जम्मू. जम्मू की एग्रीकल्चर इकोनॉमी की तस्वीर बदलने वाली रनबीर नहर से तलछट निकालने का काम बीएसएफ की निगरानी में पूरा कर लिया गया है। पाकिस्तान की ओर से लगातार फायरिंग कर इस काम को रोकने की कोशिश की जा रही थी। सिंचाई विभाग ने बीएसएफ ने मदद मांगी थी। इसके बाद सुरक्षा बलों की मौजूदगी में इस काम को पूरा कर लिया गया।
रनबीर नहर जम्मू रीजन में किसानों के लिए सिंचाई का अहम जरिया है। 1905 में बनी इस नहर को जम्मू की लाइफ लाइन कहा जाता है। 59.55 किलोमीटर लंबी नहर इस इलाके के लिए गेम चेंजर साबित हुई है। आरएस पुरा में पैदा होने वाले मशहूर बासमती चावल की खेती में ज्यादातर सिंचाई इसी नहर से की जाती है।
तलछट की वजह से पानी के बहाव पर असर पड़ रहा था
यह नहर अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से गुजरती है। पिछले कई साल के दौरान इसमें भारी मात्रा में तलछट जमा हो रही है। इसकी वजह से इस नहर में कई रुकावटें आ गई हैं और पानी का बहाव सीमित हो गया है। इसके चलते इसके पानी का पूरा इस्तेमाल खेती के लिए नहीं हो पा रहा है। यहां के किसानों ने कई बार केंद्र शासित प्रदेश की सरकार से तलछट हटाने के लिए संपर्क किया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के सिंचाई बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बीएसएफ के अधिकारियों से इस संबंध में बात की।