात वहां एडमिट किया गया था।

नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट हो सके हैं अमिताभ-अभिषेक

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अस्पताल से जुड़े सूत्रों के हवाले से लिखा है, “वे सभी (अमिताभ, अभिषेक, ऐश्वर्या, आराध्या) ठीक हैं। उन पर इलाज का असर अच्छे से हो रहा है। अमिताभ और अभिषेक को एक-दो दिन में आइसोलेशन वार्ड से अस्पताल के नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है।” एक अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि बच्चन परिवार के सदस्यों को अगले सप्ताह अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।

ऐश्वर्या को कफ था, अब ठीक हैं

रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि ऐश्वर्या को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उन्हें कफ था। हालांकि, अब वे ठीक हैं। शनिवार सुबह अस्पताल से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह खबर भी आई थी कि अस्पताल में भर्ती कराते वक्त ऐश्वर्या को तेज और आराध्या को हल्का बुखार था।

हालांकि, ट्रीटमेंट देने के बाद ऐश्वर्या का बुखार कम हो गया है और आराध्या का लगभग चला गया है। दोनों को आइसोलेशन वार्ड में डॉ. बर्वे और डॉ. अंसारी की निगरानी में रखा गया है। ये दोनों डॉक्टर ही लंबे समय से बच्चन परिवार के मेडिकल कंसल्टेंट हैं।

11 जुलाई से भर्ती हैं अमिताभ-अभिषेक

अमिताभ और अभिषेक को 11 जुलाई को सुबह से हल्का बुखार था। शाम को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वे खुद अस्पताल में भर्ती हो गए थे। 12 जुलाई को ऐश्वर्या और आराध्या की कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। हालांकि, उनमें हल्के लक्षण थे और उन्होंने किसी भी तरह की परेशानी से इनकार किया था।

उन्हें उस समय न तो बुखार आया और न ही सांस लेने में तकलीफ थी। इसलिए कोविड-19 के क्वारैंटाइन नियमों के अनुसार उन्हें घर पर ही रखने का फैसला किया गया था। लेकिन 17 जुलाई को उनकी तबियत अचानक बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में एडमिट कराने का फैसला लिया गया।

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