डेल्टा+ वैरिएंट के लिए केंद्र की गाइडलाइन:टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाएं, कंटेनमेंट में कोई कोताही न बरतें; 8 राज्यों के 10 जिलों में अलर्ट
केंद्र सरकार ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के लिए अलर्ट किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 8 राज्यों के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर डेल्टा प्लस के लिए पूरी तैयारी करने को कहा है। इनमें आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं।
चिट्ठी में केंद्र ने कहा है कि कोरोना के इस वैरिएंट के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन की रफ्तार और बढ़ाने की जरूरत है। जहां-जहां भी डेल्टा प्लस के केस मिलते हैं, वहां सख्त कंटेनमेंट के इंतजाम किए जाएं। इसमें कोताही न बरती जाए। केंद्र ने 10 जिलों में अलर्ट भी जारी किया है।
इन राज्यों के 10 जिलों में अलर्ट
- तमिलनाडु- मदुरई, कांचीपुरम और चेन्नई
- राजस्थान- बीकानेर
- कर्नाटक- मैसूरु
- पंजाब- पटियाला और लुधियाना
- जम्मू कश्मीर- कटरा
- हरियाणा- फरीदाबाद
- गुजरात- सूरत
- आंध्र प्रदेश- तिरुपति
सरकार की गाइडलाइन के अहम पॉइंट्स
- जिन राज्यों या जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिलें, वहां भीड़ को रोकने और लोगों के मिलने-जुलने और आवाजाही पर नियंत्रण के लिए तत्काल जरूरी उपाय किए जाएं।
- जिन जिलों में डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहां तत्काल प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। पाबंदियों का सख्ती से पालन कराया जाए।
- कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्शिया (INSACOG) की प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।
देश में अब तक डेल्टा प्लस के 51 केस
सरकार के मुताबिक, देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस बढ़कर 51 हो गए हैं। अब तक कुल 12 राज्यों में इस वैरिएंट के केस पाए गए हैं। 45 हजार सैंपल की जांच में सबसे ज्यादा 22 मामले महाराष्ट्र में रिपोर्ट किए गए हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 8, केरल में 3, पंजाब और गुजरात 2-2, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक केस की पुष्टि हुई है।
2 दिन पहले MP, महाराष्ट्र और केरल को जारी किया था अलर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 दिन पहले मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और केरल को अलर्ट जारी किया था। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी गई।
10 दिन में पता चलेगा वैक्सीन का असर
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने शुक्रवार को कहा था कि 10 दिनों में पता लग जाएगा कि डेल्टा प्लस पर वैक्सीन कितनी कारगर है। उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट में म्युटेशन प्रेशर से भी होता है और उसे ज्यादा बेहतर माहौल मिलने से होता है।
डेल्टा-प्लस वैरिएंट क्या है?
- भारत में मिले कोरोनावायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है। B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोनावायरस के बीटा और गामा वैरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वैरिएंट को डेल्टा+ वैरिएंट या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।
- K417N म्यूटेशन वाले ये वैरिएंट्स ओरिजिनल वायरस से अधिक इंफेक्शियस हैं। वैक्सीन व दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं। दरअसल, B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) निकला है। इसी लाइनेज के दो और वैरिएंट्स हैं- B.1.617.1 और B.1.617.3, जिनमें B.1.617.1 को WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की लिस्ट में रखा है और कप्पा नाम दिया है।