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पंजाब पुलिस के डीएसपी ने उठाई रेशियल डिस्क्रिमिनेशन के विरुद्ध आवाज,लंदन में शांतिमयी प्रोटेस्ट के जरिए की मेजर जनरल सर हेनरी हैवलॉक और रॉबर्ट क्लाइव की प्रतिमा को हटाने की मांग

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‘यारो लहू मेरे की है तासीर ही कुछ ऐसी है,अच्छे लगे कभी न दिल को जुल्मी चेहरे, हेनरी हैवलाॅक और राॅबर्ट क्लाइव के तभी बुत रड़कते रहे आंखों में मेरे।’अपने लिखे गीत की इन्हीं कुछ पंक्तियां गाकर पंजाब पुलिस के डीएसपी गुरजोत सिंह क्लेर ने इन दोनों क्लोनियल स्टेचूज को लंदन की सेंट्रल प्लेस ट्राफलगर स्कवैर से हटाने की मांग की है।अपने साथियों के साथ गुरजोत ने एक शांतिमयी प्रोटेस्ट के जरिए अपनी आवाज उठाते हुए सच,न्याय और अहिंसा पर जोर दिया जो गांधीवादी सिद्धांतों का प्रतिबिंब हैं। इसमें इनका साथ सिमरजीत सिंह बब्बर,अमनिंदर सिंह कोहली और मोहनी सिंह दे रहे हैं।

बता दें कि अमरीका में पुलिस कस्टडी में हुई जॉर्ज फ्लाॅयड की मौत के बाद दासतां के प्रतीकों को हटाने के अभियान ने जोर पकड़ लिया है। क्रिस्टोफर कोलंबस, सेसिल रोड्स और बेल्जियम के राजा लियोपोल्ड द्वितीय की प्रतिमाएं हटाने समेत दुनियाभर में फैल गया है और न्यूयॉर्क, ब्रेसल्स, इंग्लैंड,ऑक्सफोर्ड जैसे शहरों में स्टेच्यु तोड़ने की घटनाएं सामने आई हैं। गुरजोत खुद ब्रिस्टल में रहते हैं और 7 जून को ब्रिस्टल में 18वीं सदी के ब्रिटिश स्लेव ट्रेडर एडवर्ड कॉल्सटल के स्टेचू को बड़ी बेरहमी से गिराया गया।

गुरजोत ने बताया कि दुनियाभर में फैली रेशियल डिस्क्रिमिनेशन को लेकर हो रही हिंसा को हमनें अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया पर तो देखा। लेकिन जब मेरी और कई दूसरे भारतियों की आंखों के सामने एडवर्ड कॉल्सटल के स्टेचू को गिराया गया तो किताबों में पढ़ा पूरा इतिहास ध्यान में आ गया। याद आया कि भारतियों के साथ भी रेशियल डिस्क्रिमिनेशन हुआ है और हमें कलोनियलिज्म का प्रचार करते दूसरे स्टेच्युज को भी हटाना होगा लेकिन शांतिमयी ढंग से प्रदर्शन करते हुए।

तीन मांगें 

  1. मेजर जनरल सर हेनरी हैवलॉक की प्रतिमा को हटाना-हेनरी हैवलॉक एक हत्यारा था और उसने असंख्य भारतीयों की हत्या की। स्वतंत्रता के लिए भारत के पहले संघर्ष,1857 के विद्रोह को उसने बेरहमी से दबा दिया था।
  2. रॉबर्ट क्लाइव की प्रतिमा को हटाना- रॉबर्ट क्लाइव ने  भारत के धन को लूटा था। वह सिंध की बर्बादी और बंगाल में अकाल के लिए जिम्मेदार था।
  3. हैवलॉक रोड का नाम बदलकर गुरु नानक देव रोड रखा जाए क्योंकि भारत के बाहर सिखों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा हैवलॉक रोड पर स्थित है।

