प्रशासन पहले कोरोना को लेकर अलर्ट करता था, अब दंगों से बचने के लिए सतर्क कर रहा; रात 8 से सुबह 7 बजे तक बाहर निकलने पर मनाही
सैनफ्रांसिस्को. कोरोनावायरस से जूझ रहे अमेरिका पर दूसरी मार आ पड़ी है। अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद बड़े पैमाने पर भड़के दंगों और प्रदर्शन से निपटने में प्रशासन दिन-रात लगा हुआ है। कोरोना के चलते जिस तरह से एक-एक नागरिक को मैसेज भेजकर अलर्ट किया जा रहा था, उसी तरह अब दंगे से अलर्ट का मैसेज भेजा जा रहा है।
कैलिफोर्निया समेत तमाम राज्यों में रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक लोगों को निकलने से मना किया गया है। दुनिया का कोई भी देश हो, वहां अराजक तत्व होते ही हैं। मौके की आड़ में ये अपना काम निकालते हैं। अमेरिका में भी यही हो रहा है। भावनाओं से भरी भीड़ के बीच कई अराजक तत्व मौजूद हैं। ये कभी भीड़ को हिंसा के लिए उकसाते हैं और कभी मौका लगते ही लूटपाट भी करते हैं।
अमेरिका के उत्तर-पूर्व में हिंसा ज्यादा
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत मिनेसोटा में हुई और यह उत्तर-पूर्व का राज्य है, इसलिए उत्तर-पूर्व में ही ज्यादा प्रदर्शन हिंसक हुए। शुरुआती प्रदर्शनों के बाद धीरे-धीरे पूरे अमेरिका के बड़े शहर इसकी चपेट में आने लगे। कैलिफोर्निया में सबसे पहले लॉस एंजिल्स इसकी चपेट में आया। अब तक यहां पर 2700 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सैन फ्रांसिस्को समेत बाकी जगहों पर हिंसक प्रदर्शन नहीं हुए। यहां पर शांति से रैलियां निकाली गईं।