तीसरे मोर्चे की तैयारी नहीं:शरद पवार के घर हुई मीटिंग का एजेंडा थर्ड फ्रंट नहीं; राकांपा नेता ने कहा- मीटिंग उन्होंने नहीं बुलाई
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार के घर राष्ट्र मंच की बैठक हुई। TMC के उपाध्यक्ष और राष्ट्र मंच के संस्थापक यशवंत सिन्हा भी शरद पवार के घर मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता शरद पवार और यशवंत सिन्हा ने ही की। शरद पवार की मौजूदगी में हुई बैठक को लेकर राकांपा नेता मजीद मेमन का बयान आया है, जिसमें उन्होंने तीसरे मोर्चे की तैयारी के एजेंडे को खारिज किया है।
मेनन ने कहा, ‘मीडिया में कहा जा रहा है कि राष्ट्र मंच की बैठक शरद पवार ने भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों को एक साथ लाने के लिए बुलाई है। यह पूरी तरह गलत है। मैं साफ कर देना चाहता हूं मीटिंग शरद पवार के निवास पर जरूर हुई, लेकिन उन्होंने मीटिंग नहीं बुलाई है।
मुद्दों पर राय देने के लिए यशवंत सिन्हा टीम बनाएंगे
मीटिंग के बाद सपा नेता घनश्याम तिवारी ने कहा, ‘राष्ट्रमंच के कन्वेनर यशवंत सिन्हा को एक टीम बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। यह टीम देश के नागरिकों और संस्थाओं को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण विषयों पर मजबूत नजरिया सुझाएगी।’
मीटिंग में आप, सपा और वाम दल भी पहुंचे
मीटिंग में NCP से मजीद मेमन और वंदना चौहान, सीपीआई से राज्यसभा सांसद विनय विश्वम, आम आदमी पार्टी से सुशील गुप्ता, सपा से घनश्याम तिवारी, RLD से जयंत चौधरी, CPM से नीलोत्पल वसु और वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी, पत्रकार करण थापर और आशुतोष शामिल हुए।
पवार के शामिल होने से सियासी कयास लगे
बीते दिनों राष्ट्र मंच की बैठक पवार के घर होने के ऐलान के बाद से ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए थर्ड फ्रंट तैयार करने के कयास लगाए जाने लगे थे। वहीं, बैठक से पहले भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने भी कहा कि यह एक विफल हो चुकी सबसे ज्यादा नफरत वाली सरकार के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है। देश को बदलाव की जरूरत है। लोग बदलाव के लिए तैयार हैं।
मीटिंग से जुड़े लोगों ने सफाई दी
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि पवार साहब इस मीटिंग को होस्ट कर रहे हैं। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि वे अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए तीसरे मोर्चे की तैयारी कर रहे हैं।
राहुल बोले- समय आने पर बात करेंगे
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस मीटिंग को सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो भी बैठकें हो रही हैं, सही समय आने पर उन मुद्दों पर भी बात करेंगे। कोरोना मिसमैनेजमेंट पर वाइट पेपर जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मैं मुद्दों से ना खुद भटकना चाहता हूं और ना ही आपको भटकाना चाहता हूं।
कोरोना के बाद विपक्ष की पहली फिजिकल मीटिंग
कोरोना महामारी के बाद पहली बार विपक्षी पार्टियों के नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बजाए एक जगह इकट्ठा होकर मीटिंग करेंगे। राष्ट्र मंच के बैनर तले हो रही बैठक में 15 दलों के नेता शामिल हो सकते हैं। राष्ट्र मंच की बैठक में पवार पहली बार हिस्सा लेंगे। फिलहाल ये मंच राजनीतिक मोर्चा नहीं है, लेकिन भविष्य में इसके तीसरा मोर्चा बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
मीटिंग के बारे में अहम पॉइंट्स
- बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए यशवंत सिन्हा, आप सांसद संजय सिंह और भाकपा के डी. राजा शामिल होंगे। बैठक में संजय झा, पवन वर्मा और सुधींद्र कुलकर्णी भी मौजूद रहेंगे।
- इकोनॉमिस्ट और पब्लिक फिगर को भी चर्चा के लिए मीटिंग में आमंत्रित किया गया है।
- राजनेताओं के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व राजदूत केसी सिंह, गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म निर्माता प्रीतिश नंदी, एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस, फिल्म निर्माता प्रीतिश नंदी और मीडिया से जुड़े करण थापर और आशुतोष मंगलवार की बैठक में शामिल होंगे।
- एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगीं कि दोनों के बीच तीसरा मोर्चा बनाने के तरीकों पर चर्चा हुई।
- हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले किशोर ने 11 जून को भी पवार से मुलाकात की थी।
- बैठक में कांग्रेस का कोई भी नेता शामिल होगा।
- कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित बैठक के बारे में पार्टी से संपर्क नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, G-23 सदस्यों कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और मनीष तिवारी को न्योता भेजा गया था। इनमें से दो ने मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया और एक ने राजधानी में नहीं होने की पुष्टि की।
बैठक को लेकर 3 अटकलें
1. 2024 के आम चुनाव के लिए अभी से तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
2. पवार तीसरे मोर्चे के संयोजक की भूमिका निभा सकते हैं।
3. प्रशांत किशोर बंगाल चुनाव में ममता की जीत के बाद उन्हें तीसरे मोर्चे का चेहरा बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
बंगाल में केंद्र और राज्य सरकार में टकराव जारी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही राष्ट्र मंच पर अपनी मुहर लगा चुकी हैं। बंगाल में ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच भी तनातनी जारी है। इससे पहले ममता भी विपक्ष को इकट्ठा करने की कोशिश कर चुकी हैं। उन्होंने अपनी चुनावी सभाओं में कहा था कि विपक्षी पार्टियां चाहें तो मिलकर 2024 के चुनाव में मोदी को हरा सकती हैं, लेकिन अभी हमें कोरोना से लड़ने पर ध्यान देना होगा।