टोक्यो गेम्स तय समय पर होंगे?:ओलिंपिक के लिए कोरोना वैक्सीन या इलाज जरूरी, आज जैसे हालात में गेम्स होना बेहद मुश्किल: ऑर्गनाइजर्स
टोक्यो ओलिपिंक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने कहा- मौजूदा कोरोना हालात 2021 तक रहे तो स्थिति भयानक होगी इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा था- टोक्यो ओलिंपिक तय समय पर ही होंगे
टोक्यो ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने अगले साल होने वाले गेम्स के लिए कोरोना की वैक्सीन को जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक के लिए कोरोना की वैक्सीन या इलाज जरूरी है। यदि आज जैसे हालात ही अगले साल तक रहे तो गेम्स होना बेहद मुश्किल होगा। कोरोना के कारण टोक्यो ओलिंपिक 2020 को एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब यह गेम्स 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक होंगे।
एक अखबार को दिए इंटरव्यू में मोरी ने कहा, ‘‘आज जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसको देखकर एक साल बाद की स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती है। यदि आज जैसे हालात रहे तो अगले साल ओलिंपिक का होना मुश्किल है। हम इसे नहीं करवाएंगे। ओलिंपिक में कम दर्शकों को इंट्री देना भी बेहद मुश्किल है।’’
अगले साल तक जापान में हालात सुधरने के आसार नहीं
योशिरो मोरी ने कहा कि जापान में बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि एक साल बाद इसमें कमी आएगी। जापान में अब तक 989 लोगों की मौत हो चुकी है। टोक्यो में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है।
दर्शकों के साथ होगा टोक्यो ओलिंपिक: आईओसी अध्यक्ष
हाल ही में इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा था, ‘‘टोक्यो ओलिंपिक तय समय पर ही होंगे। गेम्स पर कोरोना का कोई खतरा नहीं है। इस टूर्नामेंट में दर्शकों को भी एंट्री मिल सकेगी। खिलाड़ी से लेकर सभी की सुरक्षा के लिए जरूरी सुविधाओं पर काम किया जा रहा है।’’ वहीं, आईओसी के सीईओ तोशिरो मुटो ने कहा था कि इस साल दिसंबर तक कोरोना की स्थिति देखकर हम सभी को यह पता चल जाएगा कि आगे हमें क्या करना है।
सर्वे में ज्यादातर लोग ओलिंपिक के पक्ष में नहीं
जापानी मीडिया के मुताबिक, कुछ दिन पहले सर्वे में यह बात सामने आई थी कि टोक्यो में रहने वाले ज्यादातर लोग 2021 में ओलिंपिक कराने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गेम्स को टाल या रद्द कर देना चाहिए। 51.7% ने गेम्स को टालने की बात कही, जबकि 46.3% लोग चाहते हैं कि ओलंपिक तय समय पर कराए जाएं।
विश्व युद्ध के कारण 3 बार ओलिंपिक रद्द हुए
- बर्लिन ओलिंपिक : 1916 के ओलिंपिक बर्लिन में होने थे। 27 और 28 जून 1914 को बर्लिन स्टेडियम में टेस्ट इवेंट भी हो गए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के आर्कड्यूक फ्रेंक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की सेराजेवो में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद प्रथम विश्व युद्ध छिड़ गया और इन खेलों को रद्द कर दिया गया।
- टोक्यो ओलिंपिक : 2020 से 80 साल पहले टोक्यो को इन खेलों की मेजबानी मिली थी। उसने बार्सिलोना, रोम और हेलसिंकी को पीछे छोड़ते हुए पहली बार यह मौका हासिल किया था। लेकिन चीन के साथ युद्ध और सेकंड वर्ल्ड वॉर के कारण उसे मेजबानी से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद हेलसिंकी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।
- लंदन ओलिंपिक : 1940 का टोक्यो ओलिंपिक रद्द होने के बाद आईओसी की बैठक में 1944 के ओलिंपिक की मेजबानी लंदन को सौंपी गई। अगर सब ठीक रहता है तो लंदन 36 साल बाद दूसरी बार इन खेलों को आयोजित करता। लेकिन मेजबानी मिलने के 3 महीने बाद ही ब्रिटेन ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। इस वजह से खेल हुए ही नहीं। इसके बाद इटली में यह गेम्स होने थे। लेकिन इन्हें भी बाद में कैंसिल कर दिया गया।
ओलिंपिक टलने से जापान को 56 हजार करोड़ रु. का नुकसान
जापान की डेली निक्कन स्पोर्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, ताकाशाही ने कहा है कि ओलिंपिक के रद्द होने से जापान और विश्व की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। इसके रद्द होने से काफी ज्यादा नुकसान होगा। ताकाशाही ने नुकसान की कीमत नहीं बताई है। हालांकि, ओलिंपिक के एक साल टलने से जापान को पहले ही 56 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। साथ ही उस पर 20 करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा खर्च भी बढ़ गया है।
रद्द करने को लेकर नहीं हुई है अभी तक चर्चा
टोक्यो ओलिंपिक के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने 12 जून को कहा था कि खेलों को रद्द करने को लेकर आईओसी के साथ कोई बात नहीं की गई थी। उन्होंने आयोजन समिति की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कहा था कि आईओसी को हर पहलू पर समीक्षा के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए।
ओलिंपिक को टालना मुश्किल
खेलों के व्यस्त शेड्यूल के चलते ओलिंपिक का अगले साल भी टलना मुश्किल लग रहा है। 2022 में फुटबॉल का वर्ल्ड कप कतर में होना है। वहीं, बीजिंग में 2022 विंटर ओलिंपिक भी होने हैं। ऐसे में यदि कोरोना का खतरा बढ़ता है, तो टोक्यो गेम्स रद्द होने की पूरी आशंका है।