यूके की सरकार के साथ शुरू की याचिका

गुरजोत ने बताया कि हमने यूनाइटेड किंगडम की सरकार के साथ एक याचिका भी शुरू की है और लोगों के हस्ताक्षर ले रहे हैं। लंदन में इंडिया हाउस से वॉक से ट्राफलगर स्क्वायर तक मार्च किया। लगगभग 250 लोगों ने वाॅक की शुरुआत की। लेकिन पुलिस ने उन्हें  बीच रास्ते में रोक दिया। उन्होंने इतने लोगों के साथ कुछ भी करने की अनुमति से इनकार किया और कोरोना लॉकडाउन का संदर्भ दिया।हालांकि, बातचीत के बाद उन्होंने केवल कुछ लोगों को एक प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने की अनुमति दी। हमने उन्हें आश्वस्त किया कि यह एक हिंसक विरोध नहीं था बल्कि एक शांतिपूर्ण अनुरोध था।हमने ब्रिटेन के लोगों के लिए एक सुंदर उदाहरण भी दिया है कि वे किसी भी तरह की हिंसा में लिप्त या बढ़ावा न दें जैसे कि पिछले रविवार को देखा गया था जब ब्लैक लिव्स मैटर के विरोध के तहत एडवर्ड कॉलस्टन की एक मूर्ति को हिंसक रूप से गिराया गया था।

पूर्व मेयर ने की थी स्टेच्यु हटाने की मांग

लंदन के पूर्व मेयर केन लिविंगस्टोन ने भी साल 2000 में वहां की पार्लियामेंट में हेनरी हैवलॉक की स्टेच्यु को यह कहकर हटाने की मांग की थी कि यह आज के युग में महत्वपूर्ण नहीं है। इसे भले ही एजुकेशनल या हिस्टोरिकल पर्पज से म्यूजियम में रख दें लेकिन शहर के बीचोबीच ये स्टेचू कोलोनिज्म को ग्लोरिफाई करता हे जो युवाओं को अच्छा संदेश नहीं देता है।

मैं सिटीजन इन यूनिफॉर्म हूं

पंजाब पुलिस मोहाली में डीएसपी गुरजोत सिंह क्लेर इन दिनों अपने पर्सनल प्रोजेक्ट के लिए ब्रिस्टल में हैं। बताते हैं कि जब रेशियल डिस्क्रिमिनेशन के नाम पर हो रही हिंसा देखकर बहुत बुरा फील हुआ। चूंकी मैं सिटीजन इन यूनिफॉर्म हूं। लिहाजा मुझे भी लगा कि इस मूवमेंट के लिए आवाज उठाऊं। ये सही वक्त है और मैं अपने देश को यहां रिप्रेजेंट करता हूं। यह मुहीम मेरी पर्सनल नहीं देश के फायदे की है। इसलिए अब मैं यहां यूके के इंडियंस को अप्रोच कर रहा हूं। साथ ही पीएमओ इंडिया और विदेश मंत्रालय को भी इसके लिए लिखित रिप्रेजेंटेशन भेजूंगा। अपनी बात का समापन गुरजोत ने अपने लिखे इस गीत की अंतिम पंक्तियों से की। इसके बोल हैं, ‘पी लिया लहू इन्होंने देश मेरे के लोगों का, सारी जनता के ऊपर किए जुल्म हजारों, जो कहलाता था चिड़िया कभी सोने की, लूट कर ले गए सारा देश ये लुटेरे।’

पहले भी उठाए हैं सोशल इशूज

गुरजोत पहले भी सोशल इशूज को अपने गीतों,पोएट्री और किताबों के जरिए उठाते रहे हैं। अपने गीत हीरो फार्मर के जरिए गुरजोत ने किसानों की दास्तां को बयां किया तो गीत, दिल से सलाम के जरिए देश के वीर जवानों को सलाम किया। इनकी किताब,न्यू इंडिया- द रिएलिटी रीलोडेड में देश के अहम मुद्दों को उठाया है।

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