Newsportal

पंजाब / सूबे के कॉलेजों में पढ़कर डॉक्टर बनने का सपना महंगा हुआ, एमबीबीएस कोर्स की फीस वृद्धि को कैबिनेट की मंजूरी

एमबीबीएस कोर्स की फीस निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए 2014 में तो सरकारी कॉलेजों में 2015 में नोटीफाई की गई थी परिवहन विभाग की साल 2016-17 और 2017-18 की प्रशासनिक रिपोर्टों और कृषि ग्रुप-ए सेवा नियम -2013 में संशोधन को भी मंजूरी

0 234

चंडीगढ़. पंजाब के कॉलेजों में एमबीबीएस करने का सपना अब जेब पर और ज्यादा भारी पड़ेगा। दरअसल, सूबे की सरकार ने यहां के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में इस कोर्स की फीस बढ़ाने का फैसला कर लिया है। हालांकि अभी यह तस्वीर साफ नहीं हो पाई है कि बढ़ोतरी किस हिसाब से होगी। बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगाई, वहीं कई और अहम मसलों पर भी चर्चा हुई है।
बुधवार को दोपहर 3 बजे चंडीगढ़ में पंजाब कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत तमाम मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान मेडिकल शिक्षा और बुनियादी ढांचों की बेहतर सुविधाओं को यकीनी बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स के लिए फीस बढ़ाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस साल 2015 में और निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए साल 2014 में नोटीफाई की गई थी। इन 5-6 साल में कीमत सूचक में विस्तार होने के मद्देनजर मेडिकल कॉलेजों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को पूरा करने में असमर्थ हैं।
दरअसल, राज्य के मेडिकल कॉलेज लगातार फीसों में वृद्धि करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि मौजूदा फीस दरों पर विद्यार्थियों को बेहतर बुनियादी ढांचा और मानक शिक्षा मुहैया करवाने में मुश्किलें आ रही हैं।
बुधवार को मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग की साल 2016-17 और 2017-18 की प्रशासनिक रिपोर्टों को भी मंजूरी दे दी है। इसी के साथ पंजाब कृषि ग्रुप-ए सेवा नियम -2013 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.