जालंधर में बनाए जाते हैं दुनिया में इस्तेमाल हाेने वाले करीब 80 फीसदी क्रिकेट बैट, आईपीएल समेत बड़े टूर्नामेंट कैंसिल होने से इंडस्ट्री खतरे में
काेराेनावायरस की मार से क्रिकेट भी नहीं बच पाया है। आईपीएल शुरू हाेने पर स्थानीय इंडस्ट्री काे काफी बूम मिला था लेकिन इस बार पहले आईपीएल और फिर बाहरी देशाें में खेले जाने वाले बड़े टूर्नामेंट कैंसिल हाेने से स्पाेर्ट्स इंडस्ट्री संकट में है। स्पाेर्ट्स इंडस्ट्री के बड़े काराेबारियाें का कहना है कि पूरी दुनियाभर में इस्तेमाल हाेने वाले करीब 80 फीसदी बैट का निर्माण जालंधर में हाेता है। अब बदले हालात में आग क्या हाेगा, पक्के ताैर पर नहीं कह सकते। शहर में छाेटी-बड़ी 20 से ज्यादा फैक्ट्रियाें में 1500 से ज्यादा वर्कर हर वैरायटी के बैट तैयार करते हैं।
भारत में इस सीजन के दौरान आईपीएल को लेकर दीवानगी पूरे चरम पर होती है, आईपीएल से पूरे देश भर में करोड़ों का बिजनेस होता है। जिसमें एक बड़ी भूमिका जालंधर से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की भी रहती है स्पेशली जिनका काम क्रिकेट बैट बनाना है। लेकिन इस बार देश और अन्य देशों में भी सारा क्रिकेट सीजन ही बंद पड़ा है। दुनिया में भारत के साथ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ही क्रिकेट इंडस्ट्री की मुख्य मार्केट है लेकिन तीनों देशों में सभी टूर्नामेंट स्थगित है। सभी खेल स्टेडियम कोचिंग स्टेडियम बंद पड़े हैं यहां तक कि खिलाड़ी भी घरों में ही कैद है। इस सारे मामले में जालंधर की क्रिकेट बैट इंडस्ट्री को भी काफी नुकसान हो रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप पर भी पड़ेगा असर
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद जालंधर की खेल इंडस्ट्री ने भले ही कुछ वर्करों के साथ काम शुरू कर दिया है, लेकिन उन्हें भविष्य की चिंता है कि जो स्टॉक वह बना रहे हैं वह कब तक क्लियर होगा। क्योंकि 6 महीने तक बड़ा टूर्नामेंट नहीं होगा। क्रिकेट एक्सपर्ट की मानें तो अप्रैल से इंग्लैंड में क्रिकेट का सीजन शुरू हो जाता है लेकिन कोरोना के चलते वहां पर भी टूर्नामेंट स्थगित कर दिए गए हैं। जालंधर की बैट इंडस्ट्री द्वारा जो आॅर्डर इंग्लैंड को प्रोवाइड करवाए गए हैं, वही माल अभी तक वहां की मार्केट से क्लियर नहीं हुआ। क्योंकि सभी शोरूम और दुकानें बंद हैं। अगर पुराना माल नहीं बिकेगा तो नया ऑर्डर नहीं आएगा। ऑस्ट्रेलिया में भी इस साल टी-20 वर्ल्ड कप अक्टूबर में खेला जाना था, लेकिन वहां भी हालात अभी सामान्य नहीं हैं। टी-20 वर्ल्ड कप पर भी कोरोना वायरस का प्रकोप पड़ता नजर आ रहा है।
इन बड़ी कंपनियों के बैट तैयार होते हैं जालंधर में प्रोटोस, न्यू बैलेंस, ग्रे- निक्कल, स्पार्टन, बीट ऑल स्पोर्ट्स, एएनएम केजी, सहित 80 फीसदी तक पूरी दुनिया को बैट जालंधर की इंडस्ट्री ही प्रोवाइड करवाती है
ये कहना है सिटी के कारोबारियों का़ इंग्लिश विलो मिलने में 3-4 महीने लगेंगे
एमडी रेनसन स्पोर्ट्स रघुनाथ सिंह राणा का ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के बाद क्रिकेट बैट इंडस्ट्री शुरू हो चुकी है, लेकिन चिंता का विषय यह है कि वुड (लकड़ी) का स्टॉक सभी इंडस्ट्री के पास 15 से 20 दिन का ही रहेगा। इंग्लिश विलो लकड़ी इंग्लैंड से आती है और यह काफी लंबा प्रोसेस है, लकड़ी समुंदर के रास्ते से मुंबई और वहां से फिर आगे जालंधर पहुंचती है। अगर हम अब अाॅर्डर करेंगे तो वह लकड़ी हमारे पास 3 से 4 महीने तक पहुंचेगी, जो प्रोसेस अभी बंद है। लेकिन अभी इंडस्ट्रीज के पास ज्यादा से ज्यादा 20 से 25 दिन का स्टॉक है। ऐसे में वर्करों को काम देने की चिंता है। जो माल हम तैयार कर रहे हैं, उसे मार्केट में बेचने की भी चिंता बढ़ गई है। क्रिकेट का सीजन चल रहा है लेकिन सभी डोमेस्टिक नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेट का खेल बंद हैं।
हालात कब सामान्य होंगे, अभी कुछ पता नहीं
ग्रे-निक्कल के एमडी और वर्ल्ड कप में भारत के ऑफिशल स्पॉन्सर अरविंद अबरोल ने कहा कि भारत में कॉलेज, यूनिवर्सिटी से लेकर डोमेस्टिक सीजन और आईपीएल, इंटरनेशनल स्तर की क्रिकेट सब बंद है। सबसे ज्यादा चिंता का विषय है कि जो स्टॉक उनके पास पड़ा है। वहीं, नहीं आगे बिक रहा क्योंकि मार्केट पूरी स्लोडाउन है। अगर पुराना सामान नहीं बिकेगा तो नया ऑर्डर कहां से आएगा, पूरी दुनिया में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत से क्रिकेट की इंडस्ट्री चलती है। इन्हीं तीनों देशों से मुख्य रूप से क्रिकेट का सीजन चलता है लेकिन अब सभी देशों में कोरोना इफेक्ट बढ़ रहा है। क्रिकेट बैट सहित अन्य सामान की सेल पूरी तरह से बंद है। जिन इंडस्ट्री के पास 500- 600 वर्कर काम कर रहे हैं उन्हें काफी समस्या आने वाली है, क्योंकि इंडस्ट्री शुरू हो चुकी है भारत सही इंटरनेशनल सभी आॅर्डर मिल नहीं रहे और जो स्टॉक बन रहा है वह कहां पर सेल होगा और आखिर कितने महीनों बाद हालात सामान्य होंगे, किसी को कुछ पता नहीं। यह सब चिंता का विषय है।