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दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार प्रदूषण में आई 17% की कमी

लॉकडाउन (Lockdown) के कारण पिछले महीने दुनियाभर में कार्बन डाइऑक्साइड के रोजाना होने वाले उत्सर्जन में 17 प्रतिशत तक की कमी आई.

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केनसिंग्टन. कोरोना वायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण पिछले महीने दुनियाभर में कार्बन डाइऑक्साइड के रोजाना होने वाले उत्सर्जन में 17 प्रतिशत तक की कमी आई. एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि जब जनजीवन सामान्य होगा तो जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में प्रदूषण में थोड़े समय के लिए आई यह कमी समुद्र में एक बूंद के समान ही होगी.

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने आकलन किया कि प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है. इस साल यह चार से सात प्रतिशत के बीच रहेगा जो 2019 के स्तर से कम है. यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से कार्बन उत्सर्जन में सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है.

इन देशों में दर्ज की गिरावट

अगर लॉकडाउन संबंधित सख्त नियम दुनियाभर में पूरे साल बने रहते हैं तो प्रदूषण के स्तर में सात प्रतिशत तक की कमी आएगी और अगर उन्हें जल्द ही हटा दिया जाता है तो यह गिरावट चार प्रतिशत ही होगी. अप्रैल में एक हफ्ते में अमेरिका ने अपने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर में एक तिहाई तक कटौती की. विश्व के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक चीन ने फरवरी में कार्बन प्रदूषण में करीब एक चौथाई तक कटौती की. भारत और यूरोप ने क्रमश: 26 और 27 प्रतिशत तक की कटौती की. यह अध्ययन मंगलवार को पत्रिका नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित हुआ.

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