ना झीलें मिटने देंगे, ना चिमनियां टूटने देंगे, Sukhbeer Badal से मिलकर बनाएंगे रणनिती
कैप्टन सरकार बठिंडा के रुप को नहीं बिगाड़ सकती, चाहे जो भी कीमत देनी पड़े बठिंडावासी लड़ेंगे
♠अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह सीरा सिद्धु ने बठिंडा थर्मल प्लांट बेचने को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की नालायकी बताया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और पूर्व सीपीएस सरूप सिंगला के साथ मिलकर मामले की रणनीति तैयार की जा रही है।
सीरा ने कहा कि वह
ना झीलें मिटने देंगे, ना चिमनियां टूटने देंगे। चाहे जो भी कीमत देनी पड़े वह लड़ेंगे। कैप्टन सरकार बठिंडा के रुप को नहीं बिगाड़ सकती।सीरा सिद्धु ने कहा कि चुनाव प्रचार दौरान मनप्रीत बादल थर्मल की चिमनियों से धुआं बंद देख बेहद भावुक दिखते थे। उन्होंने वायदा किया था कि इस थर्मल प्लांट को वह चालू करा के रहेंगें, लेकिन उन्होंने जीतने के बाद रंग बदल लिया। उन्होंने ने कहा कि बादल सरकार ने थर्मल प्लांट का रैनोवेशन कराया था। पर कांग्रेस सरकार ने भट्ठा बैठा दिया। उन्होंने कहा कि उक्त प्लांट सरकार को दोबारा चालू करना चाहिए। यह बठिंडा का गर्व है। मान है। शान है। इसके लिए साारा बठिंडा एक जुट हैै।
बठिंडा थर्मल की 1764 एकड़ भूमि बेचने के लिए सरकार ने सोमवार को कैबिनेट के फैसले के बाद मुहर लगा दी। मुख्य मंत्री के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इस फैसले से झीलों के शहर से मशहूर बठिंडा में झीलों का अस्तितव खत्म हो जाएगा और गुरू नानक देव थर्मल प्लांट की चिमनियों को भी तोड़ दिया जाएगा बताते चलें कि
पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को बठिंडा के बंद गुरु नानक देव थर्मल पावर प्लांट की 1764 एकड़ जमीन के पुनर्विकास के लिए मंजूरी दे दी। इसका अधिग्रहण पंजाब शहरी विकास प्राधिकरण (पूडा) द्वारा किया जाएगा। इसका अधिग्रहण आवास और शहरी विकास विभाग के तहत किया जाएगा।
यह भूमि अब तक पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की थी। यह 80:20 राजस्व साझाकरण योजना के माध्यम से विकसित की जाएगी। पंजाब कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। कैबिनेट ने पुडा को इस भूमि को विकसित करने और साइट को बेचने के लिए राज्य सरकार की गारंट पर 100 करोड़ रुपये का ऋण लेने की मंजूरी भी दी। इससे वह इस क्षेत्र को विकसित की प्लाट आदि बेच सकेगा।
ऐसे में थर्मल प्लांट की 2000 करोड़ की बेहद कीमती जमीन बेचने का रास्ता साफ हो गया है। इससे शहर में आक्रोश की लहर है।
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