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पंजाब में कर्फ्यू के दौरान 500 करोड़ की शराब तस्करी, 53 दिन में 1200 केस दर्ज हुए यानी औसतन हर दिन 23 मामले

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जालंधर. कोरोना को रोकने के लिए पंजाब में 23 मार्च से लगे कर्फ्यू के दौरान सबकुछ रुक गया था लेकिन शराब तस्करी बदस्तूर जारी रही। ठेके तो बंद रहे पर सूबे में देसी हो या अंग्रेजी अवैध शराब का धंधा खूब फला-फूला। इसमें हरियाणा से भी शराब की तस्करी जारी रही, जबकि बॉर्डर के इलाकों में भी अवैध शराब निकालने का धंधा जोरों पर रहा।

भास्कर ने कर्फ्यू के दौरान सूबे में हो रही शराब तस्करी की पड़ताल की तो पाया कि पुलिस और अधिकारियों की मिलीभगत से 53 दिन के भीतर तस्करों ने करीब 500 करोड़ रुपए की शराब पार लगा दी। 1800 रुपए शराब की पेटी 3000 हजार में बेची गई। जब तक कैप्टन सरकार केंद्र से शराब बेचने की इजाजत मांगती तब तक तस्करों ने करोड़ों रुपए कूट डाले। हालांकि, इस दौरान 22 जिलों के विभिन्न थानों में 15 मई तक पुलिस ने तस्करी के करीब 1200 मामले दर्ज किए और 900 से ज्यादा लोग गिरफ्तार और करीब 2 लाख लीटर लाहन (कच्ची शराब), सैकड़ों बोतलें शराब भी बरामद कीं।
जालंधर में 204, पटियाला में 95, संगरूर में 93, होशियारपुर में 76, गुरदासपुर में 73, बठिंडा में 25, मोगा में 26, अबोहर में 24, बटाला में 25 केस दर्ज किए गए। आप पार्टी के सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा द्वारा शराब माफिया के सरकारी तंत्र से गठजोड़ के बारे में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए कैप्टन ने पंजाब आईजी दिनकर गुप्ता से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।

लॉकडाउन में 2 से 3 गुना दाम पर बेची शराब की पेटी

शराब कारोबारी शराब तस्करों को चोरी छुपे शराब बेचते रहे है, जिसके चलते एक पेटी जिसकी कीमत 1800 रुपए है वह 3000 रुपए में बिकती रही है जबकि 2200 रुपए वाली पेटी चार हज़ार रुपए तक बिकी। बियर की पेटी जो 1800 की मिलती थी वह भी अब 3 से 4 हजार रुपए में मिलती रही।

3 जिलों की ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए… कैसे हुई शराब की तस्करी
जालंधर: जालंधर जिले में देहात व सिटी पुलिस ने सबसे ज्यादा 204 मामले दर्ज किए हैं। सिटी पुलिस ने 127 लोगों को शराब की तस्करी करते हुए 7233795 लीटर शराब बरामद की है। यह सारी शराब ठेके की है। जबकि देहात पुलिस द्वारा दर्ज 96 मामलों में कुल 92 तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनसे 4279 लीटर शराब काबू की है।
गुरदासपुर: पुलिस ने शराब तस्करी के कुल 98 मामले दर्ज किए। सभी मामले ग्रामीण इलाकों में सामने आए, लेकिन इन इलाकों से शहरों में अवैध शराब की तस्करी चलती रही। पिछले 50 दिनों में जिला पुलिस ने 10 लाख 06 हजार 470 एमएल अवैध शराब, 4060 किलो लाहन और 554 ठेका मार्का बोतल शराब पकड़ी। बटाला पुलिस ने 13 थानों में 25 विभिन्न केस दर्ज किए व 90 हजार 750 एमएल नजायज शराब व 276  किलो लाहन बरामद की।
होशियारपुर:  पुलिस की सख्ती के बावजूद गांवों समेत होशियारपुर के मोहल्लों में शराब की तस्करी का धंधा जोरों से चलता रहा है। होशियारपुर पुलिस ने लॉकडाउन व कर्फ्यू दौरान 97 के करीब शराब की तस्करी करने वाले लोगों को काबू कर अलग-अलग थानों में 76 मामले दर्ज कर 8503  बोतल, 3095  पेटियां व 393750 एमएल शराब बरामद की है।

शराब के स्टॉक के रिकाॅर्ड का मिलान भी करवा रही सरकार
एक्साइज विभाग और पुलिस अब शराब के गोदामों में स्टाॅक को लेकर जांच कर रही है। स्टॉक मिलाने और जांच का काम पूरा होने के बाद एक्साइज विभाग सरकार को रिपोर्ट देगा। अगर गोदाम और ठेकेदार के स्टॉक में कोई गड़बड़ी पाई गई तो ठेकेदार का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। वहीं, सरकार ने तस्करों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

सरकार को राजस्व का नुकसान…

  • लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री न होने से 526 करोड़ के राजस्व का नुकसान।
  • सरकार को एक्साइज से एक साल में 6 हजार 201 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है।
  • पटियाला में शराब की जो फैक्ट्ररी पकड़ी गई है उसी से 500 करोड़ की शराब की बिक्री का अनुमान है।
  • हरियाणा, चंडीगढ व हिमाचल से भी पंजाब में तस्करी की जाती है।

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